सेफ सेक्‍स का सुरक्षित तरीका है कंडोम, जानें पुरुष और महिला Condom के बारे में सब कुछ

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जब आप सुरक्षित सेक्स के बारे में बात करते हैं, तो कंडोम पहली चीज है जो आपके मन में आती है। कंडोम का प्रयोग गर्भनिरोधक का सबसे आसान और सबसे विश्वसनीय तरीका है। अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, तो कंडोम आपको अनचाहे गर्भ या एसटीडी से 98 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। लेकिन सवाल यह है कि कंडोम का इस्तेमाल करना कब शुरू करना चाहिए। इस सवाल का जवाब सीधा और आसान है: जब आप सेक्सुअली एक्टिव होते हैं,तब कंडोम का इस्तेमाल ज़रूरी होता है।

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अब, जो अगला सवाल उठता है वह यह है कि किस उम्र में लोग सेक्सुअली एक्टिव होते हैं। चीजों को आसान तरीके से देखते हैं कि जब कोई व्यक्ति पबर्टी या जवानी में कदम रखता है, तो हार्मोन अपना खेल खेलना शुरू कर देते हैं और हमारे मन में सेक्स के बारे में जानने के प्रति इच्छा या रुचि विकसित होने लगती है। इसका मतलब यह नहीं है कि किसी को तुरंत सेक्स करने में रूचि हो जाती है। यह धीरे-धीरे होता है।

सबसे पहले, जब यौवन आता है, तो एक लड़की या लड़का अपने शरीर के अंगों में अधिक रुचि लेते हैं। वे अपने शरीर के बारे में समझने की कोशिश करते हैं और सीखते हैं कि उनके शरीर के सभी अंग कैसे काम करते हैं। लड़कों में नाइट इरेक्शन इसी बात का एक संकेत है कि सेक्स के प्रति उनकी दिलचस्पी आकार ले रही है और उनके हार्मोन उनकी इच्छाओं के बारे में अधिक जानने में उनकी मदद करने के लिए अपने तरीके से काम कर रहे हैं। इसी तरह, वैजाइनल डिस्चार्ज  के साथ लड़कियों के ब्रेस्ट्स बढ़ने लगते हैं (जी हां, पबर्टी के दौरान हार्मोनल परिवर्तन के कारण ऐसा कुछ हो सकता है) और सेक्स में रुची बढ़ सकती है।

हम ‘सेक्स करना कब शुरू करना चाहिए या सेक्स का सही समय क्या है’ इसके बारे में हम नैतिकता और अनैतिकताओं की बात नहीं कर रहे हैं। ऐसे कई समुदाय भी हैं जो अभी भी मानते हैं कि किसी भी व्यक्ति को शादी के बाद ही सेक्स करना चाहिए। हमें यकीन नहीं है कि इन दिनों ऐसे नियमों का पालन किया जाता है। लेकिन आपको असुरक्षित यौन संबंध के परिणामों से खुद को बचाने और आपकी ज़िंदगी की सबसे महत्वपूर्ण सेक्स टिप के तौर पर सलाह देंगें कि जब भी आप पहली बार सेक्स करें तभी से कंडोम का इस्तेमाल करें। और अगर आप दुनिया की चीज़ों से अनजान हैं तो आपको लगता है कि बच्चे सेक्स नहीं करते तो आपको बता दें 13 या 14 साल के बच्चे भी में सेक्स कर रहे हैं।

कंडोम (benefits of condoms) सेफ सेक्स का सबसे आसान और बेहतर तरीका है। इसका सेहत पर कोई नुकसान भी नहीं होता है। ज्यादातर पुरुष इसका इस्तेमाल करते हैं, ताकि असमय गर्भधारण करने से अपनी पार्टनर को बचाया जा सके। कंडोम के कारण शुक्राणुओं का प्रवेश अंडकोष में नहीं हो पाता है, जिससे महिला गर्भधारण करने से बची रहती है। कंडोम का इस्तेमाल करने से आप यौन समस्याओं और यौन संक्रमण से भी बचे रहते हैं। महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए कंडोम उपलब्ध हैं। हालांकि, एक बार में कोई एक ही कंडोम का इस्तेमाल कर सकता है। वैसे, आज भी महिलाओं द्वारा कंडोम (Female condoms) का इस्तेमाल बहुत कम ही किया जाता है। जानें, कंडोम के फायदे (benefits of condoms) क्या हैं…

कंडोम दो तरह के होते हैं

मेल कंडोम (Male Condoms)

मेल कंडोम प्लास्टिक कवर की तरह होता है। यह काफी पतला होता है। इसे पुरुष सेक्स के दौरान अपने लिंग (penis) पर पहनते हैं। माना जाता है कि मेल कंडोम से 15 फीसदी तक गर्भधारण का खतरा होता है। 

फीमेल कंडोम (Female Condoms)

फीमेल कंडोम भी मेल कंडोम (एक प्लास्टिक कवर) जैसा ही होता है, जिसे महिलाएं शारीरिक संबंध बनाने से पहले योनि के भीतर डालती हैं। इसे सही तरीके से इस्तेमाल करने के लिए सेक्स करने से आठ घंटे पहले ही करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से आपके गर्भवती होने का खतरा लगभग 21 प्रतिशत तक ही रहता है। 

जानें, फीमेल कंडोम के फायदे क्या हैं (Female Condoms Benefits)

अब भारत में भी

विदेशों में तो इसका खूब इस्तेमाल करती हैं महिलाएं। अब यह भारत में भी उपलब्ध है। फीमेल कंडोम पूरी सुरक्षा प्रदान करता है। महिलाओं को सुरक्षित यौन संबंध बनाने में मदद करता है। इससे आप स्ट्रॉन्ग बनती हैं। इसके इस्तेमाल से आप अनचाहे गर्भधारण से तो बचती ही हैं, एचआईवी/एड्स से भी दोहरी सुरक्षा प्रदान करता है।

होता है असरदार

फीमेल कंडोम को ”फेमिडोम” भी कहते हैं। यह काफी सॉफ्ट होता है, जो बारीक प्लास्टिक से बना होता है। इस प्लास्टिक को पॉलियूरेथेन कहते हैं। इंटरकोर्स के दौरान सीमन को गर्भाशय तक पहुंचने से रोकने के लिए इसे वेजाइना में लगाया जाता है। अगर इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह अनचाहे गर्भ के साथ ही सेक्सुअली ट्रांसमिटेड रोग से लगभग 95 प्रतिशत तक सुरक्षा प्रदान करता है।

कैसे करें इस्तेमाल फीमेल कंडोम

इसे टैम्पून की ही तरह वेजाइना के अंदर इंसर्ट किया जाता है। इसमें कंडोम के इनर रिंग को अंदर की तरफ और आउटर रिंग को बाहर की तरफ रखा जाता है।

क्या हैं फीमेल कंडोम के फायदे

इसके इस्तेमाल से आप सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज, संक्रमण और एचआईवी से बचे रहते हैं। अनचाहे गर्भ से बचाता है। साइड इफेक्ट नहीं होता।

कुछ नुकसान भी हैं

जब कपल्स एक-दूसरे में डूब जाते हैं, तो कंडोम के यूज से उनका रोमांच और एक्साइटमेंट कम पड़ जाता है। फिर से पहले की मूड में जाने में वक्त लगता है। फीमेल कंडोम मजबूत होता है, लेकिन सही तरीके से इस्तेमाल न करने पर फट भी जाता है। यह बहुत महंगे भी होते हैं।

कंडोम की समाप्‍ति तिथि – आपके द्वारा उपयोग किये जाने वाले सभी कंडोम पैकिट में उपलब्ध होते हैं। इन सभी पैकिटों में इनकी समाप्‍ति तिथि या एक्‍पायरी डेट होती है। यदि कंडोम की एक्‍सपायरी डेट निकल चुकी है तो इस कंडोम का उपयोग न करें। इस प्रकार के कंडोम आसानी से फट सकते हैं साथ ही इनमें उपयोग किये जाने वाले रसायन आपको हानि पहुंचा सकते हैं।

कंडोम को अच्‍छे से जांच लें – जब भी आप यौन संबंध बनाने के लिए कंडोम का उपयोग करें तो इसे जल्‍दबाजी में इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए। यदि कंडोम नाजुक और चिपचिपा (brittle or sticky) लगे तो इसका उपयोग न करें। जब कोई कंडोम खराब या विकृत होता है तो इससे अजीब सी गंध आने लगती है या इसकी बनावट में अंतर होता है। ऐसी स्थिति में आप दूसरे नए कंडोम का उपयोग करें।

ज्‍यादा घर्षण और दबाव से कंडोम को बचाएं – आपको शायद यह पता हो कि अधिक समय तक कंडोम को जेब में या पर्स में नहीं रखना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि ऐसा करने पर कंडोम में अधिक घर्षण और दबाव पड़ता है। यदि आप ऐसे कंडोम का उपयोग कर रहे हैं तो रैपर (wrapper) रंग का परीक्षण करना आवश्‍यक है। अगर रैपर का रंग उड़ चुका है या रैपर अधिक घिसा हुआ है तो इसका उपयोग करने से बचें। क्‍योंकि ऐसे कंडोम का उपयोग तो किया जा सकता है लेकिन कमजोर होने के कारण इसके फटने की संभावना अधिक होती है। इसलिए एक नये कंडोम का इस्तेमाल अधिक सुरक्षित है। 

पुरुष कंडोम पहनने का सही तरीका

गर्भनिरोध के लिए कंडोम सबसे सरल और सुरक्षित उपाय है। आउट साइड कंडोम पुरुषों के लिए बेहद सुविधाजनक होता है। इस कंडोम का उपयोग योनि, गुदा या मौखिक सेक्‍स के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह न केवल गर्भावस्‍था से सुरक्षा दिलाता है, बल्कि यौन संचारित रोगों के खिलाफ भी सुरक्षित होता है। 

  • कंडोम का रैपर सावधानी से खोलें, इसे खोलने के लिए अपने दांतों या कैंची का उपयोग न करें। इन दोनों ही तरीकों का उपयोग करने पर कंडोम क्षतिग्रस्‍त हो सकता है।
  • कंडोम को बाहर निकालने के बाद इसकी अच्‍छी तरह से जांच कर लें, यह देख लें कि कंडोम किसी भी प्रकार से खराब या फटा हुआ न हो।
  • कंडोम के किनारों को पकड़ो और इसके नोक वाले सिरे को फैलाते हुए पेनिस के अग्र भाग में रखें।
  • इस बात का का विशेष ध्‍यान रखें कि कंडोम का छोर बाहर की तरफ है और इसमें हवा नहीं है।
  • अगर कंडोम के किनारे जो पेनिस के सबसे ऊपरी हिस्से में होता है वह सही तरह से आगे की ओर नहीं सरकता है तो इस कंडोम का उपयोग न करें।
  • यदि आपको लगता है कि कंडोम में ल्‍युब्रिकेंट ज्‍यादा है या आप घर्षण कम करना चाहते हैं तो कंडोम की बाहरी परत पर पानी आधारित लुबे की कुछ बूंदें लगा सकते हैं। लेकिन ध्‍यान दें कि ल्‍यूब संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है।
  • संभोग या स्‍खलन के बाद आप अपने पेनिस को बाहर खींचें, भले ही आपका पेनिस इस दौरान भी कड़ा या खड़ा हो। जब आप अपने पेनिस को बाहर खींचते हैं तो कंडोम को एक हाथ से पकड़ कर रखें। ऐसा करने से यह स्‍लीपेज को रोकता है जिससे आपके साथी के शरीर में वीर्य या तरल पदार्थ प्रवेश नहीं हो सकता है।

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