UP : बुलडोजर एक्शन के दौरान, कानपुर देहात में मां-बेटी की जलकर मौत, मां और बेटी आग में जलती रहीं, परिजन देखते रहे...ग्रामीणों ने की पत्थरबाजी,

 इस घटना का एक वीडियो उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने शेयर किया है। वीडियो में घर का काफी सामान जमीन पर फैला हुआ नजर आ रहा है। सामने जलती आग की लपटें दिखाई दे रही हैं।
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KANPUR
कानपुर देहात जिले के एक गांव में अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान एक मां और उसकी बेटी की जिंदा आग में जलकर मौत हो गयी। आग में 44 वर्षीय मां और उसकी 21 वर्षीय बेटी के जलने से पुलिस और ग्रामीणों के बीच भारी तनाव पैदा हो गया।Read Also:-BBC के दिल्ली ऑफिस पर आयकर विभाग का छापा, 60 से 70 लोगों की टीम पहुंची, स्टाफ के फोन जब्त, मुंबई में भी दफ्तर में IT विभाग की टीम मौजूद

 

प्रमिला दीक्षित (45) और उनकी बेटी नेहा (20) ने कथित रूप से पुलिस, जिला प्रशासन और राजस्व अधिकारियों की मौजूदगी में यह कदम उठाया, जो जिले के रूरा क्षेत्र के मडौली गांव में एक "ग्राम समाज" की भूमि से अतिक्रमण हटाने गए थे। एक पुलिस अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी।

 

बता दें, एसडीएम (मैथा) ज्ञानेश्वर प्रसाद मैथा तहसील क्षेत्र के मडौली गांव में सोमवार 13 फरवरी को बढ़ते अतिक्रमण को हटाने गए थे। 

 

प्रसाद के साथ पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारी भी थे, जो कृष्ण कुमार द्वारा अतिक्रमण की शिकायत के बाद अवैध ढांचे को गिराने गए थे।

 

मां-बेटी फूस के घर में रहती थी, जिसे अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत साफ करने की योजना थी। ग्रामीणों का आरोप है कि महिला और उसकी बेटी अंदर फंस गई और आग में जलकर उनकी मौत हो गई। बचाने के प्रयास में उसका पति कृष्ण कुमार गंभीर रूप से झुलस गया।

 

मौत की खबर जैसे ही ग्रामीणों तक पहुंची, विरोध शुरू हो गया और पुलिस के खिलाफ ईंट-पत्थरबाजी शुरू हो गई। ग्रामीणों के विरोध को देख पुलिस को फौरन पीछे हटना पड़ा।

 

महिला पीड़ितों के परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर लेखपाल (राजस्व अधिकारी) अशोक सिंह की पिटाई की, जिसके बाद अतिक्रमण विरोधी टीम के सदस्य मौके से भाग गए।

 

कांग्रेस ने शेयर किया घटना का वीडियो, उधर, राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस घटना को हत्या करार दिया है। सपा ने प्रशासन को जल्लाद और अमानवीय बताते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने एक ट्वीट में कहा कि "योगी जी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) आपके जल्लाद और अमानवीय प्रशासन द्वारा की गई हत्या है।"

 


इसी ट्वीट में समाजवादी पार्टी ने यह भी कहा कि 'योगी सरकार में लगातार ब्राह्मण परिवारों को निशाना बनाया जा रहा है। ब्राह्मणों को चुन-चुन कर लगातार घटनाएं हो रही हैं। दलितों और ओबीसी के साथ-साथ ब्राह्मण भी भारतीय जनता पार्टी- शासित योगी सरकार के अत्याचार का निशाना बन रहे हैं।” सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पार्टी के इस ट्वीट को रीट्वीट किया है। 

 


एडीजी (जोन) आलोक सिंह सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मैथा तहसील क्षेत्र के मडौली गांव पहुंचे, जहां तनाव के चलते भारी पुलिस बल तैनात रहा। 

 

एडीजी (जोन) आलोक सिंह ने कहा, "अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान दो महिलाओं की मौत हो गई और पुलिस मामले की जांच कर रही है।"

 


पीड़ितों के परिवार के सदस्यों ने उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (मैथा) ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) नेहा जैन और पुलिस अधीक्षक (एसपी) बीबीजीटीएस मूर्ति के समक्ष अपनी मांग रखी।
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