UP : उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों के लिए खुशखबरी, नहीं लगेगा टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस; सरकार सब्सिडी भी देगी

उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन नीति: यूपी में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर कोई टैक्स और पंजीकरण शुल्क नहीं लगेगा। 14 अक्टूबर 2022 से तीन साल तक ईवी खरीद पर 100 फीसदी टैक्स और रजिस्ट्रेशन की छूट मिलेगी। 
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उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला लिया है। इसके मुताबिक अब इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) की खरीद पर कोई टैक्स नहीं लगेगा और कोई रजिस्ट्रेशन फीस भी नहीं देनी होगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व में जारी अधिसूचना में बदलाव करते हुए यह फैसला किया है। इसके तहत 3 साल तक टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देनी होगी। वहीं, राज्य में ही निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर यह छूट 5 साल के लिए मान्य होगी। सरकार की ओर से सभी जिलों के आरटीओ को तत्काल प्रभाव से निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं। Read Also:-काम की खबर : अब घर बैठे बुक कर सकते हैं उत्तर प्रदेश रोडवेज बस का टिकट, शिकायतों का भी होगा समाधान

 

प्रमुख सचिव एल वेंकटेश्वर लू द्वारा जारी संशोधित अधिसूचना के अनुसार उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण एवं गतिशीलता नीति 2022 के अनुसार उत्तर प्रदेश में बेचा और पंजीकृत किया गया है उसे 14 अक्टूबर 2022 से 13 अक्टूबर 2025 तक इलेक्ट्रिक वाहन (EV) पर शत-प्रतिशत टैक्स छूट दी जाएगी। दूसरी ओर, 14 अक्टूबर 2022 को अधिसूचित इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति की प्रभावी अवधि के चौथे एवं पांचवें वर्ष यानी 14 अक्टूबर 2025 से 13 अक्टूबर 2027 तक प्रदेश में विनिर्मित बिक्रीकृत तथा रजिस्ट्रीकृत ईवी पर भी शत प्रतिशत छूट मिलेगी।  इलेक्ट्रिक व्हीकल से आशय के संबंध में स्पष्टीकरण भी दिया गया है। 

 

इसके अनुसार, EV इलेक्ट्रिक मोटर्स का उपयोग करने वाले सभी ऑटोमोबाइल को संदर्भित करता है जो बैटरी, अल्ट्राकैपेसिटर या ईंधन सेल द्वारा संचालित होते हैं। इनमें सभी 2 व्हीलर, 3 व्हीलर और 4 व्हीलर स्ट्रांग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल (HEV), प्लग इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल (PHEV), बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल (BEV) और फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल (FCEV) शामिल हैं।

 

अब सरकार EV की खरीद पर टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस नहीं लेगी. 14 अक्टूबर 2022 से तीन साल तक ईवी खरीद पर 100 फीसदी टैक्स और रजिस्ट्रेशन की छूट मिलेगी। इससे राज्य के लाखों मौजूदा इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों के साथ-साथ ईवी खरीदने की योजना बना रहे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी। जिन लोगों ने 14 अक्टूबर, 2022 से अब तक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे हैं और टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान किया है, उनका पैसा स्वत: ही उनके खाते में वापस आ जाएगा। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहन मालिक को कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ती है।

 

सरकार के इस कदम से राज्य के इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को काफी फायदा होने की संभावना है। वे राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के माध्यम से एक बड़ी राशि की बचत करेंगे। ऑन रोड दोपहिया वाहनों की कीमत में 15 से 20 हजार रुपये और कारों की कीमत में एक लाख रुपये तक का अंतर आने की संभावना है. अब दिल्ली और उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्रेशन का यह अंतर खत्म हो जाएगा। अब दोनों राज्यों में एक जैसी होंगी दरें

 

उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के मुताबिक, राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर ग्राहकों को भारी सब्सिडी भी मिलेगी। नीति के अनुसार राज्य में खरीदे जाने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के फैक्टरी मूल्य पर 15 प्रतिशत अनुदान भी दिया जायेगा। इसमें पहले दो लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए 5,000 रुपये प्रति वाहन, पहले 50,000 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स के लिए अधिकतम 12,000 रुपये और पहले 25,000 इलेक्ट्रिक फोर के लिए प्रति वाहन एक लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, राज्य में खरीदी जाने वाली पहली 400 बसों पर प्रति ई-बस 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही अधिकतम 1000 ई-गुड्स कैरियर्स को 1,00,000 प्रति वाहन तक ई-गुड्स कैरियर्स की खरीद पर फैक्ट्री प्राइस पर 10 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। सरकार सरकारी कर्मचारियों को भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इसके लिए राज्य सरकार कर्मचारियों को एडवांस लेने की भी अनुमति देगी।
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