मेरठ-गाजियाबाद में दक्षिण कोरिया की तर्ज पर खुलेगा वर्चुअल स्टोर, देश में पहली बार RapidX स्टेशनों पर मिलेगी सुविधा, QR कोड से ऑर्डर करते ही घर पहुंच जाएगा सामान

देश की फर्स्ट रीजनल रैपिडएक्स (Rapid Rail) में सफर करने वाले लोग अब स्टेशनों पर वर्चुअल स्टोर से खरीदारी कर सकेंगे। यहां वे स्टेशन पर खड़े होकर ऑनलाइन ऑर्डर करेंगे, वहां कुछ ही घंटों में सामान उनके घर पहुंच जाएगा।
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देश की फर्स्ट रीजनल रैपिडएक्स (Rapid Rail) में सफर करने वाले लोग अब स्टेशनों पर वर्चुअल स्टोर से खरीदारी कर सकेंगे। यहां वे स्टेशन पर खड़े होकर ऑनलाइन ऑर्डर करेंगे, और कुछ ही घंटों में सामान उनके घर पहुंच जाएगा। दक्षिण कोरिया के मशहूर वर्चुअल स्टोर्स की तर्ज पर भारत में पहली बार लोगों को यह सुविधा मिलने जा रही है।READ ALSO:-काम की खबर : अकाउंट बैलेंस जीरो होने पर भी नहीं लगेगी पेनाल्टी, जानिए क्या कहता है RBI का नियम

 

मेरठ-दिल्ली और गाजियाबाद में वर्चुअल स्टोर खुल सकते हैं
NCRTC के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने कहा, यह योजना अब भारत में पहली बार लाई जा रही है। इस तरह के वर्चुअल स्टोर्स की योजना 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RapidX कॉरिडोर पर बनाई जा रही है। ये वर्चुअल स्टोर उपयोगकर्ता को वस्तुतः वस्तुओं का चयन करने का अवसर देंगे।

 

उपयोगकर्ता अपने मूल स्थान से खरीदारी करेंगे और खरीदे गए सामान को उनके गंतव्य स्टेशन तक पहुंचाया जाएगा। यह परिवहन ई-कॉमर्स या अन्य तरीकों की तुलना में तेज साबित हो सकता है। माना जा रहा है कि ऐसा एक-एक वर्चुअल स्टोर मेरठ, दिल्ली और गाजियाबाद में खोला जा सकता है।

 गाजियाबाद में दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच पांच रैपिडएक्स स्टेशन तैयार हो चुके हैं। कभी भी रैपिडएक्स का संचालन शुरू हो सकता है।

अबआपको जानकारी देते हैं कि वर्चुअल स्टोर दक्षिण कोरिया में कैसे आया...

 

यह तकनीक दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में साल 2010-12 के आसपास आई थी। ब्रिटिश चेन टेस्को, जिसे दक्षिण कोरिया में होम प्लस के नाम से जाना जाता है। टेस्को ने पूरे देश में और अधिक स्टोर खोले बिना किराना उत्पादों की बिक्री बढ़ाने की योजना बनाई थी। इसके तहत सियोल में रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों के पास वर्चुअल स्टोर खोले गए। इन स्टोर्स पर पहुंचने पर कई बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगी होती हैं, जहां डिस्प्ले पर हर सामान नजर आता है। ये डिस्प्ले ठीक वैसे ही दिखाई देते हैं जैसे दुकान में सामान रखा होता है।

 ये दक्षिण कोरिया में एक सबवे का वर्चुअल स्टोर है। डिस्प्ले देखने पर ऐसा लगता है, जैसे सामान रखा हो, लेकिन ये सिर्फ डिस्प्ले है। - Dainik Bhaskar

Buyer डिस्प्ले पर जो भी सामान चाहिए उसको को अपने स्मार्टफोन से स्कैन करेगा, और ऑर्डर देगा और तुरंत पेमेंट कर देगा। इसके बाद कुछ ही घंटों में ये सामान संबंधित व्यक्ति के घर पहुंचा दिया जाता है। वर्चुअल स्टोर खोलने के बाद टेस्को की ऑनलाइन बिक्री 130 गुना तक बढ़ गई थी। यह योजना इसलिए लाई गई क्योंकि लोगों के पास बाजार जाने और सामान खरीदने का समय नहीं था। इसलिए जब वे बस या रेलवे स्टेशन पर परिवहन की प्रतीक्षा कर रहे हों, तो वे वर्चुअल शॉपिंग करके उस समय का सदुपयोग कर सकते हैं।

 

बड़े ब्रांड आमंत्रित - स्टेशन के साथ अपना नाम जोड़ें
NCRTC के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने कहा, "RapidX की वित्तीय स्थिरता के लिए हम गैर-उचित बॉक्स राजस्व विकल्प तलाश रहे हैं। इसमें पैनल विज्ञापन, अनुभवात्मक विज्ञापन, खुदरा दुकानें, अर्ध-नामकरण अधिकार, रियल एस्टेट विकास आदि शामिल हैं।

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NCRTC के एमडी ने कहा, RapidX के स्टेशन आमतौर पर 4-5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होते हैं। ये स्टेशन परिवहन के अन्य साधनों से जुड़े हुए हैं। बड़े ब्रांड अपने नाम को RapidX स्टेशन के साथ जोड़कर एक अद्वितीय रिकॉल वैल्यू बना सकते हैं।

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Airport की तरह एक ब्रांड को प्रोडक्ट बेचने का अधिकार मिलेगा
वित्तीय स्थिरता के लिए, NCRTC सभी स्टेशनों पर एक विशेष श्रेणी के उत्पादों को बेचने के लिए ब्रांडों को विशेष अधिकार देगा। यह हवाई अड्डों के समान होगा, जहां केवल कुछ ब्रांड को ही पेय पदार्थ बेचने का अधिकार दिया जाता है। कुल मिलाकर, RapidX का संचालन करते समय, NCRTC राजस्व सृजन के स्रोतों की भी तलाश कर रहा है।
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