भारतीय जनता पार्टी के 7 विधायकों ने क्यों मांगा अपने मुख्यमंत्री से इस्तीफा? अब उत्तर प्रदेश के बाद अब इस राज्य में बढ़ा तनाव
उत्तर प्रदेश के बाद अब मणिपुर से भी भारतीय जनता पार्टी के लिए बुरी खबर आ रही है। अपनी ही पार्टी के कुछ विधायकों ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह से इस्तीफा मांगा है। आइए जानते हैं इस अंदरूनी कलह की वजह का क्या कारण है?
Aug 22, 2024, 11:20 IST
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उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के अंदर चल रही कलह खत्म होने की खबर अभी बाहर आई ही थी कि एक और राज्य में भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। बीजेपी के 7 विधायकों ने अपने मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच की मांग की है। इतना ही नहीं विधायकों ने मुख्यमंत्री को कुर्सी से हटाने की बात भी कही है। read also:-मेरठ : परिवार वाले शादी के लिए ढूंढ रहे थे दूल्हा, दोनों के परिवारों को नहीं लगी भनक, बेटी ने सहेली से कर ली शादी; फिर ऐसे हुआ रिलेशनशिप का खुलासा ...
मुख्यमंत्री से मांगा इस्तीफा
यहां बात हम कर रहे हैं पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की. मणिपुर पिछले कई दिनों से हिंसा को लेकर चर्चा में था। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच भड़के दंगों ने सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया था। मणिपुर में हालात अभी सामान्य भी नहीं हुए थे कि विधायकों ने राज्य के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। करीब 10 कुकी विधायकों ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं और उन्हें पद से हटाने की मांग की है। इन 10 विधायकों में से विधायक सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के हैं।
यहां बात हम कर रहे हैं पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की. मणिपुर पिछले कई दिनों से हिंसा को लेकर चर्चा में था। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच भड़के दंगों ने सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया था। मणिपुर में हालात अभी सामान्य भी नहीं हुए थे कि विधायकों ने राज्य के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। करीब 10 कुकी विधायकों ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं और उन्हें पद से हटाने की मांग की है। इन 10 विधायकों में से विधायक सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के हैं।
Hon'ble CM N Biren Singh chaired a Cabinet Meeting held at CM's Secretariat today. pic.twitter.com/XZbqv7zvB7
— CMO Manipur (@manipur_cmo) August 21, 2024
विधायकों ने किया खुलासा विधायकों का कहना है कि मणिपुर हिंसा की जांच के लिए आयोग बनाया जाना चाहिए और अगर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह भी इसमें दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। दरअसल, मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह मैतेई समुदाय से आते हैं। विधायकों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि मणिपुर हिंसा में मुख्यमंत्री बीरेन की भी भूमिका थी। उन्होंने मैतेई समुदाय को नरसंहार करने की खुली छूट दी थी, जिसके कारण मणिपुर में हिंसा भड़की।
'मणिपुर टेप' ने मचाया बवाल
विधायकों ने मणिपुर टेप के नाम से एक ऑडियो भी जारी किया है। विधायकों का दावा है कि मुख्यमंत्री बीरेन की लापरवाही के कारण मणिपुर हिंसा बढ़ी है। गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर दौरे के दौरान सीएम बीरेन सिंह को इसके लिए फटकार भी लगाई थी। गृह मंत्री ने हिंसा के दौरान बम का इस्तेमाल करने से मना किया था। लेकिन अमित शाह के जाते ही मुख्यमंत्री बीरेन ने जनता पर जमकर बम बरसाए।
विधायकों ने मणिपुर टेप के नाम से एक ऑडियो भी जारी किया है। विधायकों का दावा है कि मुख्यमंत्री बीरेन की लापरवाही के कारण मणिपुर हिंसा बढ़ी है। गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर दौरे के दौरान सीएम बीरेन सिंह को इसके लिए फटकार भी लगाई थी। गृह मंत्री ने हिंसा के दौरान बम का इस्तेमाल करने से मना किया था। लेकिन अमित शाह के जाते ही मुख्यमंत्री बीरेन ने जनता पर जमकर बम बरसाए।
राज्य सरकार ने इस ऑडियो टेप' को फर्जी' करार दिया
विधायकों के मुताबिक, मणिपुर हिंसा में पुलिस बल से 5000 हथियार लूटे गए थे और इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। इन हथियारों की मदद से हिंसा को हवा दी गई। इन सबूतों के आधार पर विधायकों ने सीएम बीरेन सिंह से इस्तीफे की मांग भी की है। हालांकि मणिपुर सरकार ने विधायकों के ऑडियो टेप को फर्जी बताया है। राज्य सरकार का कहना है कि यह टेप फर्जी है। विधायकों ने ऐसी कोई मांग नहीं की है। यह महज अफवाह है। इस टेप को जारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विधायकों के मुताबिक, मणिपुर हिंसा में पुलिस बल से 5000 हथियार लूटे गए थे और इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। इन हथियारों की मदद से हिंसा को हवा दी गई। इन सबूतों के आधार पर विधायकों ने सीएम बीरेन सिंह से इस्तीफे की मांग भी की है। हालांकि मणिपुर सरकार ने विधायकों के ऑडियो टेप को फर्जी बताया है। राज्य सरकार का कहना है कि यह टेप फर्जी है। विधायकों ने ऐसी कोई मांग नहीं की है। यह महज अफवाह है। इस टेप को जारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।