दो दिवसीय अनूठा केला उत्सव बुरहानपुर में 20 फरवरी से

 केले की प्रजातियों की प्रदर्शनी होगी मुख्य आकर्षण
केला उत्पादन, प्र-संस्करण, निर्यात संभावनाओं पर होगी चर्चा
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मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में  अनूठा दो दिवसीय  केला उत्सव मनाया जा रहा है। बुरहानपुर जिला प्रशासन के सहयोग से 20 एवं 21 फरवरी को देश के प्रसिद्ध केला वैज्ञानिक और केला उत्पादक किसान  केला उत्पादन,  निर्यात की संभावनाओं,  केला उत्पादकों की आर्थिक समृद्धि एवं से जुड़े विषयों पर विचार-विमर्श होगा।

 

केले की विभिन्न प्रजातियों की प्रदर्शनी मुख्य आकर्षण होगी। केले के प्लांटेशन,  प्र-संस्करण, विभिन्न खाद्य पदार्थो का निर्माण,  फसल  बिक्री की व्यवस्था और भंडारण,  केला  निर्यात की संभावनाओं को बढ़ाने से जुड़े मुद्दों पर  चर्चा होगी।  केला उत्पादन और रेशे से उपयोगी हस्तशिल्प कलाकृतियाँ निर्माण से जुड़ी स्व-सहायता समूहों की महिलाओं से भी  चर्चा होगी। 

 

बुरहानपुर मध्यप्रदेश का एकमात्र केला उत्पादक  जिला है। केले को एक जिला-एक उत्पाद योजना में शामिल किया गया है और हाल ही में बुरहानपुर को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पुरस्कार मिला है। बुरहानपुर जिले में केले का क्षेत्रफल 23 हजार 650 हेक्टेयर है और 18 हजार से ज्यादा  किसान  केले की फसल ले रहे हैं।  सालाना उत्पादन 16 लाख  मीट्रिक टन से ज्यादा होता है। केले की बिक्री का व्यापार सालाना 1700 करोड़ रूपये के करीब होता है। उत्पादन के क्षेत्र में इच्छुक निवेशकों  को भी आमंत्रित किया गया है।

 

मध्यप्रदेश ने तेजी से वैश्विक कृषि निर्यात बाजार में अपना स्थान बना लिया है। बुरहानपुर जिले से ईराक, ईरान, दुबई, बहरीन और तुर्की को सालाना 30 हजार मीट्रिक टन केले का निर्यात हो रहा है। बुरहानपुर  केले की प्रसिद्धि दूर-दूर तक पहुँच गई है। केला उत्पादक किसानों की मेहनत और सरकार की मदद  ने बुरहानपुर को एक नई पहचान दिलाई है।

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