अतीक–अशरफ को हत्यारों के बीच छोड़कर पीछे हट गई योगी की पुलिस, आरोपी ताबड़तोड़ फायरिंग करते रहे, पुलिस ने न पिस्टल निकाली, न अतीक–अशरफ को बचाने की कोशिश की
अतीक और अशरफ की मौत के बाद तीनों आरोपियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। हत्या के बाद आरोपियों ने जय श्रीराम के नारे लगाकर जश्न मनाया और फिर हाथ ऊपर करके सरेंडर सरेंडर चिल्लाया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया।
Apr 16, 2023, 00:20 IST
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उत्तरप्रदेश में माफिया अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई। लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य नाम के तीनों हमलावरों ने भरी पुलिस कस्टडी के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए दोनों भाइयों को सरेआम मार डाला। इस हत्याकांड में एक पुलिसकर्मी को भी गोली लगी है, जिसका इलाज चल रहा है।
बताया जा रहा है कि तीनों आरोपी मीडियाकर्मी बनकर आए थे। किसी को शक न हो इसलिए वे अपने साथ माइक आईडी, कैमरा भी लेकर आए थे। आरोपियों को पता था कि पुलिस अतीक और अशरफ को मेडिकल के लिए लेकर आई है। अस्पताल के बाहर पुलिस ने जैसे ही अतीक और अशरफ को जीप से उतारा और कुछ कदम ही चले थे,
मीडिया ने अतीक से बाइट लेनी शुरू कर दी। उसी वक्त मौका पाते ही हमलावरों ने पिस्टल निकालकर अतीक पर गोली चला दी। अतीक और अशरफ के जीप से उतरकर गोली चलने के घटना के बीच महज 30 सेकंड का वक्त लगा।
गोली अतीक के सिर में लगी और वो तुरंत जमीन पर गिर गया। इसी दौरान हमलावरों ने अशरफ पर भी गोली चला दी। हमलावर अतीक और अशरफ को तब तक गोली मारते रहे जब तक दोनों के शरीर में हलचल होनी बंद नहीं हो गई। शर्मनाक बात यह है कि अतीक पर गोली चलते ही यूपी पुलिस के जवान दोनों भाइयों को हमलावरों को सौंपकर पीछे हट गए।
इतना बड़ा हमला होने के बाद भी यूपी पुलिस के जवानों ने उन्हें रोकने के लिए न तो जवाबी कारवाई करने की कोशिश की और न ही किसी पुलिसकर्मी ने अपनी पिस्टल निकाली। हालांकि एक जवान शूटर को गोली चलाते वक्त पकड़कर पीछे हटाने का प्रयास करता नजर आ रहा है। जबकि आमतौर पर ऐसे शूटआउट में पुलिस सबसे पहले जवाबी कारवाई में गोली चलाती है, लेकिन पुलिस ने अतीक और अशरफ को बचाने की कोशिश तक नहीं की।
अतीक और अशरफ की मौत के बाद तीनों आरोपियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। हत्या के बाद आरोपियों ने जय श्रीराम के नारे लगाकर जश्न मनाया और फिर हाथ ऊपर करके सरेंडर सरेंडर चिल्लाया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस पूरे मामले में पुलिस ने किसी तरह का कोई संघर्ष नहीं किया।