UP : बिजली विभाग के 3.5 करोड़ उपभोक्ताओं को बड़ी राहत; समस्या दूर करने में जितनी देरी, उतना देना होगा मुआवजा, अब OTP जरूरी
नई व्यवस्था अगले साल जनवरी तक लागू होने की उम्मीद है, अब समस्या के समाधान में जितनी देरी होगी, बिजली विभाग को उतना ही अधिक हर्जाना देना पड़ेगा। नियामक आयोग ने निगम को यह आदेश दिया है।
Oct 22, 2024, 10:00 IST
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उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के करीब 3.5 करोड़ उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। अब बिजली विभाग उनकी शिकायतों को नजरअंदाज नहीं कर सकेगा। 1912 कस्टमर केयर पर शिकायत करने पर उन्हें एक ओटीपी मिलेगा। जब तक समस्या या शिकायत का समाधान नहीं हो जाता, तब तक उपभोक्ता को उतने दिनों का मुआवजा भी मिलेगा। यानी बिजली विभाग उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान किए बिना उन्हें बंद नहीं कर सकेगा। इससे पहले बिजली विभाग 1912 पर आने वाली शिकायतों के समाधान में सेल्फ जेनरेटेड ओटीपी की व्यवस्था लागू करने को तैयार नहीं था। READ ALSO:-
उपभोक्ता परिषद की याचिका के बाद नियामक आयोग ने फटकार लगाई तो अब यह व्यवस्था लागू होने जा रही है। इसमें गलत बिलिंग के लिए अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी। साथ ही बिल्डरों द्वारा उपभोक्ताओं का उत्पीड़न भी बंद होगा। इस नई व्यवस्था में अलग-अलग शिकायतों के लिए मुआवजे की दरें भी अलग-अलग हैं। उम्मीद है कि अगले साल जनवरी तक यह नई व्यवस्था काम करने लगेगी। आइए जानते हैं, किस शिकायत के लिए कितना मुआवजा मिलेगा।
तीन माह में लागू करनी होगी व्यवस्था
बिजली विभाग अब उपभोक्ताओं को झटका नहीं दे सकेगा। झटका भले ही गलत बिजली बिल से संबंधित हो या फिर शिकायत के झूठे निस्तारण से। नियामक आयोग ने तीन माह के भीतर पावर कॉरपोरेशन को स्व-जनरेटेड ओटीपी व्यवस्था लागू करने को कहा है। इस व्यवस्था के लागू होने से उपभोक्ताओं को ओटीपी से यह गारंटी मिलेगी कि अब 1912 पर आने वाली शिकायतों का झूठा निस्तारण नहीं होगा। जब तक उपभोक्ता संतुष्ट नहीं होगा, वह ओटीपी नहीं देगा और शिकायत बंद नहीं होगी। इस व्यवस्था के लागू होने से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।
बिजली विभाग अब उपभोक्ताओं को झटका नहीं दे सकेगा। झटका भले ही गलत बिजली बिल से संबंधित हो या फिर शिकायत के झूठे निस्तारण से। नियामक आयोग ने तीन माह के भीतर पावर कॉरपोरेशन को स्व-जनरेटेड ओटीपी व्यवस्था लागू करने को कहा है। इस व्यवस्था के लागू होने से उपभोक्ताओं को ओटीपी से यह गारंटी मिलेगी कि अब 1912 पर आने वाली शिकायतों का झूठा निस्तारण नहीं होगा। जब तक उपभोक्ता संतुष्ट नहीं होगा, वह ओटीपी नहीं देगा और शिकायत बंद नहीं होगी। इस व्यवस्था के लागू होने से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।
इन शिकायतों पर मिलेगा मुआवजा
जिन शिकायतों पर मुआवजे का प्रावधान किया गया है, उनमें घरेलू बिजली कनेक्शन, कम आपूर्ति, ट्रांसफार्मर में खराबी, कम वोल्टेज, अधिक वोल्टेज, कनेक्शन कटना, लोड कम होना, मीटर बदलना आदि शामिल हैं। अधिकतर उपभोक्ताओं को इसी तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है। अब अगर तय अवधि में ऐसी शिकायतों का समाधान नहीं होता है, तो उपभोक्ता 1912 पर अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे। इससे एक ओटीपी जनरेट होगा और प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजा भी मिलेगा।
जिन शिकायतों पर मुआवजे का प्रावधान किया गया है, उनमें घरेलू बिजली कनेक्शन, कम आपूर्ति, ट्रांसफार्मर में खराबी, कम वोल्टेज, अधिक वोल्टेज, कनेक्शन कटना, लोड कम होना, मीटर बदलना आदि शामिल हैं। अधिकतर उपभोक्ताओं को इसी तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है। अब अगर तय अवधि में ऐसी शिकायतों का समाधान नहीं होता है, तो उपभोक्ता 1912 पर अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे। इससे एक ओटीपी जनरेट होगा और प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजा भी मिलेगा।
शिकायत और मुआवजा
- घरेलू बिजली कनेक्शन के लिए 50 रुपये प्रतिदिन।
- कॉल सेंटर से जवाब न मिलने और शिकायत नंबर न देने पर 50 रुपये।
- श्रेणी एक शहरी क्षेत्रों में कम आपूर्ति के लिए 20 रुपये प्रति किलोवाट प्रति घंटा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में कम आपूर्ति के लिए 10 रुपये प्रति किलोवाट प्रति घंटा।
- सामान्य फ्यूज उड़ने पर 50 रुपये प्रतिदिन।
- ओवरहेड लाइन भूमिगत केबल के लिए 100 रुपये प्रतिदिन।
- ग्रामीण ट्रांसफार्मर के लिए 150 रुपये प्रतिदिन।
- ट्रांसफार्मर से वोल्टेज की समस्या के लिए 50 रुपये प्रतिदिन।
- वोल्टेज के लिए नई लाइन की जरूरत के लिए 100 रुपये प्रतिदिन। (उपभोक्ताओं की संख्या के आधार पर)
- वोल्टेज के लिए सब-स्टेशन की जरूरत के लिए 250 रुपये प्रतिदिन। (स्वीकृति पर)
- छह प्रतिशत कम या अधिक कम वोल्टेज के लिए 50 रुपये प्रतिदिन।
- नौ प्रतिशत कम और छह प्रतिशत अधिक उच्च वोल्टेज के लिए 50 रुपये प्रतिदिन।
- 12.5 प्रतिशत कम और 10 प्रतिशत अधिक ईएचवी के लिए 50 रुपये प्रतिदिन।
- जहां नई लाइन बननी है, वहां 250 रुपए प्रतिदिन। (स्वीकृति पर)
- अस्थायी कनेक्शन पर 100 रुपए प्रतिदिन।
- कनेक्शन के टाइटल ट्रांसफर कैटेगरी में बदलाव पर 50 रुपए प्रतिदिन।
- स्थायी कनेक्शन कटने, दोबारा कनेक्शन होने पर 50 रुपए प्रतिदिन।
- सिक्योरिटी रिफंड, नॉन-पेमेंट सर्टिफिकेट पर 50 रुपए प्रतिदिन।
- बिल संबंधी शिकायत पर 50 रुपए प्रतिदिन।
- लोड बढ़ाने या घटाने, कनेक्शन कटने पर 50 रुपए प्रतिदिन।
- उसी परिसर में शिफ्ट होने पर 50 रुपए प्रतिदिन।
- मीटर रीडिंग पर 200 रुपए प्रतिदिन।
- खराब या जले मीटर को बदलने पर 50 रुपए प्रतिदिन।
वेबसाइट पर यह जानकारी सार्वजनिक की जाएगी
इसके अलावा बिजली विभाग आने वाले दिनों में एक और सुधार करने की तैयारी कर रहा है। उपभोक्ता को दिया जाने वाला बिल सार्वजनिक किया जाएगा। बिजली दुर्घटना होने पर सेटलमेंट और पीड़ित परिवार को कब और कितना मुआवजा दिया गया, यह जानकारी भी वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाएगी। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि अब ऊर्जा विभाग शिकायत के तुरंत बाद उपभोक्ताओं के रजिस्टर्ड मोबाइल पर सेल्फ जेनरेटेड ओटीपी जारी करेगा।
इसके अलावा बिजली विभाग आने वाले दिनों में एक और सुधार करने की तैयारी कर रहा है। उपभोक्ता को दिया जाने वाला बिल सार्वजनिक किया जाएगा। बिजली दुर्घटना होने पर सेटलमेंट और पीड़ित परिवार को कब और कितना मुआवजा दिया गया, यह जानकारी भी वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाएगी। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि अब ऊर्जा विभाग शिकायत के तुरंत बाद उपभोक्ताओं के रजिस्टर्ड मोबाइल पर सेल्फ जेनरेटेड ओटीपी जारी करेगा।
शिकायत का समाधान होने के बाद उपभोक्ता को बताया जाएगा कि उसकी शिकायत का समाधान हो गया है। इसके बाद ही उसे बंद किया जा सकेगा। इस व्यवस्था से शिकायतों का निस्तारण भी सही होगा और समय से शिकायतों का समाधान न होने पर उपभोक्ता मुआवजे का दावा कर सकेगा। मुआवजे के लिए कहां आवेदन करना है, इसकी भी विस्तृत जानकारी देनी होगी। बिल्डर सिंगल प्वाइंट कनेक्शन लेकर उपभोक्ताओं को परेशान करते हैं। नियामक आयोग ने अब इस पर भी रोक लगाने की व्यवस्था कर दी है। बिजली कंपनियों को ईमेल, व्हाट्सएप व अन्य ऑनलाइन माध्यमों से बिल देने की अनुमति दे दी गई है। शर्त यह होगी कि बिलिंग संबंधी जानकारी के साथ ही उसमें अधिकृत प्रतिनिधि के हस्ताक्षर भी होंगे।
क्या कहते हैं प्रबंध निदेशक
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार का कहना है कि ऊर्जा विभाग उपभोक्ताओं के हित में लगातार नई योजनाएं ला रहा है। बिजली बिल संबंधी शिकायत हो या बिजली कटौती से संबंधित शिकायतें, इन सभी के समाधान के लिए हेल्पलाइन 1912 स्थापित की गई है। शिकायत का समाधान न होने पर मुआवजे का भी प्रावधान है। सेल्फ जेनरेटेड ओटीपी सिस्टम लागू करने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा उपभोक्ताओं के हित में कई अन्य फैसले भी लिए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार का कहना है कि ऊर्जा विभाग उपभोक्ताओं के हित में लगातार नई योजनाएं ला रहा है। बिजली बिल संबंधी शिकायत हो या बिजली कटौती से संबंधित शिकायतें, इन सभी के समाधान के लिए हेल्पलाइन 1912 स्थापित की गई है। शिकायत का समाधान न होने पर मुआवजे का भी प्रावधान है। सेल्फ जेनरेटेड ओटीपी सिस्टम लागू करने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा उपभोक्ताओं के हित में कई अन्य फैसले भी लिए जा रहे हैं।