UP : ज्ञानवापी के बाद मथुरा की शाही ईदगाह में होगा सर्वे, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका की स्वीकार
इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि मस्जिद के स्तंभ के आधार पर हिंदू धर्म का प्रतीक है। जो मंदिर की नक्काशी में साफ नजर आता है। हाई कोर्ट ने सर्वे की मंजूरी के साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराने को कहा है।
Dec 14, 2023, 14:54 IST
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मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह के विवादित परिसर का सर्वेक्षण कराया जाएगा। यह फैसला गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुनाया। हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकार करते हुए सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया जाएगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने वक्फ बोर्ड की दलीलों को खारिज कर दिया। READ ALSO:-CNG prices : आम लोगों को बड़ा झटका, तीन हफ्ते में दूसरी बार बढ़े CNG के दाम
सर्वे में हाईकोर्ट ने मस्जिद के सर्वे के दौरान स्पष्ट फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने को कहा है। हालाँकि, यह सर्वे ज्ञानविपाही से थोड़ा अलग होगा। क्योंकि कोर्ट ने वहां वैज्ञानिक सर्वे कराया था, जो शाही ईदगाह मस्जिद पर नहीं कराया जाएगा।
सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर कौन होगा और सर्वे के लिए कितने दिन का समय दिया जाएगा? इस पर 18 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।
16 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था
मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मयंक कुमार जैन ने 16 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह याचिका आदेश 26 नियम 9 के तहत दायर की गई थी। शाही ईदगाह मस्जिद ने अदालत में अपना पक्ष रखा था।
मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मयंक कुमार जैन ने 16 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह याचिका आदेश 26 नियम 9 के तहत दायर की गई थी। शाही ईदगाह मस्जिद ने अदालत में अपना पक्ष रखा था।
याचिका किसने दायर की?
यह याचिका भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और सात अन्य ने वकील हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडे और देवकी नंदन के माध्यम से दायर की थी। इस याचिका में दावा किया गया था कि उस मस्जिद के नीचे भगवान कृष्ण का जन्मस्थान मौजूद है और ऐसे कई संकेत हैं जो साबित करते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर है।
यह याचिका भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और सात अन्य ने वकील हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडे और देवकी नंदन के माध्यम से दायर की थी। इस याचिका में दावा किया गया था कि उस मस्जिद के नीचे भगवान कृष्ण का जन्मस्थान मौजूद है और ऐसे कई संकेत हैं जो साबित करते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर है।