UP : 18 सुरक्षित शहर बनाने वाला पहला राज्य होगा उत्तर प्रदेश, पहले चरण का काम तीन महीने में पूरा करने के आदेश

सुरक्षित सिटी (Safe City)  के विस्तार की कार्ययोजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत आधुनिक कंट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केंद्र, सीसीटीवी कैमरे, महिला थानों में काउंसलर के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन व अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में सहायता मिली है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर को 'सेफ सिटी' के रूप में विकसित किया जाए। दूसरे चरण में 57 जिला मुख्यालयों की नगर पालिकाओं और फिर तीसरे चरण में 143 नगर पालिकाओं को सेफ सिटी परियोजना से जोड़ा जाए। ऐसे शहरों के प्रवेश द्वार पर "सेफ सिटी" का बोर्ड लगाकर विशिष्ट ब्रांडिंग भी की जाये। इस तरह यूपी देश का पहला सबसे सुरक्षित शहर वाला राज्य होगा। उन्होंने पहले चरण का काम तीन माह में पूरा करने का निर्देश दिया है।READ ALSO:-अब सिनेमा हॉल में खाना-पीना होगा सस्ता, गेमिंग, घुड़सवारी पर लगेगा 28% टैक्स, जीएसटी काउंसिल की बैठक में फैसला

 

मंगलवार को गृह विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में सेफ सिटी परियोजना के विस्तार की कार्ययोजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन की दिशा में उपयोगी साबित हो रही है। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत आधुनिक नियंत्रण कक्ष, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केंद्र, सीसीटीवी कैमरे, महिला पुलिस स्टेशनों में परामर्शदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन और अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में मदद मिली है। इसे बुजुर्गों, बच्चों और विकलांग लोगों की सुरक्षा से भी जोड़ा जाना चाहिए। इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था स्मार्ट हो गयी है। व्यापारियों के सहयोग से अधिक से अधिक सीसीटीवी लगवाएं। सभी थानों में सीसीटीवी लगाने के लिए एसओपी तैयार करें। प्रत्येक माह जिला स्तर पर महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों एवं दिव्यांगजनों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करें, उनकी समस्याओं को सुनें एवं उचित समाधान करें। सफल महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, दिव्यांगों की पहचान करें और उन्हें रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें।

 

विकलांग लोगों का ख्याल रखें
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मेट्रो की तर्ज पर दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि में जानकारी लिखने और अन्य सुविधाओं के लिए साइनेज आदि की व्यवस्था की जाए। विक्षिप्त व्यक्तियों के व्यवस्थित पुनर्वास के लिए समाज कल्याण विभाग और नगर विकास विभाग मिलकर काम करें। लोग भीख मांग रहे हैं। कई स्वयंसेवी संस्थाएं इस क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही हैं, उन्हें आवश्यक सहयोग दें।

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तय किया जाए रूट 
उन्होंने कहा कि टैक्सी, ई-रिक्शा, ऑटो, टेम्पो आदि के चालकों का पुलिस वेरिफिकेशन हो। शहरों में ई-रिक्शा के लिए रूट निर्धारित करें। उनमें बिल्कुल भी ज्यादा सवारी न करें। संबंधित थाने के पास किरायेदारों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। सेफ सिटी पोर्टल विकसित कर सभी विभागों को जोड़ा जाए। "स्मार्ट सिटी" की तर्ज पर होर्डिंग स्टैंड, यूनीपोल आदि की व्यवस्था की जाए। प्रदेशव्यापी अभियान चलाकर सभी शहरों में डिस्प्ले बोर्ड लगाये जायें।
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