UPI से पेमेंट 1 अप्रैल से होगा महंगा, 2000 से ज्यादा ट्रांसफर करने पर लगेगा इतना चार्ज!

एनपीसीआई (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए व्यापारियों को किए गए भुगतान पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) शुल्क लगाने का सुझाव दिया है। यह अधिभार Zeepay, PhonePe या Paytm जैसे यूपीआई (UPI) ऐप के माध्यम से 2,000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर लगाया जाना तय है।
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अगर आप ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए है। 1 अप्रैल से Gpay, Phonepe, Paytm आदि ऐप से पेमेंट करने पर चार्ज देना पड़ सकता है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसके तहत यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए मर्चेंट ट्रांजेक्शन पर शुल्क लगाने का सुझाव दिया गया है। इसका मतलब है कि अगले महीने से आपको मर्चेंट ट्रांजेक्शन पर पैसा खर्च करना पड़ सकता है।Read Also:-काम की खबर : राशन कार्ड को आधार से लिंक करने की तारीख बढ़ी, ऐसे करें घर बैठे लिंक

 

एनपीसीआई (NPCI) ने मर्चेंट लेनदेन पर 'प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट' (PPI) शुल्क लगाने का सुझाव दिया है। रिपोर्टों के मुताबिक, यूपीआई (UPI) भुगतान प्रणाली की गवर्निंग बॉडी 2,000 रुपये से ऊपर के यूपीआई (UPI) भुगतान पर पीपीआई शुल्क लगाने पर विचार कर रही है। इस मामले में, लेनदेन राशि का 1.1% इंटरचेंज शुल्क यानी अधिभार के रूप में लिया जाएगा।
एनपीसीआई (NPCI) ने विज्ञप्ति जारी कर क्या कहा है?
एक अप्रैल से यूपीआई (UPI) ट्रांजेक्शन पर शुल्क लगने की खबरों पर एनपीसीआई ने बुधवार को एक विज्ञप्ति जारी कर स्थिति साफ की। NPCI ने बुधवार को जारी विज्ञप्ति में कहा है कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) फ्री, फास्ट, सिक्योर और सीमलेस रहेगा। इसके माध्यम से बैंक खातों का उपयोग करने वाले उपयोगकर्ताओं और व्यापारियों के लिए हर महीने 8 अरब रुपये से अधिक का लेनदेन बिल्कुल मुफ्त किया जाता है। पीपीआई (PPI) शुल्क लगाया जाएगा। प्रेस रिलीज में कहा गया है कि ग्राहक और मर्चेंट के बीच बैंक अकाउंट से बैंक अकाउंट में किया जाने वाला ट्रांजैक्शन बिल्कुल फ्री रहेगा। 

 

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एक अप्रैल से जेब ढीली होगी
सरचार्ज से ट्रांजेक्शन प्रोसेसिंग आदि की लागत वसूलने में मदद मिलेगी। हालांकि, इससे भुगतान करना महंगा हो जाएगा। UPI पेमेंट से जुड़ा नया नियम 1 अप्रैल से लागू होगा। NPCI ने इंडस्ट्री और सेक्टर के हिसाब से सरचार्ज की अलग-अलग दरें तय की हैं। कृषि और दूरसंचार क्षेत्र के लिए अधिभार की दर कम होने की उम्मीद है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 70 फीसदी यूपीआई पेमेंट 2,000 रुपये से ज्यादा के होते हैं।

 

30 सितंबर को समीक्षा की जाएगी
UPI भुगतान प्रणाली वर्तमान में शून्य-व्यापारी छूट दर (MDR) मॉडल पर काम करती है। हालांकि, नया नियम आने पर सरचार्ज लग सकता है। ऐसे में सरचार्ज से जुड़े नए मॉडल की समीक्षा 30 सितंबर या उससे पहले की जा सकती है। हालांकि अब तक सरचार्ज लगाने की योजना पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

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पेमेंट कंपनियों को राहत
आपको ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ये शुल्क बैंक खाते और पीपीआई (PPI) वॉलेट के बीच पीयर टू पीयर (P2P) और पीयर टू मर्चेंट (P2M) लेनदेन पर लागू नहीं होंगे। नए इंटरचेंज स्ट्रक्चर से पेटीएम, फोनपे और गूगल पे जैसे यूपीआई (UPI) ऐप्स को बड़ी राहत मिलेगी। डिजिटल भुगतान में बड़ा योगदान देने के बाद भी ये कंपनियां राजस्व बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
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