पंडालों से निकले फूलों से बनेगी खाद, बांस से बनाए जाएंगे ट्री गार्ड

पंडालों और मंदिरों से निकले गए फूल अब नहीं जाएंगे नदी-नाले में, किए जाएंगे रीसायकल( recycling) । इससे निगम के पार्कों ( park) के लिए खाद बनाई जाएगी। वही मूर्ति विसर्जन के बाद घाटों से निकली बांस की खपच्चियों से ट्री गार्ड बनाए जाएंगे।

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2022: फूलों से बनेगी खाद

अब तक कचरे से खाद( fertilizer) बनाने की प्रक्रिया की जाती रही है। लेकिन अब गणेश चतुर्थी के खास त्यौहार पर सजाए गए पांडालों और मंदिरों में से जो फूल और मालाएं निकलेगी उसके द्वारा खाद बनाकर तैयार किया जाएगा। 

• इससे प्रति ट्री गार्ड खरीदने में खर्च होने वाले ₹300 की बचत भी होगी
• 10 टन फूल से एम्स (Bhopal) के पास जैविक खाद बनाई जाएगी
• कई घाटों से एकत्रित किए गए फूल, मालाएं और बांस
इससे नदी-नाले दूषित (polluted) भी नहीं होंगे और उद्यानों के लिए खाद भी तैयार हो जाएगी। भोपाल शहर में नगर निगम द्वारा गणेश स्थापना के बाद से पंडालों से फूल व अन्य निर्माल्य सामग्री एकत्रित करने के लिए चार वाहन लगाए थे इसके माध्यम से करीब 10 टन फूल एकत्रित किए गए हैं।

कई घाटों से एकत्रित किए फूल और बांस

भोपाल शहर में नगर निगम के कर्मचारियों ने खटलापुरा,प्रेमपुरा संत हिरदाराम नगर बैरागढ़ ,हथाईखेड़ा डेम ,शाहपुरा एवं आर्च ब्रिज घाट से 2000 अधिक ट्री गार्ड बनाने के लिए बांस एकत्रित की है।

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