Loan ले रखा है या लोन ले रहे हैं? तो इन बातों पर जरूर दें ध्यान, चुकाना होगा कम पैसा, होगी मोटी बचत

जब आप किसी भी तरह का Loan लेते हैं तो सबसे पहले उसकी EMI के बारे में पूरी जानकारी लें। इस दौरान यह जरूर पता करें कि आपकी EMI पर लगने वाले ब्याज की दर क्या है।

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आज के समय मे आम आदमी अपने घर की ज्यादातर जरूरतों को Loan की मदद से पूरी करता है। चाहे कार खरीदनी (Car Loan) हो या मोटरसाइकिल (Bike Loan), घर ख़रीदना (Home Loan) हो या मोबाइल और लैपटॉप लोन की मदद से व्यक्ति आसानी से इन संसाधनों को जुटा लेता है। हालांकि सीमित सैलरी में लोन की तगड़ी EMI देना भी काफी मुश्किल भरा होता है। ऐसे में आपको अपनी EMI पर लगने वाले ब्याज की जानकारी होना बेहद जरूरी है इसके साथ ही आपको यह भी पता होना चाहिए कि आप इस EMI के बोझ को कैसे कम कर सकते हैं। Read Also : Tecno Spark 7T: महज ₹949 में 48MP कैमरे वाला फोन खरीद सकते हैं आप, ₹400 EMI का भी ऑफर; जानिए नियम और शर्तें

 

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जब आप किसी भी तरह का लोन लेते हैं तो सबसे पहले उसकी EMI के बारे में पूरी जानकारी लें। इस दौरान यह जरूर पता करें कि आपकी EMI पर लगने वाले ब्याज की दर क्या है। दरअसल आप जब भी कोई लोन लेते हैं तो इसकी EMI दो हिस्सों में बंटी होती है। पहला हिस्सा इंट्रेस्ट होता है, जबकि दूसरा हिस्सा प्रिंसिपल अमाउंट का होता है।

 

 

जब आप किसी भी लोन को चुकाते हैं तो चुकाई गई रकम का ज्यादातर हिस्सा इंट्रेस्ट का जाता है। जबकि बहुत थोड़ा हिस्सा ही प्रिंसिपल अमाउंट होता है। जैसे-जैसे लोन चुकाने की अवधि पास आती है तो EMI में प्रिंसिपल अमाउंट का हिस्सा बढ़ जाता है, जबकि इंट्रेस्ट अमाउंट कम होता जाता है। Read Also : ₹1000 से भी कम कीमत में मिल रहे हैं ब्रांडेड कंपनियों के Earbuds, गजब की साउंड क्वालिटी और लंबी बैटरी लाइफ जैसे फीचर्स

 

अगर कम इंटरेस्ट चुकाना है

EMI का कितना हिस्सा प्रिंसिपल अमाउंट के रूप में जमा होगा और कितना हिस्सा इंट्रेस्ट के तौर पर जाएगा यह आपके लोन लेने की अवधि (EMI टेन्योर) पर डिपेंड करता है। इसीलिए अगर आप कम ब्याज का भुगतान करना चाहते हैं तो लोन का टेन्योर कम से कम रखें, इससे EMI बढ़ जरूर जाएगी, लेकिन आप काफी पैसा बचा पाएंगे।

 

हर साल बढ़ाएं EMI अमाउंट

अगर ज्यादा बड़ी EMI के कारण आप लोन की अवधि को कम नहीं कर सकते तो ऐसे में बचत करने के लिए भी आपके पास 2 ऑप्शन है। पहला ये है कि हर साल 1 EMI ज्यादा जमा करें। कहने का मतलब यह है कि, 12 महीने की जगह आप साल में 13 ईएमआई जमा करें। वहीं आप EMI की रकम को हर साल 2 फीसदी बढ़ाए। वक्त के साथ आपकी इनकम जैसे-जैसे बढ़ती जाती है, आप हर साल उस हिसाब से EMI अमाउंट को बढ़ाते जाएं, इन दो ट्रिक की मदद से आप लाखों रुपए तक बचा सकते हैं।

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