उत्तर प्रदेश में प्रॉपर्टी की कीमतों में आएगी भारी गिरावट, घर खरीदना हो जाएगा और भी आसान
उत्तर प्रदेश में अब घर बनाना और भी आसान होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार प्रॉपर्टी की कीमतें घटाने पर विचार कर रही है। ऐसे में फ्लैट और प्लॉट की कीमतों में 20-25 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है।
Jun 14, 2024, 13:02 IST
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अगर आप देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में नया घर बनाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर आई है। जल्द ही उत्तर प्रदेश की प्रॉपर्टी में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। जिसके बाद राज्य में फ्लैट और प्लॉट काफी सस्ते हो जाएंगे। रिपोर्ट्स की मानें तो उत्तर प्रदेश सरकार प्रॉपर्टी की कीमत एक चौथाई तक कम करने पर विचार कर रही है।READ ALSO:-UP : बकरीद को लेकर मुख्यमंत्री योगी का बड़ा आदेश, जानिए उत्तर प्रदेश में लोग कहां पढ़ेंगे नमाज और कहां कर सकेंगे कुर्बानी?
20-25 फीसदी तक कम होंगी कीमतें
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के लिए नई कास्टिंग गाइडलाइन लाने की तैयारी कर रही है। एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें प्रॉपर्टी की कीमत 20-25 फीसदी तक कम करने की सिफारिश की गई है। संभव है कि उत्तर प्रदेश कैबिनेट जल्द ही इसे हरी झंडी दे सकती है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के लिए नई कास्टिंग गाइडलाइन लाने की तैयारी कर रही है। एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें प्रॉपर्टी की कीमत 20-25 फीसदी तक कम करने की सिफारिश की गई है। संभव है कि उत्तर प्रदेश कैबिनेट जल्द ही इसे हरी झंडी दे सकती है।
25 साल पुरानी कास्टिंग गाइडलाइन में होगा बदलाव
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में प्रॉपर्टी की कीमत 1999 में बनी कास्टिंग गाइडलाइन से तय होती है। जिसके चलते लोगों को प्रॉपर्टी खरीदते समय कई तरह के टैक्स देने पड़ते हैं। ऐसे में प्रॉपर्टी की कीमत काफी बढ़ जाती है। उत्तर प्रदेश में एचआईजी, एमएमआई और एमआईजी श्रेणी के मकान खरीदने के लिए लोगों को मूल कीमत का 15 फीसदी कंटीजेंसी और 15 फीसदी ओवरहेड चार्ज देना पड़ता है। एलआईजी श्रेणी के मकानों पर 15 फीसदी कंटीजेंसी और 12.50 फीसदी ओवरहेड चार्ज लगता है। ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मकान खरीदने पर 15 फीसदी कंटीजेंसी और 10 फीसदी ओवरहेड चार्ज देना पड़ता है। ऐसे में एलडीए की अध्यक्षता वाली समिति ने कंटीजेंसी शुल्क में 8 फीसदी और ओवरहेड में 7.5 फीसदी की कटौती का सुझाव दिया है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में प्रॉपर्टी की कीमत 1999 में बनी कास्टिंग गाइडलाइन से तय होती है। जिसके चलते लोगों को प्रॉपर्टी खरीदते समय कई तरह के टैक्स देने पड़ते हैं। ऐसे में प्रॉपर्टी की कीमत काफी बढ़ जाती है। उत्तर प्रदेश में एचआईजी, एमएमआई और एमआईजी श्रेणी के मकान खरीदने के लिए लोगों को मूल कीमत का 15 फीसदी कंटीजेंसी और 15 फीसदी ओवरहेड चार्ज देना पड़ता है। एलआईजी श्रेणी के मकानों पर 15 फीसदी कंटीजेंसी और 12.50 फीसदी ओवरहेड चार्ज लगता है। ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मकान खरीदने पर 15 फीसदी कंटीजेंसी और 10 फीसदी ओवरहेड चार्ज देना पड़ता है। ऐसे में एलडीए की अध्यक्षता वाली समिति ने कंटीजेंसी शुल्क में 8 फीसदी और ओवरहेड में 7.5 फीसदी की कटौती का सुझाव दिया है।
समिति ने दिए सुझाव
इसके अलावा समिति ने कई अन्य सुझाव भी दिए हैं। इंद्रमणि की अध्यक्षता वाली इस समिति ने भूखंडों पर ब्याज दर कम करने की सिफारिश की है। इसके अलावा तीन साल तक 50 से ज्यादा मकान और फ्लैट खाली रहने पर उन्हें अस्वीकृत घोषित कर दिया जाएगा। वहीं, 45 दिन में पूरी रकम जमा करने पर 6 फीसदी और 60 दिन में पूरी रकम जमा करने पर 5 फीसदी की छूट दी जा सकती है।
इसके अलावा समिति ने कई अन्य सुझाव भी दिए हैं। इंद्रमणि की अध्यक्षता वाली इस समिति ने भूखंडों पर ब्याज दर कम करने की सिफारिश की है। इसके अलावा तीन साल तक 50 से ज्यादा मकान और फ्लैट खाली रहने पर उन्हें अस्वीकृत घोषित कर दिया जाएगा। वहीं, 45 दिन में पूरी रकम जमा करने पर 6 फीसदी और 60 दिन में पूरी रकम जमा करने पर 5 फीसदी की छूट दी जा सकती है।
योगी कैबिनेट जल्द जारी कर सकती है आदेश
एलडीए के वित्त नियंत्रक दीपक सिंह के मुताबिक फ्लैट और प्लॉट की कीमत कम करने को लेकर नई कास्टिंग गाइडलाइन प्रशासन को भेज दी गई है। 11 जून को अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने इस पर बैठक बुलाई थी। योगी कैबिनेट जल्द ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है। जिसके बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।
एलडीए के वित्त नियंत्रक दीपक सिंह के मुताबिक फ्लैट और प्लॉट की कीमत कम करने को लेकर नई कास्टिंग गाइडलाइन प्रशासन को भेज दी गई है। 11 जून को अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने इस पर बैठक बुलाई थी। योगी कैबिनेट जल्द ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है। जिसके बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।