10 में से सात भारतीय इंटरनेट यूजर्स हुए टेक सपोर्ट स्कैम्स का शिकार, 73% पुरुषों से ठगे गए पैसे

सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की ओर से करवाए गए नए सर्वे में सामने आया है कि हर 10 में से सात भारतीय इस तरह के स्कैम्स का टारगेट बने हैं।

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भारतीय इंटरनेट यूजर्स को लगातार टेक सपोर्ट से जुड़े स्कैम्स का शिकार बनाया जा रहा है। सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की ओर से करवाए गए नए सर्वे में सामने आया है कि हर 10 में से सात भारतीय इस तरह के स्कैम्स का टारगेट बने हैं। 5 जुलाई को सिक्योरिटी फर्म अवास्ट ने बताया था कि इसमें साल 2021 की पहली तिमाही में भारत में दो लाख से ज्यादा टेक सपोर्ट स्कैम्स का पता लगाया और उन्हें ब्लॉक किया है।

 

इस तरह होते हैं टेक सपोर्ट स्कैम

टेक सपोर्ट स्कैम्स में फेक फोन कॉल्स और ईमेल्स से लेकर वेबसाइट्स पर दिखने वाले पॉप-अप ऐड्स भी शामिल होते हैं, जिनकी मदद से यूजर्स को मालवेयर डाउनलोड करने के लिए फंसाया जाता है।इस तरह के स्कैम अक्सर यूजर्स से फ्रॉड सेवाओं के लिए भुगतान भी करवा लेते हैं।ऐसे स्कैम्स का सबसे आसान उदाहरण वेबसाइट्स पर दिखने वाले ऐसे पॉप-अप ऐड्स हैं, जिनमें यूजर के डिवाइस में वायरस या कोई खराबी होने की बात लिखी होती है।

 

साल 2018 के बाद से बढ़े स्कैम

माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 के बाद से टेक सपोर्ट स्कैम के मामले भारत में तेजी से बढ़े हैं।इससे पहले कंपनी ने साल 2018 में यह सर्वे किया था और नतीजों में बड़ा अंतर देखने को मिला है।माइक्रोसॉफ्ट डिजिटल क्राइम्स यूनिट एशिया के असिस्टेंट जनरल काउंसिंल, रीजनल लीड मैरी जो स्कार्डे ने कहा कि स्कैमर्स ने अपना फोकस भारत पर शिफ्ट कर दिया है और डिजिटाइजेशन या वर्क-फ्रॉम-होम जैसे ट्रेंड्स इसकी वजह हो सकते हैं।

 

तीन गुना ज्यादा शिकार बनते हैं भारतीय यूजर्स

सर्वे में शेयर किए गए डाटा के मुताबिक, दूसरे देशों के मुकाबले तीन गुना ज्यादा भारतीय इंटरनेट यूजर्स इस तरह के स्कैम्स का शिकार बने। साल 2018 की रिपोर्ट मं पता चला था कि स्कैम का टारगेट बनाए गए केवल 14 प्रतिशत यूजर्स ही शिकार बने थे, जो आंकड़ा अब बढ़कर 31 प्रतिशत पर पहुंच चुका है। भारत में यूजर्स को स्कैम में फंसाने का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका फेक कॉल्स हैं।

 

स्कैम का शिकार बनने वालों में 73 प्रतिशत पुरुष

आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल 24 साल से 37 साल के बीच की उम्र वाले ज्यादा यूजर्स को टारगेट किया गया।नए सर्वे के मुकाबिक, टेक सपोर्ट से जुड़े स्कैम का शिकार बनने वालों में 73 प्रतिशत विक्टिम पुरुष रहे।इसके अलावा स्कैम का शिकार बनने वालों में 35 प्रतिशत से 7,500 रुपये से कम, 22 प्रतिशत ने 7,501 से 37,500 रुपये के बीच और 8 प्रतिशत ने इससे ज्यादा की रकम गंवाई।

 

बैंक ट्रांसफर के जरिए भुगतान

टेक सपोर्ट स्कैम्स में भुगतान का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका बैंक ट्रांसफर रहे। 43 प्रतिशत भुगतान बैंक ट्रांसफर के जरिए हुए, वहीं गिफ्ट कार्ड्स, पेपाल, क्रेडिट कार्ड्स और बिटकॉइन्स का इस्तेमाल भी स्कैमर्स ने किया। हालांकि, इस तरह के स्कैम्स का शिकार बनने और अपने पैसे गंवाने वाले करीब 88 प्रतिशत विक्टिम्स कुछ रकम वापस पाने में सफल रहे। माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि हर महीने इस तरह के स्कैम्स की 6,500 शिकायतें दुनियाभर से मिलती हैं।

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