उत्तरप्रदेश में अलग राज्य बनाने की मांग, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने बताया की नई राजधानी का नाम क्या होना चाहिए, देखें VIDEO
अंतरराष्ट्रीय जाट संसद में हिस्सा लेते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य घोषित करने की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मेरठ को नए राज्य की राजधानी घोषित किया जाना चाहिए। इसके अलावा जाट संसद में भी आरक्षण की मांग उठाई गई।
Oct 3, 2023, 00:21 IST
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देश की राजनीति में अहम हिस्सेदारी रखने वाला राज्य उत्तर प्रदेश बंटवारे की कगार पर खड़ा है राज्य के क्षेत्रफल को लेकर कई बार इसे भागों में बांटने की मांग उठ चुकी है अब मांग उठी है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य घोषित किया जाए। इस मांग का समर्थन करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाया जाना चाहिए और मेरठ को इसकी राजधानी घोषित किया जाना चाहिए। Read also:-भारत की मेहमाननवाजी से हुए प्रभावित पाकिस्तानी क्रिकेटर शादाब खान, बोले- इतना स्वादिष्ट खाना खाकर हमारा वजन बढ़ जाएगा
संजीव बालियान ने यह बयान अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिया। उनके इस बयान के बाद लोगों ने इसका विरोध किया है।संजीव बालियान ने अपनी मांग को जायज बताते हुए कहा कि यहां की आबादी आठ करोड़ है और हाईकोर्ट यहां से 750 किलोमीटर दूर है। ऐसे में अलग राज्य की मांग पूरी तरह जायज है।
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— MK Vashisth-Managing Editor-Khabreelal Media & PR) (@vadhisth) October 2, 2023
पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग करने की मांग के अलावा जाटों के लिए आरक्षण की मांग भी संसद में उठी। केंद्र में ओबीसी वर्ग में आरक्षण देने की मांग की और बेगम पुल रैपिड स्टेशन का नाम चौधरी चरण सिंह रखने को भी कहा। कार्यक्रम के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, सर छोटू राम और राजा महेंद्र सिंह को भारत रत्न देने और देश के नए संसद भवन में महाराजा सूरजमल का स्मारक स्थापित करने की भी मांग की गई।
जो भी आरक्षण की बात करेगा, मैं उसका अनुसरण करूंगा- संजीव बालियान
जाट संसद में सभी दलों के जाट समुदाय के जन प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। संजीव बालियान ने जाटों को राष्ट्रवादी कौम बताते हुए कहा कि राजनीति में सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत है। जाटों के बिना कोई भी गाँव का प्रधान नहीं बन सकता। जाट आरक्षण पर बोलते हुए उन्होंने कहा, 'यह कहना गलत होगा कि सरकार ने कोर्ट में आरक्षण के लिए अपना पक्ष मजबूती से नहीं रखा। भविष्य में जो भी आरक्षण की बात करेगा मैं उसके पीछे खड़ा रहूँगा।” वहीं, जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि अगर हमें आरक्षण की मांग पूरी करवानी है तो राजनेताओं का सहारा लेना होगा।
जाट संसद में सभी दलों के जाट समुदाय के जन प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। संजीव बालियान ने जाटों को राष्ट्रवादी कौम बताते हुए कहा कि राजनीति में सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत है। जाटों के बिना कोई भी गाँव का प्रधान नहीं बन सकता। जाट आरक्षण पर बोलते हुए उन्होंने कहा, 'यह कहना गलत होगा कि सरकार ने कोर्ट में आरक्षण के लिए अपना पक्ष मजबूती से नहीं रखा। भविष्य में जो भी आरक्षण की बात करेगा मैं उसके पीछे खड़ा रहूँगा।” वहीं, जाट आरक्षण संघर्ष समिति के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि अगर हमें आरक्षण की मांग पूरी करवानी है तो राजनेताओं का सहारा लेना होगा।
