उत्तराखंड: खाने-पीने के सामान में थूकने और पेशाब करने पर 1 लाख रुपये का जुर्माना, 3 साल तक की हो सकती है जेल
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खाने की चीजों पर थूकने के मामले में सख्त कदम उठाया है। सरकार ने ऐसी घटनाओं को 'ठूक जिहाद' का नाम दिया है और आरोपियों के खिलाफ 25000 से 100000 लाख रुपये तक का जुर्माना और 3 साल तक की सजा का दिशानिर्देश जारी किया है।
Oct 17, 2024, 12:00 IST
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खाद्य पदार्थों पर थूकने के मामले में सख्त कार्रवाई की है। सरकार ने ऐसी घटनाओं को ‘Thook Jihad’ का नाम दिया है और आरोपियों के खिलाफ 25000 से 100000 लाख रुपये तक का जुर्माना और 3 साल तक की सजा के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री धामी ने राज्य के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार को ऐसी घटनाओं पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।READ ALSO:-UP : प्रेम प्रसंग में युवक को दी गई दर्दनाक मौत, गुप्तांग काटा…तेजाब से जलाया और फिर गोबर के ढेर में दबा दिया
आपको बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड समेत देश के कई राज्यों से खाद्य पदार्थों में थूकने और पेशाब करने के मामले सामने आए थे। ऐसे वीडियो आए दिन इंटरनेट पर वायरल होते रहते हैं। आपको बता दें कि मंगलवार को ही यूपी सरकार ने इस मामले में सख्त कानून बनाने का ऐलान किया है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशानुसार खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस संबंध में विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। उत्तराखंड पुलिस अधिनियम की धारा 81 के तहत दर्ज होगा मामला
किसी भी पेय अथवा खाद्य पदार्थ में थूकने जैसे दुष्कृत्य करने वालों के लिए देवभूमि उत्तराखंड में कोई स्थान नहीं है, प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य व जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए ये निर्देश दिए हैं कि यदि कोई इस तरह का कुकृत्य करते हुए पाया जाएगा तो उसके ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई की… pic.twitter.com/adkqcRSCFT
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 15, 2024
जानकारी के अनुसार, खाने में थूकने और पेशाब करने से जुड़ी घटनाएं अब अपराध की श्रेणी में आएंगी। ये घटनाएं अब उत्तराखंड पुलिस अधिनियम की धारा 274 बीएनएस और उत्तराखंड पुलिस अधिनियम की धारा 81 के तहत दर्ज होंगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि अगर ऐसी घटनाओं से धार्मिक, जातीय या भाषाई भावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, तो ये मामले भी धारा 196 (1) (बी) या 299 के तहत दर्ज किए जाएंगे और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पकड़े जाने पर जेल भी जाना पड़ सकता है
धारा 299 के अनुसार, धर्म या उस वर्ग की धार्मिक मान्यताओं का उल्लंघन करने पर तीन साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
धारा 299 के अनुसार, धर्म या उस वर्ग की धार्मिक मान्यताओं का उल्लंघन करने पर तीन साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।