UP : डिजिटल अटेंडेंस के बाद उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों को BSA का नया आदेश....जींस-टी-शर्ट पहनने की इजाजत नहीं, बहनजी-गुरुजी बोलो

संभल के स्कूलों में एक नई पहल शुरू की जा रही है। जिसमें अब से स्कूली बच्चे हर पुरुष शिक्षक को गुरुजी और महिला शिक्षिका को दीदी और बहनजी कहकर बुलाएंगे। इसके साथ ही हर बच्चा नमस्ते और जय हिंद कहेगा। वहीं सभी के जूते और चप्प्लों को स्कूल के बाहर रखा जाएगा। अगर कोई शिक्षक पान, सिगरेट, तंबाकू खाते या पीते हुए नजर आया तो संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों में संस्कार विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। अब उन्हें अपने शिक्षकों का अभिवादन जय हिंद सर कहकर करना होगा। साथ ही शिक्षकों को कुछ नियमों का पालन भी करना होगा। READ ALSO:-Weather : आसमान में काली घटाएं, तेज बारिश...दिल्ली-NCR के मौसम बदला मिजाज, जानें क्या है IMD का अलर्ट?

 

मसलन, वे जींस और टी-शर्ट पहनकर नहीं पढ़ा सकेंगे। इतना ही नहीं, वे जूते-चप्पल पहनकर कक्षा में भी जा सकेंगे। बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने की सरकार की मंशा पर बीएसए ने अमल करना शुरू कर दिया है। 

 

गौरतलब है कि कंपोजिट विद्यालय शरीफपुर के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी को खामियां और शिक्षक मोबाइल पर गेम खेलते मिले थे। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिए थे। 

 

शिक्षक स्कूल में मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करेंगे 
नवागत बीएसए अलका शर्मा ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे अपने क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों और कार्यालयों में शिक्षकों को स्पष्ट कर दें कि वे जींस और टी-शर्ट पहनकर नहीं आएंगे। इतना ही नहीं, वे विद्यालय समय में मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करेंगे। वे केवल अपरिहार्य परिस्थितियों में और विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों के फोन ही रिसीव करेंगे। स्कूल में बच्चों की कॉपियां जांचने के लिए सिर्फ लाल स्याही वाले पेन का ही इस्तेमाल किया जाएगा।

 

जय हिंद या नमस्ते कहकर अभिवादन करें
परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी बताना होगा कि वे अपने शिक्षकों का अभिवादन सिर्फ जय हिंद या नमस्ते कहकर करेंगे। शिक्षकों को गुरुजी और शिक्षिकाओं को दीदी या बहनजी कहकर संबोधित किया जाएगा।

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BSA ने दिए निर्देश
  • बीएसए ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार स्कूल के निरीक्षण के दौरान कोई भी अधिकारी प्रधानाचार्य की कुर्सी पर नहीं बैठेगा।
  • स्कूल और कार्यालय पूरी तरह से तंबाकू उत्पाद और प्लास्टिक मुक्त होगा।
  • किसी भी परिस्थिति में प्लास्टिक की पानी की बोतल और बर्तन का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
  • निरीक्षण के दौरान ऐसा पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति पर जुर्माना लगाया जाएगा और विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
  • स्कूलों/कार्यालयों में कार्यरत अधिकारी, सहायक, शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी सिर्फ भारतीय गणवेश ही पहनें।

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कार्यस्थल पर जींस और टी-शर्ट किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएगी। प्रत्येक विद्यालय शिक्षा का मंदिर होता है, इसलिए किसी भी विद्यालय की कक्षा में चप्पल या जूते पहनकर प्रवेश वर्जित है। सभी छात्र-छात्राओं व स्टाफ के जूते-चप्पल कक्षा के बाहर व्यवस्थित तरीके से रखे जाएं। - अलका शर्मा, बीएसए, संभल।
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