UP : पराली जलाई तो किसानों को देना होगा भारी जुर्माना...,बढ़ेगी सख्ती, सैटेलाइट इमेज के जरिए पकड़ रही योगी सरकार

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में 67 किसानों पर कार्रवाई, प्रशासन ने 1.75 लाख रुपए जुर्माना वसूला। तमाम कोशिशों के बावजूद किसान नहीं मान रहे, अब और बढ़ेगी सख्ती
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FARMES burn stubble
खेतों में पराली जलाने को लेकर शासन-प्रशासन की ओर से की जा रही कार्रवाई और पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद कुछ लापरवाह किसान हैं, जिन्हें इसकी कोई परवाह नहीं है। कम से कम बाराबंकी में तो कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। तीन दिन के अंदर जिले में सेटेलाइट के जरिए पराली जलाने की 31 घटनाएं सामने आईं, जिससे प्रशासन में खलबली मच गई।READ ALSO:-जिम में ऐसे भी आ सकती है मौत! ट्रेडमिल पर दौड़ते हुए गिरा कारोबारी, CPR भी नहीं आया काम, देखें Video....

 

 जब स्थलीय सत्यापन किया गया तो 16 घटनाओं की पुष्टि हुई और बाकी घटनाएं कूड़ा जलाने की थीं। प्रशासन ने ऐसे 67 लापरवाह किसानों से 2500 रुपये प्रति किसान के हिसाब से 1 लाख 75 हजार रुपये का जुर्माना वसूला है।

 

बता दें कि 11 अक्टूबर को सेटेलाइट के जरिए पराली जलाने की 04 घटनाएं, 12 अक्टूबर को 08 घटनाएं और 13 अक्टूबर को 19 घटनाएं सामने आईं, जिससे कृषि विभाग में खलबली मच गई। इसके अलावा 13 घटनाएं कूड़ा जलाने की पाई गईं जबकि 02 घटनाएं जिले से बाहर की पाई गईं। अफसरों ने जांच की तो 67 किसानों की लापरवाही सामने आई। खास बात यह है कि ये सभी घटनाएं फतेहपुर तहसील की हैं। किसानों की इस लापरवाही पर प्रशासन ने प्रत्येक किसान से 2500 रुपये जुर्माना वसूला है।

 

एक ही तहसील में इतनी घटनाएं देख विभाग की चिंता बढ़ी 
उप कृषि निदेशक श्रवण कुमार ने बताया कि जिले में कुल 06 तहसीलें हैं। ये घटनाएं फतेहपुर तहसील की हैं। उन्होंने बताया कि तहसील फतेहपुर क्षेत्र में धान की खेती अग्रिम रूप से की जाती है। यहां धान की कटाई शुरू हो गई है, ऐसे में लापरवाह किसानों ने खेतों में ही पराली जलाना शुरू कर दिया है। उप कृषि निदेशक ने चिंता जताई कि अन्य तहसीलों में अभी धान की कटाई शुरू नहीं हुई है, अगर सभी तहसीलों में धान की कटाई शुरू हो गई तो स्थिति और खराब हो जाएगी।

 

अधिकारियों ने की बैठक 
पराली जलाने की घटनाओं से चिंतित प्रशासन ने सोमवार को सीडीओ अन्ना सूदन की अध्यक्षता में विकास खंड परिसर फतेहपुर के सभागार कक्ष में जिला पंचायत सदस्यों, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्यों तथा संबंधित जिला, तहसील व विकास खंड स्तरीय अधिकारियों के साथ पराली जलाने की घटनाओं के संबंध में विस्तृत बैठक की। इस दौरान अधिकारियों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान से अवगत कराया गया।

 

पराली न जलाने का विकल्प 
उप कृषि निदेशक श्रवण कुमार ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की। ​​उन्होंने विकल्प बताते हुए कहा कि जिले में रिलायंस इंडस्ट्रीज स्थापित है जो पराली खरीद रही है। यह उद्योग इसी पराली से बायोफ्यूल तैयार करता है। उन्होंने किसानों से कहा कि रिलायंस इंडस्ट्री व अन्य बायोफ्यूल मंडलों के कर्मचारी आपसे आपका फसल अवशेष लेंगे और उस अवशेष के बदले आपको निर्धारित धनराशि भी देंगे।

 

अधिकारियों ने भ्रमण के दौरान पाई किसानों की लापरवाही 
बैठक के बाद उप कृषि निदेशक श्रवण कुमार, जिला कृषि अधिकारी राजित राम, एसडीएम फतेहपुर राजेश विश्वकर्मा, सीओ फतेहपुर जगत कनौजिया, ज्ञान सिंह मैनेजर रिलायंस, सीबीजी प्लांट बाराबंकी व समस्त टीम ने पुलिस बल के साथ संयुक्त रूप से विकास खंड फतेहपुर का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान बिना एसएमएस के कटाई करते पाए जाने पर प्रशासन द्वारा 06 कंबाइन हार्वेस्टर को सीज कर दिया गया तथा कई किसान खेतों में पराली जला रहे थे, जिसे टीम द्वारा मौके पर ही बुझाया गया तथा कुछ किसान भ्रमण के दौरान बाधा उत्पन्न कर रहे थे, जिसमें पुलिस प्रशासन द्वारा 12 किसानों के विरुद्ध धारा 107/16 के तहत मुकदमा भी दर्ज किया गया है। 

 

पराली जलाने पर क्या है प्रावधान 
यदि कोई किसान दो एकड़ तक के खेत में पराली जलाते हुए पकड़ा जाता है तो उससे 2500 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा, जबकि 2 एकड़ से 5 एकड़ तक पराली जलाने पर 5000 रुपये से 15000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। राजस्व विभाग सैटेलाइट के जरिए पराली जलाने पर नजर रखता है। अगर कहीं किसान पराली जला रहे हैं तो सैटेलाइट की मदद से उन्हें पता चल जाता है। अधिकारी मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करते हैं। 

 KINATIC

इस साल के सबसे ज्यादा पराली जलाने वाले जिले, कुल 77 मामले 
इस साल पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले इन जिलों में सामने आए। अलीगढ़ में 25, संभल में 12, बुलंदशहर में 11, मथुरा में 5, फैजाबाद में 4, गौतमबुद्धनगर में 4, गाजियाबाद में 3, शाहजहांपुर में 3 और बदायूं में 2 मामले सामने आए हैं। 

 

पिछले साल की पराली जलाने की 1741 घटनाएं
पिछले साल कुल 2,751 घटनाएं हुई थीं, लेकिन इनमें से सिर्फ 1,741 घटनाएं धान की पराली जलाने से जुड़ी थीं। अन्य घटनाएं कूड़ा जलाने या ऐसी घटनाएं थीं, जिनका फसल अवशेष से कोई संबंध नहीं था। पिछले साल प्रदेश में 742 किसानों पर 31 लाख 73 हजार का जुर्माना लगाया गया था।
SONU

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