तीन दिन तक गुफा में फंसे रहे सैनिक, बाहर बर्फ की 4 फीट मोटी दिवार...रेस्क्यू की ये स्टोरी रोंगटे खड़े कर देगी....

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में तीन दिन बाद भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों को बचा लिया गया है। ये जवान गश्त पर निकले थे। बर्फबारी के कारण वे रास्ता भटक गए थे। जिसके बाद जब वे बेस पर वापस नहीं लौटे तो उनकी तलाश शुरू की गई। 3 दिन तक कहां फंसे रहे जवान? आइए विस्तार से जानते हैं।
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PITHORAGARH
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भारत-चीन सीमा पर बर्फबारी में फंसे जवानों को 3 दिन बाद बचा लिया गया है। भारी बर्फबारी के बीच फंसे ये जवान 84 किलोमीटर दूर मुनस्यारी में एक गुफा में मिले। गुफा के बाहर 4 फीट मोटी बर्फ की दिवार थी। जिसे रेस्क्यू टीम ने तोड़ा और कड़ी मशक्कत के बाद दोनों जवानों को सुरक्षित बचा लिया गया। READ ALSO:-13 फीट लंबे अजगर से बचने के लिए दो घंटे तक किया महिला ने किया संघर्ष, पुलिस की मदद से ऐसे बची जान-देखें वीडियो

बिहार के बक्सर निवासी अनिल राम और देवेंद्र सिंह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) का हिस्सा हैं। जो मुनस्यारी से मिलम तक सीमा पर पेट्रोलिंग के लिए गए थे। लेकिन भारी बर्फबारी के दौरान अनिल और उनके पोर्टर देवेंद्र सिंह रास्ता भटक गए। जिसके बाद दोनों का पता नहीं चल पाया। रेस्क्यू टीम उनकी तलाश में लगी हुई थी। उन्होंने बर्फ के बीच एक गुफा में 3 दिन गुजारे।  

 


रेस्क्यू टीम ने हार नहीं मानी और विपरीत परिस्थितियों में अपने साथियों को ढूंढ निकाला। तीन दिन की लगातार तलाश के बाद दोनों जवानों को सुरक्षित बचा लिया गया। रेस्क्यू के बाद अनिल को इलाज के लिए उत्तराखंड के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिजनों को भी रेस्क्यू की सूचना दे दी गई है। 

 

अनिल के भाई गांधी कुमार के अनुसार, आईटीबीपी ने उनसे संपर्क किया है। रेस्क्यू के बाद उनके भाई को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। जल्द ही उनके भाई सकुशल घर लौट आएंगे। वहीं, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट श्रेष्ठ गुनसोला ने बताया कि दोनों जवानों को बचा लिया गया है। अनिल और देवेंद्र को रेस्क्यू टीम ने बर्फ की चार फीट मोटी परत तोड़कर ढूंढा। 

 KINATIC

पिछले साल कारगिल में हुआ था हादसा पिछले साल अक्टूबर में भारतीय सेना की टुकड़ी भी हिमस्खलन की चपेट में आ गई थी। इस दल में 40 जवान शामिल थे। यह हादसा कारगिल के माउंट कुन में हुआ था। जिसके बाद एक जवान शहीद हो गया था। सेना ने कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें सुरक्षित बचा लिया। 

 

बताया गया कि भारतीय सेना का लद्दाख में हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) है। इसके और भारतीय सेना की आर्मी एडवेंचर विंग के सदस्य रूटीन ट्रेनिंग के लिए माउंट कुन के पास मौजूद थे। इसी दौरान वे हिमस्खलन की चपेट में आ गए।
SONU

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