UP Police Recruitment 2023: पुलिस कांस्टेबल भर्ती में उम्र सीमा में सभी वर्गों को अब मिलेगी इतने साल की छूट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव गृह को इस बार पुलिस भर्ती में सभी वर्ग के अभ्यर्थियों की आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट देने का निर्देश दिया है। पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए यह खबर राहत देने वाली है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव गृह को इस बार पुलिस भर्ती में अभ्यर्थियों की आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट देने का निर्देश दिया है। यह छूट सभी वर्ग के अभ्यर्थियों को मिलेगी। पिछले कुछ दिनों से विपक्षी दलों के साथ-साथ किसान नेता और बीजेपी नेता भी उम्र सीमा में छूट की मांग कर रहे थे। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव गृह को आयु सीमा में छूट देने का निर्देश दिया है।

 


पहले इस भर्ती के लिए आयु सीमा 18 से 22 वर्ष तय की गई थी। पिछले 5 वर्षों से भर्ती की तैयारी कर रहे कई उम्मीदवार इस आयु सीमा को पार कर चुके हैं। ऐसे में वह लगातार सोशल मीडिया पर अपना विरोध जता रहे थे। इन प्रत्याशियों को केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी का भी समर्थन मिला। इन नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आयु सीमा बढ़ाने की मांग भी की थी।।

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जो युवा पुलिस में भर्ती होना चाहते हैं उनका तर्क है कि 2018 के पांच साल बाद करीब 60 हजार पद भरे जाने वाले हैं। भर्ती में पांच साल की देरी के कारण कई युवा आयु सीमा पार कर चुके हैं, जिससे उन्हें पुलिस में भर्ती होने का मौका नहीं मिलेगा। वहीं, आरक्षण के दायरे में आने वाले अन्य वर्ग के उम्मीदवारों को आयु सीमा में पांच साल की छूट मिल रही है। उधर, भर्ती बोर्ड ने बुधवार से शुरू होने वाले ऑनलाइन आवेदन की तैयारी पूरी कर ली है। उम्मीद है कि पहले दिन सबसे ज्यादा आवेदन आएंगे।

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सिपाही भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित करने में भी बाधा सामने आ रही है। दरअसल, भर्ती बोर्ड ने लिखित परीक्षा के लिए 11 फरवरी की तारीख प्रस्तावित की है और सभी जिलों के DM और SP को तैयारी करने को कहा है। वहीं 11 फरवरी को ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी के पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की जा रही है।  कांस्टेबल भर्ती में करीब 25 लाख अभ्यर्थियों के शामिल होने की उम्मीद है, जबकि आयोग की परीक्षा में 10 लाख अभ्यर्थियों के शामिल होने की उम्मीद है। ऐसे में दोनों परीक्षाएं एक साथ कराना प्रशासन के लिए चुनौती बन सकता है। खासकर लाखों अभ्यर्थियों के परीक्षा देने दूसरे जिलों में जाने से परिवहन सेवाओं पर खासा असर पड़ सकता है। 
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