UP : बिजली हड़ताल से 30 लाख लोग परेशान, 35 घंटे में कई जिलों में 80 फीसदी आपूर्ति प्रभावित; संविदाकार्मिकों की सेवाएं समाप्त करने का सिलसिला शुरू.....

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि बातचीत का रास्ता खुला है। गुरुवार की रात 11 बजे के बाद व्यवस्था को ठप करने का प्रयास करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ नेशनल ग्रिड से जुड़े कार्यालय में मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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बिजली कर्मचारियों की हड़ताल: उत्तर प्रदेश में हड़ताल पर गए बिजली कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। 650 आउटसोर्सिंग संविदा कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के 242 कर्मियों, मध्यांचल वितरण निगम के 110 कर्मियों, पश्चिमांचल के 60 कर्मियों और दक्षिणांचल के 38 कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिनकी सेवा समाप्त हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजली कर्मियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अव्यवस्था फैलाने वालों की सूची बनाई जाएगी। बिजली फीडर बंद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।Read Also:-अब स्मार्टफोन में बनाएं अपने ड्राइविंग लाइसेंस (DL) की जगह, नहीं कटेगा चालान, जानिए सॉफ्ट कॉपी के लिए कौन सा ऐप डाउनलोड करना पड़ेगा...

उधर, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि अगर कोई कर्मी बिजली लाइन में फाल्ट करता है तो उसे आकाश और पाताल से ढूंढ निकाला जाएगा। कोर्ट का सख्त आदेश है कि बिजली आपूर्ति बाधित न की जाए। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि संगठन के नेताओं के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया है। सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि बीते गुरुवार से प्रदेश के बिजली कर्मचारी हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों की हड़ताल का आज तीसरा दिन है। हड़ताल से कई जिलों में बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। 

बहुत सारी जगह बिजली संकट, लोगों ने कहा- जल्द खत्म करो हड़ताल
कई जगहों पर फीडर बंद होने से बिजली नहीं आ रही है, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी पानी को लेकर हो रही है, क्योंकि बिजली न होने से जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। लोगों का कहना है कि सरकार जल्द से जल्द बिजली कर्मचारियों से बात करे और इस हड़ताल को खत्म करे. वहीं, बिजली कर्मियों ने विवाद को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। 

 सीटू प्रदेश सचिव प्रेमनाथ राय का कहना है कि सरकार ही तोड़-फोड़ करवा रही है।

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा- बिजली कर्मचारी 'हठधर्मिता' छोड़ें
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि इस हड़ताल के लिए सत्ता संगठनों के कुछ गैरजिम्मेदार नेता जिम्मेदार हैं। मुलाकात के दौरान हमने उनकी मांगों के बारे में भी समझाया था, लेकिन वह अपनी 'हठधर्मिता' पर अड़े हैं। हम अभी भी उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन से मांग है कि वे अपनी हड़ताल समाप्त कर अपने-अपने काम पर लौटें। हड़ताल के कारण कुछ जगहों पर बिजली व्यवस्था प्रभावित हुई है।  इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है।

 

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जारी किया जमानती वारंट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी विभाग के कर्मचारी यूनियन नेताओं के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की थी। कोर्ट ने यूनियन नेताओं के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया। साथ ही 20 मार्च को कोर्ट में पेश होने को कहा है। इस बीच, उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने उच्च न्यायालय का हवाला देकर विद्युत कर्मचारी संयुक्ता संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे सहित विभिन्न संगठनों के कुल 18 पदाधिकारियों को नोटिस जारी कर तुरंत हड़ताल वापस लेने को कहा है।

 

वहीं, बिजली संकट के बीच आपात बैठक बुलाई गई है। मुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री एके शर्मा दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री निवास 5 कालिदास में यह बैठक करेंगे। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिजली निगम और प्रबंधन की कार्यशैली से नाखुश हैं। 

 

अभूतपूर्व संकट (Unprecedented crisis)
लखनऊ में संविदा कर्मियों के हड़ताल में शामिल होने से संकट और बढ़ गया है।  हड़ताल के पहले दिन राजधानी का एक चौथाई इलाका बिजली संकट की चपेट में रहा. बिल जमा करने का काम भी ठप रहा।

 

वाराणसी (Varanasi)
वाराणसी में बिजली गुल होने से पेयजल संकट खड़ा हो गया है। औद्योगिक क्षेत्र रामनगर में बिजली गुल हो गई। चांदपुर औद्योगिक क्षेत्र में भी फाल्ट व ट्रिपिंग की समस्या बनी रही। इससे औद्योगिक इकाइयों का उत्पादन प्रभावित हुआ है।

 

गोरखपुर (Gorakhpur)
गोरखपुर में शहरी और ग्रामीण इलाकों में आपूर्ति व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है. गुरुवार रात 12 बजे से संकट बढ़ने लगा। शुक्रवार सुबह तक अधिकांश जगहों के 33 केवी व 11 केवी के फीडर बंद थे। कई इलाकों में शाम चार बजे तक बिजली नहीं आई। औद्योगिक क्षेत्र गीदा में सुबह नौ बजे बिजली काटी गई और फिर शाम तक नहीं आई। इससे सैकड़ों फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप हो गया। महराजगंज में 33 में से 25 फीडर बंद हैं। यहां आटा चक्की और चावल मिल भी बंद हैं। संतकबीरनगर, बस्ती और देवरिया में भी यही स्थिति है।

 

मेरठ (Meerut)
मेरठ में बिजली लाइन में फाल्ट होने पर निजी ठेकेदारों के कर्मचारियों की मदद ली गई। सभी एसडीओ के फोन स्विच ऑफ रहे और कार्यालय पर ताले लटके रहे। यहां भी शहर व देहात के कई इलाकों में फाल्ट होने से बिजली आपूर्ति ठप रही। हालांकि प्रशासन का दावा है कि लाइन में फॉल्ट के बाद कुछ ही देर में आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। बिजनौर सर्कल में 30 और धामपुर सर्कल में 40 यानी जिले के 70 पावर स्टेशनों से आपूर्ति प्रभावित हुई। बागपत के 50 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित रही, जहां करीब 12 बजे के बाद आपूर्ति बहाल हो सकी। 

 

बरेली (Bareilly)
बरेली के 5 उपकेंद्रों में गड़बड़ी हुई, जिससे 40 हजार से अधिक परिवार प्रभावित हुए. पीलीभीत के 40 गांवों की बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई। बदायूं में फाल्ट ठीक कराने और आपूर्ति सुचारू रखने के लिए बाहर से लोगों को बुलाना पड़ा।

 

अन्य क्षेत्र
बुंदेलखंड, रोहिलखंड, अवध और पूर्वांचल के बड़े हिस्से में भी हड़ताल के कारण व्यापक बिजली संकट देखा गया।

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पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने 242 कर्मचारियों को बर्खास्त किया है
हड़ताल के चलते पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के 242 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया. साथ ही छह एजेंसियों पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी। सूची देखें
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