Uttarkashi Tunnel Collapse : 17 दिन बाद मिली नई जिंदगी...…टनल से बाहर आए सभी 41 मजदूर, जानें कैसे सफल हुआ ऑपरेशन
रेट स्नैपर कंपनी नवयुग के मैनुअल ड्रिलर नसीम ने कहा- सभी कर्मचारी स्वस्थ हैं। मैंने उसके साथ सेल्फी ली। उन्होंने बताया कि जब आखिरी पत्थर हटाया गया तो सभी कार्यकर्ता खुशी से झूम उठे।
#WATCH उत्तराखंड में 12 नवंबर से सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे सभी 41 मजदूरों को सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया। सिल्कयारा सुरंग स्थल से एम्बुलेंस रवाना हुई है। pic.twitter.com/C5IHGW5qtk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2023
टनल से अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर
रेस्क्यू के बाद मजदूरों को 30-35 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा। जहां 41 बेड का विशेष अस्पताल बनाया गया है। टनल से चिन्यालीसौड़ तक की सड़क को ग्रीन कॉरिडोर घोषित किया गया है, ताकि रेस्क्यू के बाद श्रमिकों को अस्पताल ले जाने वाली एंबुलेंस ट्रैफिक में न फंसे। यह लगभग 30 से 35 किलोमीटर की दूरी है. इसे कवर करने में करीब 40 मिनट का समय लगेगा।
#WATCH उत्तरकाशी (उत्तराखंड) सुरंग बचाव अभियान: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिल्क्यारा सुरंग के अंदर से बचाए गए श्रमिकों से मुलाकात की। pic.twitter.com/CzpZUwLUnc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2023
21 घंटे में 12 मीटर खुदाई की
इससे पहले सिल्क्यारा की ओर से क्षैतिज ड्रिलिंग में लगे रैट माइनर्स, ने खुदाई पूरी की और दुर्घटना के 17वें दिन दोपहर 1.20 बजे पाइप से बाहर आ गए। उन्होंने करीब 21 घंटे में 12 मीटर मैनुअल ड्रिलिंग की। 24 नवंबर को मजदूरों के स्थान से महज 12 मीटर की दूरी पर बरमा मशीन टूट गयी। जिसके चलते रेस्क्यू रोकना पड़ा था।
#WATCH उत्तरकाशी (उत्तराखंड): सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सिल्क्यारा सुरंग के अंदर से बचाए गए श्रमिकों से मुलाकात की। pic.twitter.com/wKYOmOifGh
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इसके बाद शेष ड्रिलिंग के लिए सेना और रैट माइनर्स, को बुलाया गया। मंगलवार की सुबह 11 बजे जब अधिकारियों ने मजदूरों से अपने कपड़े व बैग तैयार रखने को कहा तो उनके परिजनों के चेहरे पर खुशी झलक गयी। जल्द ही अच्छी खबर आने वाली है।
VIDEO | Uttarkashi tunnel rescue: "I was inside when the pipe was being pushed. When I saw the (trapped) workers, I came back. Now, it's like an open road and anyone can come and go," says Balinder Yadav, a worker involved in the rescue operation.#UttarakhandTunnelRescue pic.twitter.com/D9TLsbNScu
— Press Trust of India (@PTI_News) November 28, 2023
प्रधानमंत्री मोदी ने रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन किया और बचाव अभियान पर अपडेट लिया। उन्होंने कहा कि अंदर फंसे श्रमिकों की सुरक्षा के साथ-साथ बाहर राहत कार्य में लगे लोगों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि अंदर फंसे श्रमिकों के परिवारों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए।
आपको बता दें कि सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने थाईलैंड और नॉर्वे के विशेषज्ञों की भी मदद ली थी। इसके साथ ही कई अन्य अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ भी मजदूरों को निकालने में अपने अनुभव साझा कर रहे थे, लेकिन इन सबके बावजूद बचाव दल को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जानकारी के मुताबिक, टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हुए थे. इनमें उत्तराखंड के दो, हिमाचल प्रदेश के एक, उत्तर प्रदेश के आठ, बिहार के पांच, पश्चिम बंगाल के तीन, असम के दो, झारखंड के 15 और ओडिशा के पांच श्रमिक शामिल हैं।