UP : आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द, दूसरी बार गई विधायकी, स्वार सीट हुई खाली, छजलैट मामले में कोर्ट ने सुनाई थी दो साल सजा....

 रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने अब्दुल्ला आजम की सीट खाली घोषित की है। 
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समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के बाद अब उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की भी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने अब्दुल्ला आजम की स्वार विधानसभा सीट को खाली बताया है। आपको बता दें कि 15 साल पुराने छजलत मामले में सपा नेता आजम खां और उनके बेटे समाजवादी पार्टी विधायक अब्दुल्ला आजम को अदालत ने दो-दो साल की सजा सुनाई है।  दोनों पर तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।Read Also:-  कर्ज लेने वालों को रिजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) ने दी एक और बड़ी राहत, अब कर्ज वसूली से पहले करना होगा ये काम

 

इस मामले में अन्य सात आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था।  जानकारों के मुताबिक दो साल की सजा के चलते अब्दुल्ला आजम की विधायकी स्वार सीट से जाती रहेगी। रामपुर की अदालत से बीते दिनों सजा सुनाए जाने के बाद आजम खां की विधायकी नगर सीट से जा चुकी है। 

 


छजलैट केस क्या है
2 जनवरी 2008 पूर्व मंत्री व रामपुर से पूर्व विधायक आजम खान अपने परिवार के साथ मुजफ्फरनगर में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। छजलैट थाने के सामने वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने आजम खां की कार को रोक लिया। विरोध में आजम खां और उनके पुत्र स्वार-टांडा विधानसभा सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम सड़क पर धरने पर बैठ गये। 

 

इसकी जानकारी होने पर आसपास के जिलों से सपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे। आरोप है कि आम लोगों को भड़का कर सड़क जाम कर हंगामा किया और सरकारी काम में बाधा डाली। 

 

इस मामले में रामपुर के पूर्व विधायक आजम खान, उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम, मुरादाबाद देहात विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी, बिजनौर की नूरपुर विधानसभा सीट के पूर्व विधायक नईम-उल-हसन, नगीना से सपा विधायक मनोज पारस, अमरोहा से सपा विधायक महबूब अली, राजेश यादव, डीपी यादव, पूर्व महानगर अध्यक्ष राजकुमार प्रजापति को आरोपी बनाया गया।

 

मुरादाबाद के एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट स्मृति गोस्वामी की अदालत में इस मामले की सुनवाई वर्ष 2019 से चल रही थी. विशेष लोक अभियोजक मोहन लाल विश्नोई ने बताया कि अदालत ने फाइल में मौजूद साक्ष्यों के आधार पर आजम खां और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया है. आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दो-दो साल की सजा और तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

 

जबकि मुरादाबाद देहात विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी, बिजनौर की नूरपुर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक नईम-उल-हसन, नगीना से सपा विधायक मनोज पारस, महबूब अली, राजेश यादव, अमरोहा से सपा विधायक डीपी यादव, पूर्व विधायक महानगर अध्यक्ष राजकुमार प्रजापति साक्ष्य के अभाव में बरी
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