दस्यु सुंदरी के नाम से मशहूर सीमा परिहार को 4 साल जेल की सजा, कोर्ट ने सुनाई सजा; जानिए चंबल के बीहड़ से बिग बॉस तक का सफर

सजा सुनाए जाने से पहले सीमा परिहार भारी पुलिस सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश हुईं।  अधिवक्ता कुलदीप दुबे ने सीमा के पक्ष में कोर्ट में अपनी बात रखी। सजा सुनाए जाने के बाद सीमा परिहार भावुक हो गईं। सीमा ने बताया कि उसने किसी का अपहरण नहीं किया है बल्कि डाकुओं ने खुद उसका अपहरण किया था। दस्यु उन्मूलन के दौरान मैंने समर्पण कर दिया था।
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SEEMA PARIHAAR
चंबल के बीहड़ों में दस्यु सुंदरी के नाम से मशहूर सीमा परिहार को 30 साल पुराने अपहरण के मामले में सजा सुनाई गई है। औरैया कोर्ट ने सीमा परिहार और उसके साथियों को दोषी पाते हुए चार-चार साल कैद और 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। मंगलवार को कोर्ट ने सीमा परिहार समेत 4 आरोपियों को दोषी करार दिया। चंबल के बीहड़ों में आतंक मचाने वाली दस्यु सुंदरी सीमा परिहार के खिलाफ 30 साल पहले एक युवक के अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। इसी मामले में औरैया कोर्ट ने बुधवार को सजा सुनाई। READ ALSO:-किसान आंदोलन में एक युवक की मौत, पुलिस ने किया इनकार, डल्लेवाल बोले-हम किसी को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते;

 

सजा सुनाए जाने के बाद सीमा परिहार के वकील कुलदीप दुबे ने कहा कि जिस मामले में कोर्ट ने सीमा को दोषी पाया है, उसमें सीमा ने कोई अपहरण नहीं किया है। उनका कहना है कि सीमा परिहार को ही डाकुओं ने अगवा कर लिया था। वहीं, सीमा परिहार ने सरेंडर कर दिया था जिसके बाद से उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि औरैया कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ वह हाईकोर्ट जाकर अपील करेंगे।

 


मामले की जानकारी देते हुए शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा ने बताया कि वर्ष 1994 में लाला राम गैंग की सदस्य दस्यु सुंदरी सीमा परिहार और उसके साथियों ने ट्यूबवेल पर सो रहे एक युवक का अपहरण कर लिया था। पुलिस में अपहरण का मामला दर्ज कराया गया था जो कोर्ट में विचाराधीन था। इसमें 9 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मामला कोर्ट में लंबित रहने के दौरान 9 आरोपियों में से 5 की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि बाकी आरोपियों दस्यु सुंदरी सीमा परिहार समेत चार लोगों को दोषी पाया गया है। एडीजे दस्यु प्रभावक सुनील कुमार सिंह ने उन्हें दोषी पाया था। 

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क्या था पूरा मामला
करीब तीन दशक पहले औरैया कोतवाली को इटावा जिले में शामिल किया गया था। उस समय औरैया, इटावा और जालौन सहित मध्य प्रदेश के बीहड़ों में डाकुओं का आतंक था। इनमें खूंखार डाकू लाला राम, निर्भय गुर्जर, फूलन देवी समेत दस्युओं का बोलबाला था। 19/20 मार्च 1994 की रात कोतवाली औरैया के गांव गढ़िया बख्शीराम निवासी कृष्णा त्रिपाठी ने पुलिस को तहरीर दी थी। उन्होंने पुलिस को बताया था कि उनके भाई प्रमोद त्रिपाठी ट्यूबवेल पर सो रहे थे। रात को दस्यु सुंदरी सीमा परिहार करीब 10-15 अज्ञात साथियों के साथ आई और उसके भाई का अपहरण कर लिया। औरैया थाने में अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। 

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सीमा परिहार का चंबल के बीहड़ों से बिग बॉस के घर तक का सफर 
चंबल के बीहड़ों में दस्यु सुंदरी के नाम से आतंक का पर्याय बनी सीमा परिहार का जन्म इटावा के बिठौली थाना क्षेत्र के गांव कालेश्वर की गढ़िया में हुआ था। जब सीमा परिहार जब 13 साल की थी तो दस्यु सरगना लालाराम ने उसका अपहरण कर लिया था। इसके बाद सीमा परिहार ने हथियार उठा लिए और दस्यु सुंदरी बन गई। 80 और 90 के दशक में बीहड़ों में सीमा परिहार का जबरदस्त खौफ था। सीमा पर 70 लोगों की हत्या और 150 अपहरण के मामले दर्ज थे। 

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लगभग 18 साल जंगल में बिताने के बाद सीमा ने सभी अपराध त्याग दिये। साल 2003 में सीमा ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। आत्मसमर्पण के बाद दस्यु सुंदरी सीमा परिहार ने सामाजिक जीवन की शुरुआत की। सीमा परिहार एक बार फिर तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने रियलिटी शो बिग बॉस में हिस्सा लिया।
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