UP : प्रदेश में कहीं भी बिजली गिरने से पहले मिलेगा अलर्ट, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का ब्रह्मास्त्र ऐसे बचाएगा
उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस महीने अब तक राज्य में बिजली गिरने से 84 लोगों की जान जा चुकी है। लेकिन अब राज्य सरकार ने जल्द ही बिजली का पता लगाने वाली प्रणाली लगाने का फैसला किया है...
Updated: Jul 14, 2024, 22:20 IST
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उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस महीने अब तक राज्य में बिजली गिरने से 84 लोगों की जान जा चुकी है। मानसून के मौसम में बिजली गिरने से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। लेकिन राज्य सरकार ने राज्य में बिजली गिरने से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए लाइटनिंग डिटेक्शन एंड वार्निंग सिस्टम लगाने की योजना बनाई है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने बताया कि इस सिस्टम का नाम “उत्तर प्रदेश लाइटनिंग एलर्ट मैनेजमेंट सिस्टम” है। यह सिस्टम पूरे राज्य में तीन चरणों में लगाया जाएगा।READ ALSO:-UP : अब मुहर्रम में और ताजिया नाम पर सड़कें सूनी नहीं होती....मुख्यमंत्री योगी ने फिर दिखाया आक्रामक तेवर
पिछले साल से ज्यादा मौतें
राज्य के राहत विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस महीने अब तक राज्य में बिजली गिरने से 84 लोगों की जान जा चुकी है। इन आंकड़ों में चौंकाने वाली बात यह है कि 84 लोगों में से 43 लोगों की जान 10 जुलाई की शाम 6:30 बजे से 11 जुलाई की शाम 6:30 बजे के बीच गई है। राहत विभाग ने बताया कि मौतों का यह आंकड़ा पिछले साल मानसून के मौसम में बिजली गिरने से हुई मौतों से कहीं ज्यादा है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार पिछले साल बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या 41 थी। भारतीय मौसम विभाग की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश उन राज्यों में से एक है, जहां बिजली गिरने से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।
राज्य के राहत विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस महीने अब तक राज्य में बिजली गिरने से 84 लोगों की जान जा चुकी है। इन आंकड़ों में चौंकाने वाली बात यह है कि 84 लोगों में से 43 लोगों की जान 10 जुलाई की शाम 6:30 बजे से 11 जुलाई की शाम 6:30 बजे के बीच गई है। राहत विभाग ने बताया कि मौतों का यह आंकड़ा पिछले साल मानसून के मौसम में बिजली गिरने से हुई मौतों से कहीं ज्यादा है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार पिछले साल बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या 41 थी। भारतीय मौसम विभाग की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश उन राज्यों में से एक है, जहां बिजली गिरने से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।
नई तकनीक के क्रियान्वयन से होगा फायदा
लखनऊ स्थित मौसम विभाग के निदेशक डॉ. मनीष रानालकर ने बताया कि "उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने से होने वाली मौतों को देखते हुए हम बिजली गिरने का पता लगाने वाली प्रणाली स्थापित करने पर काम कर रहे हैं।" उन्होंने आगे बताया कि, "मुख्यमंत्री द्वारा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दिए गए निर्देशों के बाद 'टाइम ऑफ अराइवल (TOA)' तकनीक पर आधारित इस प्रणाली को स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।"
लखनऊ स्थित मौसम विभाग के निदेशक डॉ. मनीष रानालकर ने बताया कि "उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने से होने वाली मौतों को देखते हुए हम बिजली गिरने का पता लगाने वाली प्रणाली स्थापित करने पर काम कर रहे हैं।" उन्होंने आगे बताया कि, "मुख्यमंत्री द्वारा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दिए गए निर्देशों के बाद 'टाइम ऑफ अराइवल (TOA)' तकनीक पर आधारित इस प्रणाली को स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।"
आपको बता दें कि भारतीय मौसम विभाग फिलहाल रडार आधारित प्रणाली और सैटेलाइट डेटा पर निर्भर है। इस प्रणाली में किसी क्षेत्र में बिजली गिरने की संभावना के बारे में चेतावनी दी जाती है। ध्यान रहे कि इस चेतावनी को 'रियल टाइम' चेतावनी नहीं माना जाता है।
आधे घंटे पहले मिलेगी चेतावनी
लखनऊ स्थित मौसम विभाग के निदेशक डॉ मनीष रानालकर ने बताया कि "टीओए आधारित सिस्टम किसी खास क्षेत्र में बिजली गिरने का कम से कम 30 मिनट पहले पता लगाकर चेतावनी दे सकता है। इस सिस्टम को लगाने की अनुमानित लागत करीब 300 करोड़ रुपये होगी।"
लखनऊ स्थित मौसम विभाग के निदेशक डॉ मनीष रानालकर ने बताया कि "टीओए आधारित सिस्टम किसी खास क्षेत्र में बिजली गिरने का कम से कम 30 मिनट पहले पता लगाकर चेतावनी दे सकता है। इस सिस्टम को लगाने की अनुमानित लागत करीब 300 करोड़ रुपये होगी।"
उन्होंने आगे बताया कि "पहले चरण में इस सिस्टम के इस साल के अंत तक लग जाने और शुरू हो जाने की संभावना है।" इसके बाद शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त नवीन कुमार ने बताया कि पहले चरण में यह सिस्टम प्रदेश के सिर्फ 37 जिलों में लागू किया जाएगा। राहत आयुक्त के मुताबिक दूसरे चरण में 20 जिलों और तीसरे चरण में 18 जिलों में यह सिस्टम लागू होने की संभावना है।