कांवड़ रूट पर दुकानों पर नेमप्लेट जरूरी नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर रोक लगाई, कहा-बताएं खाना शाकाहारी है या मांसाहारी
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी।
Jul 22, 2024, 15:08 IST
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी। इसके साथ ही कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के इन निर्देशों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया।READ ALSO:- रामपुर : रोडवेज बस व वोल्वो (प्राईवेट बस) में भिड़ंत, 3 की मौत, वन-वे होने के कारण सामने से आ रही बस से टकराई, 5 बच्चों समेत 60 लोग घायल
#WATCH दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के कांवड़ मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिक का नाम प्रदर्शित करने के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर रोक लगाने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "... जिस समय मुझे जानकारी मिली थी तभी मैंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट स्वयं इसे संज्ञान में ले… pic.twitter.com/NyvPd8MYAt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2024
मिली जानकारी के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें कहा गया है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने होंगे। मोइत्रा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच को बताया कि भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के लिए "अप्रत्यक्ष" आदेश पारित किए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ियां यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिकों के नाम लिखने के लिए कहने वाले सरकारी निर्देश पर रोक लगा दी है और कांवड़ियां यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिकों के नाम लिखने के लिए कहने वाले उनके निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश,… pic.twitter.com/U1uYRTyHxU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2024
बताया जा रहा है कि इसके बाद बेंच ने सिंघवी से पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड ने भोजनालय मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के संबंध में कोई औपचारिक आदेश दिया है। बेंच ने कहा, "क्या राज्य सरकारों ने कोई औपचारिक आदेश पारित किया है?" सिंघवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड द्वारा भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश "पहचान के आधार पर बहिष्कार" है और यह संविधान के विरुद्ध है। इस मामले की सुनवाई चल रही है।
मोइत्रा ने अपनी याचिका में दोनों राज्य सरकारों द्वारा जारी आदेशों पर रोक लगाने का आग्रह किया और कहा कि इस तरह के निर्देश समुदायों के बीच विवादों को बढ़ावा देते हैं। आरोप लगाया गया है कि संबंधित आदेश मुस्लिम दुकान मालिकों और कारीगरों के आर्थिक बहिष्कार और उनकी आजीविका को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जारी किया गया है।