UP : कोर्ट के फैसले के बाद हिन्दू संगठन के कुछ लोगों ने ज्ञानवापी मस्जिद लिखे बोर्ड पर लिख दिया मंदिर, देखें वीडियो
व्यासजी के तहखाने में पूजा का अधिकार मिलने के बाद हिंदू दल संगठन ने गोदौलिया मार्ग स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के बोर्ड पर 'मंदिर' लिख दिया।
Updated: Feb 1, 2024, 14:54 IST
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वाराणसी जिला न्यायालय ने बुधवार को ज्ञानवापी मामले में बड़ा फैसला सुनाया। एएसआई सर्वे की रिपोर्ट के बाद हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा करने का अधिकार कोर्ट से मिल गया है। इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा गोदौलिया-चौक मार्ग पर लगाए गए 'ज्ञानवापी मस्जिद' लिखे बोर्ड पर मंदिर का स्टीकर लगा दिया गया। इससे जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें हिंदू संगठन के कुछ लोगों को बोर्ड पर मंदिर लिखा स्टिकर लगाते देखा जा सकता है। READ ALSO;-उत्तर प्रदेश के इन जिलों में 5 फरवरी तक तेज हवाओं के साथ होगी बारिश, जानिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान
हिंदू संगठन ने मुख्यमंत्री योगी को लिखा था पत्र
आपको बता दें कि एएसआई (ASI) की रिपोर्ट के बाद हिंदू पक्ष की ओर से मांग की गई थी कि ज्ञानवापी मस्जिद लिखे बोर्ड को हटाया जाए और ज्ञानवापी मंदिर लिखा बोर्ड लगाया जाए। इस संबंध में राष्ट्रीय हिंदू दल संगठन ने उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशालय, लखनऊ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा था। लेकिन शायद हिंदू पार्टी संगठन ने सरकार के फैसले के बिना ही ये कदम उठाया।
श्रद्धालु पर्यटकों के बीच असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
हिंदू दल संगठन के एक सदस्य का कहना था कि मस्जिद लिखे इस बोर्ड से काशी आने वाले श्रद्धालु पर्यटकों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। ज्ञानवापी की एएसआई (ASI) सर्वेक्षण रिपोर्ट में ज्ञानवापी मंदिर होने की पुष्टि होने के बाद भी इस बोर्ड को न हटाने से हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। हमारी मांग है कि इस बोर्ड को हटाकर वहां ज्ञानवापी मंदिर लिखा जाए या जब तक कोर्ट का आदेश नहीं आता, तब तक मंदिर या मस्जिद हटाकर वहां केवल ज्ञानवापी लिखा जाए।
हिंदू दल संगठन के एक सदस्य का कहना था कि मस्जिद लिखे इस बोर्ड से काशी आने वाले श्रद्धालु पर्यटकों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। ज्ञानवापी की एएसआई (ASI) सर्वेक्षण रिपोर्ट में ज्ञानवापी मंदिर होने की पुष्टि होने के बाद भी इस बोर्ड को न हटाने से हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। हमारी मांग है कि इस बोर्ड को हटाकर वहां ज्ञानवापी मंदिर लिखा जाए या जब तक कोर्ट का आदेश नहीं आता, तब तक मंदिर या मस्जिद हटाकर वहां केवल ज्ञानवापी लिखा जाए।