तूफ़ान रेमल का ये वीडियो देखकर हैरान हो जाएंगे आप! तेज हवाएं और बारिश से जनजीवन हुआ अस्तव्यस्त, Remal ने मचाई तबाही
चक्रवात रेमल लैंडफॉल: मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात रेमल रविवार रात करीब 9 बजे भारतीय तट से टकराया और करीब चार घंटे तक तबाही मचाता रहा। इससे जुड़े कई वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
May 27, 2024, 18:00 IST
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चक्रवात Remal पश्चिम बंगाल के तट से टकरा गया है, तेज हवाओं और बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हालांकि, पहले से की गई तैयारियों के कारण जान-माल का नुकसान कुछ हद तक कम हो गया है। सोशल मीडिया पर इस तूफान के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जो बेहद डरावने हैं।READ ALSO:-106 साल पहले छपे 10 रुपये के दो भारतीय नोटों की लंदन में नीलामी, जानिए आज क्या है इस नोट की कीमत
चक्रवात के कई वीडियो वायरल हुए
मौसम विभाग के मुताबिक, तूफान रविवार रात करीब नौ बजे भारतीय तट से टकराया और करीब पांच घंटे तक तबाही जारी रही। तूफ़ान ने भारत में पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के कई इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस बीच इस चक्रवात से जुड़े कई वीडियो वायरल हो रहे हैं।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक्सक्लूसिव वीडियो में दिखाया गया है कि समुद्र के अंदर ये तूफान कितना भयानक लग रहा है, हालांकि इस वीडियो की सत्यता पर सवाल उठ रहे हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक सोशल मीडिया यूजर ने वीडियो को झूठा बताते हुए लिखा कि वीडियो में तथाकथित शेल्फ क्लाउड कोई चक्रवात नहीं बल्कि एक सुपरसेल थंडरस्टॉर्म है। ऐसे तूफान कभी-कभी बवंडर को भी जन्म देते हैं।
চট্টগ্রামের উপকূল থেকে ঘূর্ণিঝর রিমালের এক্সক্লুসিভ ফুটেজ#Bangladesh #Chattogram #CycloneRemal pic.twitter.com/mpCvkKUmUS
— The Daily Star (@dailystarnews) May 26, 2024
बताया गया कि भारी बारिश और 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के कारण तटीय इलाकों में जलभराव और संपत्ति को भारी नुकसान और तबाही हुई है। तूफ़ान के कारण कई झोपड़ियाँ उड़ गईं, पेड़ उखड़ गए और बिजली के खंभे गिर गए। इससे कई शहरों में दिक्कत हो रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की कुल 14 टीमें तैनात हैं। जो राहत और बचाव में लगे हुए हैं। तूफान के तट से टकराने से पहले ही पश्चिम बंगाल के संवेदनशील इलाकों से 1 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था।