मेरठ: हादसे में भतीजे और चाची की मौत, पीड़ित परिवार बोला- साजिश के तहत हुई हत्या, परिजन बोले-नहीं लेंगे शव
पीड़ितों के परिजनों ने हादसे में बुआ-भतीजे की मौत को साजिश करार दिया है। वहीं परिजनों ने भी शव लेने से इंकार कर दिया है।
Updated: Apr 28, 2023, 13:22 IST
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पुलिस की गाड़ी का पीछा करते हुए परिजनों ने हादसे का शिकार हुए बुआ-भतीजे की मौत को साजिश करार दिया है. अधिवक्ता सौरभ ने बताया कि उसका भतीजा मोहित और चेतन प्रकाश गर्ग रिश्ते में उसके भाई लगते हैं। कुछ समय पहले हापुड़ कोतवाली में चेतन प्रकाश के खिलाफ चेक बाउंस का मामला दर्ज हुआ था। देर रात हापुड़ पुलिस और वादी एक साथ आ गए, जिन्होंने यह भी नहीं बताया कि वे उन्हें क्यों ले जा रहे हैं। वे चेतन प्रकाश को जबरन उठा ले गए। हादसे की जानकारी होते ही हापुड़ पुलिस रास्ते से वापस टीपी नगर स्थित मकान में आ गई और चेतन प्रकाश गर्ग को छोड़कर भाग गई.Read Also:-वाह क्या बात! 18 लाख की नई कार हुई खराब, नाराज हुआ मालिक, गधे से खींचवा कर शोरूम तक भिजवाया, देखें Video
परिजन बोले-शव नहीं लेंगे
परिवार का आरोप है कि हत्या साजिश के तहत की गई है। जब तक आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज नहीं होता तब तक वह पोस्टमार्टम के बाद शव नहीं लेगा। दोनों के शवों को सड़क पर रखकर जाम कर दिया जाएगा। पुलिस की इस गुंडागर्दी के खिलाफ शहर के व्यवसायियों से भी सहयोग मांगा जाएगा। किसी भी सूरत में आरोपितों को बख्शा नहीं जाएगा। उधर, पता चलने पर पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे।
परिवार का आरोप है कि हत्या साजिश के तहत की गई है। जब तक आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज नहीं होता तब तक वह पोस्टमार्टम के बाद शव नहीं लेगा। दोनों के शवों को सड़क पर रखकर जाम कर दिया जाएगा। पुलिस की इस गुंडागर्दी के खिलाफ शहर के व्यवसायियों से भी सहयोग मांगा जाएगा। किसी भी सूरत में आरोपितों को बख्शा नहीं जाएगा। उधर, पता चलने पर पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे।
'मुझे जबरन उठा कर ले जाया जा रहा था, तो घबराया मेरा परिवार'
चेतन ने बताया, "बुलंदशहर के एक व्यवसायी संजीव अग्रवाल हैं। जिनसे हमारा व्यापारिक लेन-देन था। वह हमारे प्रकाशन से किताबें उधार लेते थे। वह हमें भुगतान नहीं करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने चेक विवाद का सहारा लिया। संजीव पहले से हमसे दुश्मनी रख रख रहा था।
चेतन ने बताया, "बुलंदशहर के एक व्यवसायी संजीव अग्रवाल हैं। जिनसे हमारा व्यापारिक लेन-देन था। वह हमारे प्रकाशन से किताबें उधार लेते थे। वह हमें भुगतान नहीं करना चाहते थे। इसलिए उन्होंने चेक विवाद का सहारा लिया। संजीव पहले से हमसे दुश्मनी रख रख रहा था।
संजीव के साथ गुरुवार को सादे कपड़ों में 5 पुलिसकर्मी और 10 लोग थे। उन्होंने हमें घर से उठाया। हमने अपना बचाव करने की कोशिश की। हमारी पत्नी और भतीजे द्वारा अनुरोध किया गया। उन्होंने यह नहीं बताया कि वे उन्हें कहां ले जा रहे हैं? बस इतना कहा कि मुझे हापुड़ जाना है।
मेरी पत्नी और भतीजे को एनबीडब्ल्यू वारंट दिखाने लगे। लेकिन, उसमें मेरा नाम नहीं था। फिर उन्होंने मुझे जबरन बाहर खींच लिया और एक निजी कार में बैठा लिया। मेरी पत्नी और भतीजा स्कूटी पर कार के पीछे भागे।"
उन्होंने आरोप लगाया, ''सभी पुलिसकर्मी निजी वाहनों में थे। 3 स्कॉर्पियो और दो निजी वाहन थे। मेरे वाहन के पीछे भतीजे मोहित, पत्नी चित्रा आ रहे थे। हादसे के बाद उन्होंने मुझे टीपीनगर थाने में छोड़ दिया।" पता। उन्होंने न तो कोई सबूत दिखाया और न ही नोटिस दिखाया और न ही कुछ बताया, बस मुझे ले जाने लगे।
In UP's Meerut, a trader Chetan Prakash Garg was arrested by a team of Hapur polce in a cheque bounce case. Family confronted cops over arrest. Two family members including wife and nephew of the arrested trader following police vehicle on scooty were later killed in an accident. pic.twitter.com/BL45MCNbFm
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) April 28, 2023
मोहित और चित्रा की कार कैंटर से टकराई, लाइसेंस से हुई पहचान
भतीजा मोहित व उसकी पत्नी चित्रा बिजली बंबा बाइपास से आगे डंपिंग यार्ड के पास पहुंचे तो पीछे से आ रहे एक कैंटर ने उनकी कार को टक्कर मार दी। इसमें दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने युवक की जेब से मिले लाइसेंस से मृतकों की शिनाख्त की। जिसके बाद सूचना परिजन तक पहुंची।
पुलिस ने देर रात कैंटर को कब्जे में ले लिया
पुलिस ने कैंटर को कब्जे में ले लिया। लेकिन उसका चालक मौके से फरार हो गया। देर रात जब व्यवसायी के परिजनों ने इसकी जानकारी हापुड़ पुलिस को दी। हापुड़ पुलिस ने कारोबारी को घर वापस छोड़ दिया।
पुलिस ने कैंटर को कब्जे में ले लिया। लेकिन उसका चालक मौके से फरार हो गया। देर रात जब व्यवसायी के परिजनों ने इसकी जानकारी हापुड़ पुलिस को दी। हापुड़ पुलिस ने कारोबारी को घर वापस छोड़ दिया।
पुलिस सादे कपड़ों में थी, इसलिए पीछा किया
मृतक मोहित के भाई सौरभ का कहना है कि पुलिसकर्मी सादी वर्दी में आए थे। उनकी कार भी आधिकारिक नहीं थी। जिससे आंटी और मोहित उनके पीछे स्कूटी से गए थे। मोहित सीए थे। परिवार मोहित प्रकाशन के नाम से एक प्रकाशन व्यवसाय चलाता है। जिसे उनके पिता प्रमोद गर्ग, चाचा चेतन प्रकाश समेत परिवार के सभी सदस्य चलाते हैं।
मृतक मोहित के भाई सौरभ का कहना है कि पुलिसकर्मी सादी वर्दी में आए थे। उनकी कार भी आधिकारिक नहीं थी। जिससे आंटी और मोहित उनके पीछे स्कूटी से गए थे। मोहित सीए थे। परिवार मोहित प्रकाशन के नाम से एक प्रकाशन व्यवसाय चलाता है। जिसे उनके पिता प्रमोद गर्ग, चाचा चेतन प्रकाश समेत परिवार के सभी सदस्य चलाते हैं।
हिरासत से पहले पुलिस से तीखी झड़प
परिजनों ने मीडिया को एक वीडियो भी भेजा है। ये वीडियो उस वक्त का है, जब हापुड़ पुलिस के एसआई और उनकी टीम चेतन प्रकाश गर्ग को उठाकर अपने साथ ले जाने की कोशिश कर रही थी। परिजनों और पुलिसकर्मियों के बीच काफी नोकझोंक भी हुई। परिजनों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने महिलाओं से भी बदसलूकी की।
परिजनों ने मीडिया को एक वीडियो भी भेजा है। ये वीडियो उस वक्त का है, जब हापुड़ पुलिस के एसआई और उनकी टीम चेतन प्रकाश गर्ग को उठाकर अपने साथ ले जाने की कोशिश कर रही थी। परिजनों और पुलिसकर्मियों के बीच काफी नोकझोंक भी हुई। परिजनों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने महिलाओं से भी बदसलूकी की।