लखीमपुर : भाजपा विधायक ने कवि के हाथ से लिया माइक, बोले-मैं शराब पीता हूं तो पूरे समाज के सामने, किसी का खून नहीं;
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में सदर विधायक ने जब मशहूर कवि डॉ. विष्णु सक्सेना से माइक लेकर बोलना शुरू किया तो वह बोलते ही रहे।
Oct 4, 2024, 00:00 IST
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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से भारतीय जनता पार्टी के सदर विधायक योगेश वर्मा का एक वीडियो वायरल हो रहा है। कवि सम्मेलन में विधायक कह रहे हैं कि 'मैं शराबी हूं, सबके सामने पीता हूं। अपने मित्र मंडली में पीता हूं...मेरी जिंदगी खुली किताब है। पीता हूं, पर किसी का खून नहीं पीता।' बता दें कि योगेश वर्मा दूसरी बार भाजपा से विधायक चुने गए हैं। READ ALSO:-UP : बुजुर्गों को जवान बनाने का दिया झांसा, 35 करोड़ ले कर पति-पत्नी हुए छूमंतर; 65 की उम्र में 30 का बनना संभव है?
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में सदर विधायक ने मशहूर कवि डॉ. विष्णु सक्सेना से माइक लेकर बोलना शुरू किया तो वह बोलते ही चले गए। विधायक कुल एक मिनट 18 सेकेंड बोले, जिसमें शुरुआत उन्होंने बोलते हुए कहा कि ‘न मैं कभी बदला हूं, मैं जैसा हूं आपके सामने हूं, पूरी की पूरी खुली किताब हूं आपके सामने।’
लखीमपुर खीरी में एक अक्टूबर को आयोजित कवि सम्मेलन के मंच पर सदर विधायक ने कवि डा. विष्णु सक्सेना से माइक लेकर कहा..लेकिन किसी का खून नही पिया, वीडियो वायरल..! क्या वाकई में कोई इतना सच्चा, इतना भावुक और ईमानदारी से हजारों की महफिल में बोल सकता है।तालियां लोकप्रियता बता रही है। pic.twitter.com/RQTMqI5sDi
— Shahwaz Siddiqui (@ShahwazSiddiq16) October 3, 2024
बताया जा रहा है कि 2 अक्टूबर को शहर के विलोबी मेमोरियल हॉल में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन प्रणाम का आयोजन किया गया था। जिसमें भाजपा विधायक योगेश वर्मा भी मंच पर पहुंचे थे। शाम का समय था, इसलिए विधायक जी भावनाओं में बह गए। मंच पर पहुंचे तो किसी ने कहा कि मुक्तक हो जाए।
इसके बाद विधायक ने कहा, मुक्तक तो मुझे याद नहीं है, लेकिन मैं अपनी जीवनशैली के बारे में कुछ कहना चाहता हूं। माइक के सामने खड़े होकर विधायक ने कहा, मैं कभी नहीं बदला। जो भी हूं, आपके सामने हूं। मैं पूरी तरह खुली किताब हूं। कोई नहीं कह सकता कि विधायक योगेश वर्मा क्या हैं और क्या नहीं। मैं पीता हूं तो सबके सामने पीता हूं। इल्जाम मेरे ऊपर ये है कि विधायक दरुहा हैं. हां मैं दरूहा हूं, लेकिन मैंने पूरी जिंदगी में कभी किसी का खून नहीं पिया। पीता हूं, लेकिन अपने मित्र मंडली में पीता हूं। सबके सामने बैठकर पीता हूं, ये मेरे संस्कार हैं। जब कुछ लोग विधायक से शायरी सुनाने को कहते हैं तो वह कहते हैं, मुझे शायरी तो याद नहीं है, लेकिन शेर याद है, अगर दुश्मनी करनी है तो...