ऑनलाइन घोटाला : फोन पर आया चालान भरने का मैसेज? ठीक से जांच लें, नहीं तो अकाउंट साफ हो जाएगा
साइबर क्राइम यानी धोखाधड़ी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, लोगों को ठगने के नए-नए तरीके ढूंढे जा रहे हैं। आपको बता दें कि अब खुद को ट्रैफिक पुलिसकर्मी बताकर वाहन मालिकों को चालान भरने के लिए मैसेज भेजे जा रहे हैं, यह एक मैसेज आपकी जीवन भर की कमाई को पल भर में साफ कर सकता है, जानें पूरा मामला।
Aug 19, 2023, 20:00 IST
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आए दिन लोगों के साथ धोखाधड़ी के न जाने कितने मामले सामने आते हैं, बता दें कि अब जालसाजों ने खाते से पैसे उड़ाने की नई तरकीब ढूंढ ली है। अब वे जालसाज आप के नंबर पर मैसेज भेज रहे हैं, जिसमें लिखा है कि आपका चालान कट गया है और आप इस लिंक पर क्लिक करके चालान भर सकते हैं। क्या है पूरा मामला और इस मामले से सीख लेकर आप कैसे खुद को सुरक्षित रख सकते हैं, आइए आपको इस बारे में जानकारी देते हैं।READ ALSO:-2023 होंडा लिवो बाइक : 10 साल की वारंटी के साथ लॉन्च हुई होंडा की ये बाइक, कीमत केवल इतनी
जानिए क्या है पूरा मामला?
कई रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र किया गया है कि खुद को ट्रैफिक पुलिस बताकर लोगों को ठगने का सिलसिला शुरू हो गया है। ठग खुद को पुलिसकर्मी बताकर लोगों को उनके मोबाइल नंबर पर चालान भरने के लिंक भेज रहे हैं।
कई रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र किया गया है कि खुद को ट्रैफिक पुलिस बताकर लोगों को ठगने का सिलसिला शुरू हो गया है। ठग खुद को पुलिसकर्मी बताकर लोगों को उनके मोबाइल नंबर पर चालान भरने के लिंक भेज रहे हैं।
ये आपके लिए बहुत बड़ा संकेत है
जालसाज वाहन मालिकों के नंबरों पर चालान भरने के लिए भेज रहे लिंक, इसी से हो रहा खेल जैसे ही कोई वाहन मालिक चालान भरने के लिए इस लिंक पर क्लिक करता है और बैंक खाते का विवरण या कहें डेबिट/क्रेडिट कार्ड की जानकारी डालता है, हैकर्स पहले फोन हैक कर लेते हैं और फिर फोन अपने कंट्रोल लेते हैं। और वे आपका बैंक खाता साफ कर देते हैं।
जालसाज वाहन मालिकों के नंबरों पर चालान भरने के लिए भेज रहे लिंक, इसी से हो रहा खेल जैसे ही कोई वाहन मालिक चालान भरने के लिए इस लिंक पर क्लिक करता है और बैंक खाते का विवरण या कहें डेबिट/क्रेडिट कार्ड की जानकारी डालता है, हैकर्स पहले फोन हैक कर लेते हैं और फिर फोन अपने कंट्रोल लेते हैं। और वे आपका बैंक खाता साफ कर देते हैं।
बड़ी चतुराई से यह लिंक तैयार किया
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इस लिंक का पता कुछ इस तरह है, https://echallan.parivahan.in/। इस लिंक को बहुत ही चतुराई से डिजाइन किया गया है क्योंकि यह लिंक बिल्कुल सरकारी साइट के लिंक जैसा दिखता है, सरकारी साइट का पता-https://echallan.parivahan.gov.in है। दोनों लिंक में अंतर बहुत ही मामूली है, इस वजह से किसी का ध्यान इस ओर नहीं जाता, अंतर केवल एक शब्द का है, gov.
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इस लिंक का पता कुछ इस तरह है, https://echallan.parivahan.in/। इस लिंक को बहुत ही चतुराई से डिजाइन किया गया है क्योंकि यह लिंक बिल्कुल सरकारी साइट के लिंक जैसा दिखता है, सरकारी साइट का पता-https://echallan.parivahan.gov.in है। दोनों लिंक में अंतर बहुत ही मामूली है, इस वजह से किसी का ध्यान इस ओर नहीं जाता, अंतर केवल एक शब्द का है, gov.
इस तरह बच सकते हैं
पहली बात तो यह है कि अगर कोई व्यक्ति आपको चालान या किसी भी नाम से डराता है और किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने के लिए कहता है, तो यह जरूर जांच लें कि लिंक सही है या नहीं। लिंक को वेरिफाई करने के बाद ही लिंक पर क्लिक करें और अनजान लिंक पर गलती से भी बैंक या कार्ड की डिटेल भरने की गलती न करें।
पहली बात तो यह है कि अगर कोई व्यक्ति आपको चालान या किसी भी नाम से डराता है और किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने के लिए कहता है, तो यह जरूर जांच लें कि लिंक सही है या नहीं। लिंक को वेरिफाई करने के बाद ही लिंक पर क्लिक करें और अनजान लिंक पर गलती से भी बैंक या कार्ड की डिटेल भरने की गलती न करें।