मेरठ : दिल्ली-मेरठ सेक्शन में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) टनल का काम हुआ पूरा, अब शुरुआत होगी ट्रैक बिछाने के काम की
मेरठ में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) की आखिरी और चौथी टनल का काम पूरा हो चुका है। इसके साथ ही यहां रेलवे ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो गया है। अगले साल से इस ट्रैक पर यात्रियों के लिए सेवाएं शुरू हो जाएंगी।
Mar 18, 2023, 10:43 IST
| 
मेरठ: दिल्ली के सराय काले खां से 82 किलोमीटर लंबे गाजियाबाद मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर की चौथी और आखिरी सुरंग का काम पूरा हो गया है। अब इस पूरे खंड पर रेलवे ट्रैक बिछाने का काम शुरू किया जाएगा। चौथी सुरंग का भी शुक्रवार को सफलता पूर्वक ब्रेकथ्रू हो गया। सुदर्शन 8.3 (Tunnel Boring Machine) ने गांधीबाग से बेगमपुल स्टेशन के बीच करीब 750 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।Read Also:- अब स्मार्टफोन में बनाएं अपने ड्राइविंग लाइसेंस (DL) की जगह, नहीं कटेगा चालान, जानिए सॉफ्ट कॉपी के लिए कौन सा ऐप डाउनलोड करना पड़ेगा...
अधिकारियों के मुताबिक, यह गांधीबाग और बेगमपुल के बीच समानांतर सुरंग है। सुदर्शन 8.3 ने पिछले साल अक्टूबर में गांधीबाग और बेगमपुल के बीच पहली सुरंग का निर्माण कार्य पूरा किया था। आरआरटीएस (RRTS) के भूमिगत कॉरिडोर में ट्रेनों की आवाजाही के लिए दो समानांतर सुरंगों का निर्माण किया गया है। अब टनल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जल्द ही ट्रैक बिछाने का काम शुरू किया जाएगा।
टनल का काम पूरा होने के साथ ही ओएचई और सिग्नलिंग आदि का काम भी शुरू हो जाएगा। मेरठ के शताब्दी नगर के कास्टिंग यार्ड में प्रीकास्ट ट्रैक स्लैब का निर्माण किया जा रहा है। इन ट्रैक स्लैब को ट्रक-ट्रेलरों के जरिए टनल साइट पर ले जाया जाएगा, जहां इन्हें लगाया जाएगा। 2025 तक पूरे कॉरिडोर को जनता के लिए खोलने का लक्ष्य रखा गया है।
82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी सेक्शन में जल्द ही यात्रियों के लिए ट्रेनों का परिचालन शुरू होने जा रहा है। इस खंड में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन शामिल हैं। इस खंड में परीक्षणों का क्रम भी जारी है।
