Fake Birth Certificate : जन्म प्रमाण पत्र मामले में बड़ा झटका, पत्नी और बेटे समेत SP नेता आजम खान को 7 साल की सजा
इस सजा को आजम खान परिवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। जन्म प्रमाण पत्र का पूरा मामला 2017 विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी लेकिन उनके खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में हाई कोर्ट में केस दायर किया गया था।
Updated: Oct 18, 2023, 15:58 IST
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समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में कोर्ट ने पूरे परिवार को दोषी करार दिया है और तीनों को 7 साल की सजा सुनाई है। आज ही तीनों को कोर्ट से सीधे जेल भेजा जाएगा। रामपुर की MP-MLA कोर्ट ने यह आदेश दिया है। इस मामले में BJP नेता आकाश सक्सेना ने मुकदमा दर्ज कराया था। READ ALSO:-UP : उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को योगी सरकार ने दिया दिवाली गिफ्ट-मिलेगा मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर
2017 के विधानसभा चुनाव में आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की। उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार और बहुजन समाज पार्टी के नेता नवाब काजिम अली खान ने अब्दुल्ला की उम्र को हाई कोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला की विधानसभा चुनाव लड़ने की उम्र नहीं है।
VIDEO | Samajwadi Party leader Azam Khan, his wife Tanzeem Fatima and their son Abdullah Azam Khan convicted in fake birth certificate case. pic.twitter.com/XfqfunFJhe
— Press Trust of India (@PTI_News) October 18, 2023
कोर्ट ने अब्दुल्ला के जन्म प्रमाणपत्र को फर्जी करार दिया था
शैक्षिक प्रमाणपत्रों में अब्दुल्ला की जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 है जबकि उनके जन्म प्रमाणपत्र पर 30 सितंबर 1990 दर्शाया गया है। मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अब्दुल्ला द्वारा प्रस्तुत जन्म प्रमाणपत्र को फर्जी पाया था और स्वार सीट से उनका चुनाव रद्द कर दिया था। अदालत ने पाया था कि जब अब्दुल्ला ने 2017 में चुनाव लड़ा था तो उनकी उम्र 25 साल से कम थी।
अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम थी
2017 में जब अब्दुल्ला ने UP विधानसभा चुनाव लड़ा तो उनकी उम्र 25 साल से कम थी। लेकिन फिर भी उन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर चुनाव लड़ा। अब्दुल्ला आजम ने जब रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था तो शफीक अंसारी उनके प्रस्तावक थे। अब शफीक अंसारी अपना दल में हैं और अपनी आवाज से अपना दल के विधायक बने हैं। हालांकि, 2017 में स्वार सीट से अब्दुल्ला आजम ही चुनाव जीते थे।
2017 में जब अब्दुल्ला ने UP विधानसभा चुनाव लड़ा तो उनकी उम्र 25 साल से कम थी। लेकिन फिर भी उन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर चुनाव लड़ा। अब्दुल्ला आजम ने जब रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था तो शफीक अंसारी उनके प्रस्तावक थे। अब शफीक अंसारी अपना दल में हैं और अपनी आवाज से अपना दल के विधायक बने हैं। हालांकि, 2017 में स्वार सीट से अब्दुल्ला आजम ही चुनाव जीते थे।
इसके बाद इस मामले में नया मोड़ आ गया। रामपुर से BJP विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र रखने का मामला रामपुर के गंज थाने में दर्ज कराया था, जिसमें आजम खान और उनकी पत्नी तंजीन फातिमा को भी आरोपी बनाया गया था।
अब कोर्ट ने आजम खान, अब्दुल्ला आजम और तंजीन फातिमा को दोषी पाया है और तीनों को 7 साल कैद की सजा सुनाई है।