UP : अंग्रेजी माध्यम के बच्चों के स्कूलों की तरह चमकेंगी उत्तर प्रदेश की आंगनबाड़ियां, योगी सरकार उपलब्ध कर वा रही धनराशि
उत्तर प्रदेश के आंगनबाडी केंद्र अब बिल्कुल बदले हुए नजर आएंगे। यहां बाला फीचर्स कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। इसके तहत बच्चों को खेल-खेल में बेहद दिलचस्प तरीके से अच्छी बातें सिखाई जाएंगी।
Aug 30, 2023, 00:20 IST
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उत्तर प्रदेश में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कई कवायद कर रही है। इसके लिए शिक्षा को रोचक बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर परिषदीय स्कूलों में खेल-खेल में पढ़ाई को बढ़ावा दिया जा रहा है। परिषदीय प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों के परिसर में स्थित आंगनबाडी केंद्रों को उन्नत सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से प्रत्येक केंद्र को 30 हजार रुपये की राशि उपलब्ध करायी जा रही है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के परियोजना अनुमोदन बोर्ड द्वारा वर्ष 2023-24 के अनावर्ती मद के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के 449 सह-स्थित आंगनबाडी केन्द्रों में उन्नत सुविधाएँ उपलब्ध कराने हेतु 1.12 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। READ ALSO:-UP : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बोले-अधिकारी न सुने तो बेझिझक मुझे बताना, जरूरतमंदों के लिए पक्के आवास को लेकर बड़ा ऐलान
प्रबंधन समिति के खाते में जायेगी धनराशि
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद की ओर से सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि बाला फीचर्स से संबंधित कार्यों के लिए प्रति केंद्र 30 हजार रुपये की दर से जिलेवार 1 करोड़ 12 लाख 50 हजार रुपये की सीमा जारी की गई है. ऐसे विद्यालय जिनके परिसर में आंगनवाड़ी केंद्र स्थित हैं, उनकी प्रबंधन समितियों के खातों में एक सीमा तक धनराशि जारी की जानी चाहिए। संबंधित स्कूल एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी राज्य परियोजना कार्यालय से जारी निर्देशों के अनुसार बाला फीचर्स का कार्य सह-स्थित आंगनबाडी केन्द्रों में कराने का निर्णय लें। स्कूलों की प्रबंधन समिति में स्कूल के प्रधानाध्यापक के अलावा संबंधित स्कूल के नोडल शिक्षक और आंगनबाडी कार्यकर्ता शामिल होंगी।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद की ओर से सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि बाला फीचर्स से संबंधित कार्यों के लिए प्रति केंद्र 30 हजार रुपये की दर से जिलेवार 1 करोड़ 12 लाख 50 हजार रुपये की सीमा जारी की गई है. ऐसे विद्यालय जिनके परिसर में आंगनवाड़ी केंद्र स्थित हैं, उनकी प्रबंधन समितियों के खातों में एक सीमा तक धनराशि जारी की जानी चाहिए। संबंधित स्कूल एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी राज्य परियोजना कार्यालय से जारी निर्देशों के अनुसार बाला फीचर्स का कार्य सह-स्थित आंगनबाडी केन्द्रों में कराने का निर्णय लें। स्कूलों की प्रबंधन समिति में स्कूल के प्रधानाध्यापक के अलावा संबंधित स्कूल के नोडल शिक्षक और आंगनबाडी कार्यकर्ता शामिल होंगी।
बाला फीचर्स क्या है?
बाला का मतलब बिल्डिंग एज़ लर्निंग एड है। बाला का विकास कक्षा और स्कूल को बच्चों के लिए मनोरंजन और आनंद का स्थान बनाने में मदद करता है। बाला के अंतर्गत कक्षा कक्ष/आंगनबाड़ी केंद्र में उपलब्ध स्थान को इस प्रकार तैयार किया जाए कि बच्चे खेल-खेल में सीख सकें तथा उस स्थान के उपकरण ऐसे हों जो कक्षा को एक संसाधन के रूप में सक्रिय बना सकें। इस प्रकार विद्यालय के वातावरण को सीखने के साधन के रूप में विकसित करना बाला फीचर्स का मुख्य उद्देश्य है। इसके तहत बच्चों को सीखने के दिलचस्प तरीके बताना है।
बाला का मतलब बिल्डिंग एज़ लर्निंग एड है। बाला का विकास कक्षा और स्कूल को बच्चों के लिए मनोरंजन और आनंद का स्थान बनाने में मदद करता है। बाला के अंतर्गत कक्षा कक्ष/आंगनबाड़ी केंद्र में उपलब्ध स्थान को इस प्रकार तैयार किया जाए कि बच्चे खेल-खेल में सीख सकें तथा उस स्थान के उपकरण ऐसे हों जो कक्षा को एक संसाधन के रूप में सक्रिय बना सकें। इस प्रकार विद्यालय के वातावरण को सीखने के साधन के रूप में विकसित करना बाला फीचर्स का मुख्य उद्देश्य है। इसके तहत बच्चों को सीखने के दिलचस्प तरीके बताना है।
क्या होंगे कार्यक्रम
बाल सुविधाओं के विकास से संबंधित कार्यों में किंडरगार्टन एवं बुनियादी साक्षरता के लिए कुछ आधार निर्धारित किये गये हैं। इसके तहत क्लास के अंदर की चारों दीवारों को एक मीटर की ऊंचाई तक वॉटरप्रूफ हरे रंग से रंगा जाएगा या फिर ब्लैकबोर्ड के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। इस पर बच्चे क्षैतिज रेखाएँ बनाना या आकृतियाँ या शब्द बनाना सीखेंगे। इसके अलावा खिड़कियों और फर्श का भी रचनात्मक उपयोग किया जाएगा, जिसके माध्यम से बच्चे खेल और सीखने की गतिविधियों को क्रियान्वित कर सकेंगे। बच्चे कक्षा के बाहर खुली जगह में मिट्टी या रेत से अक्षर बनाने के लिए खुले रेत के बिस्तर का उपयोग कर सकते हैं।
बाल सुविधाओं के विकास से संबंधित कार्यों में किंडरगार्टन एवं बुनियादी साक्षरता के लिए कुछ आधार निर्धारित किये गये हैं। इसके तहत क्लास के अंदर की चारों दीवारों को एक मीटर की ऊंचाई तक वॉटरप्रूफ हरे रंग से रंगा जाएगा या फिर ब्लैकबोर्ड के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। इस पर बच्चे क्षैतिज रेखाएँ बनाना या आकृतियाँ या शब्द बनाना सीखेंगे। इसके अलावा खिड़कियों और फर्श का भी रचनात्मक उपयोग किया जाएगा, जिसके माध्यम से बच्चे खेल और सीखने की गतिविधियों को क्रियान्वित कर सकेंगे। बच्चे कक्षा के बाहर खुली जगह में मिट्टी या रेत से अक्षर बनाने के लिए खुले रेत के बिस्तर का उपयोग कर सकते हैं।
विद्यालय के खुले स्थान में बरामदे आदि पर लूडो, साँप सीढ़ी, गोलतारा तथा विभिन्न प्रकार की आकृतियाँ जैसे चौकोर, त्रिकोणीय, गोल आदि बनानी चाहिए। विद्यालय परिसर में स्थित स्तंभों का उपयोग विभिन्न मौसमों, चित्रों के माध्यम से कहानी सुनाने आदि के लिए किया जा सकता है।