Honor Killing In UP : लड़के से बात करते देख करदी बेटी की हत्या, होमगार्ड पिता ने पूछताछ में बताई घटना की पूरी सच्चाई

बागपत मर्डर केस: युवक को फोन पर बात करते देख होमगार्ड पिता ने बेटी की हत्या कर दी। आरोपी होमगार्ड ने पूछताछ में घटना का पूरा सच उगल दिया।
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baghpat
बागपत में ऑनर किलिंग की घटना हुई है। यहां होमगार्ड पिता ने अपनी 16 वर्षीय बेटी की पीट-पीटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद पिता ने भाई को घर बुलाया। शव को अपने साथ बोरे में पैक कर लिया। घर से 5 किमी दूर हिंडन नदी में फेंका। यह घटना 10 दिन पुरानी यानी 23 फरवरी की है। अज्ञात युवक का फोन आने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।Read Also:-बैंक ग्राहकों के लिए आई बड़ी खबर, बदल सकता है बैंक खुलने और बंद होने का समय; पता है क्यों.....

 

पिता को घर से उठाकर थाने ले गए। सख्ती से पूछताछ की। पिता टूट गया और उसने हत्या करना कबूल कर लिया। उसने बताया कि उसने बेटी को एक लड़के से फोन पर बात करते देखा था। गुस्से में उसने उसे इतनी जोर से मारा कि उसकी मौत हो गई। पिता के कबूलनामे के बाद गुरुवार को बच्ची का शव नदी से बरामद किया गया। पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि वह घटना में शामिल चाचा की तलाश में छापेमारी कर रही है।

 

घटना चांदीनगर थाना क्षेत्र के पंछी गांव की है। सीओ प्रीता सिंह ने बताया कि प्रमोद उपाध्याय 23 फरवरी की रात घर पहुंचा था। वह पिया हुआ था। उसने देखा कि बड़ी बेटी जिया (16) छत पर किसी लड़के से फोन पर बात कर रही थी। यह देख वह आग बबूला हो गया। उसने बेटी को पीट-पीटकर मार डाला। जिया 10वीं की छात्रा थी।Read Also:-UP : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए सख्त निर्देश, अराजकता फैलाने, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों पर हो सख्त कार्रवाई

 


हत्या के बाद उसे कुछ समझ नहीं आया। बगल में प्रमोद का भाई मोहित रहता था। वह कार चलाता था। उसने अपने भाई को फोन कर घर बुलाया। मोहित कार लेकर पहुंच गया। वहां दोनों ने शव को कार में रख दिया। रात के अंधेरे में घर से 5 किमी. शव को हिंडन नदी में फेंक दिया। यह इलाका पूरी तरह सुनसान रहता है। अमूमन यहां कोई नहीं आता।

 

बेटी की हत्या के बाद भी घर में कोई हलचल नहीं थी। पुलिस पूछताछ में पता चला कि प्रमोद अगले दिन से ही ड्यूटी पर जा रहा था। प्रमोद के जिया समेत 6 बच्चे थे। 2 बेटे और 4 बेटियां। जिया सबसे बड़ी थीं। वह 10वीं में पढ़ती थी। बाकी बच्चे भी रोज की तरह स्कूल जा रहे थे। पत्नी काम के सिलसिले में घर से बाहर जाती थी। ऐसे में गांव में किसी को ज्यादा शक नहीं हुआ। हालांकि इस दौरान प्रमोद का परिवार किसी से ज्यादा बात नहीं कर रहा था।

 

घटना के दो दिन बाद यानी 25 फरवरी को किसी अज्ञात व्यक्ति ने मुख्यमंत्री पोर्टल में शिकायत की। शिकायत में कहा गया था कि लड़की गायब है। फिर पहली बार मामला स्थानीय पुलिस तक पहुंचा। पुलिस छानबीन करते हुए प्रमोद के घर पहुंची। वहां प्रमोद नहीं मिला। जब उसने मोबाइल पर बात की तो उसने पुलिस को बरगलाया। कहा-बेटी कहीं भाग गई है। शर्म के कारण वह किसी को कुछ बता नहीं पा रहा है। पुलिस को सूचना तक नहीं दी। पिता के बयान से पुलिस को काफी हद तक यकीन हो गया। पुलिस वापस चली गई।

 

इसके बाद पुलिस ने भी उतनी सक्रियता नहीं दिखाई। सब कुछ सामान्य चल रहा था। सीओ प्रीता सिंह ने बताया कि एक मार्च को अज्ञात युवक ने थाने में फोन किया। उन्होंने बच्ची की हत्या की आशंका जताई। इस सूचना पर पुलिस फिर घर गई और पिता को उठाकर थाने ले आई। यहां कड़ी पूछताछ के बाद उसने जुर्म कबूल कर लिया और पूरी घटना बता दी।

 

जिया 10वीं क्लास में थीं। पढ़ाई में मन नहीं लगता था, दिन भर फोन पर लगी रहती  थी। फोन पर किसी से बात किया करती थी। उसे कई बार मना किया गया, फिर भी वह नहीं मानी। कुछ दिन पहले उसकी मुलाकात गांव के एक लड़के से हुई। तब भी समझाया गया था। 23 फरवरी को भी वह उसी लड़के से बात कर रही थी। मुझे गुस्सा आया तो मैंने उसे पीटना शुरू कर दिया। मुझे इतना गुस्सा आया कि उसकी मौत हो गई। इसके बाद भाई मोहित के साथ शव को हिंडन नदी में फेंक दिया और घर आ गया।

 

23 फरवरी से 2 मार्च के बीच कई दिनों तक जब जिया नहीं दिखी तो आसपास के लोगों को शक हुआ। सीओ प्रीता सिंह के मुताबिक पड़ोसियों ने परिजनों से पूछा तो उन्होंने भी गोलमोल जवाब दिया। कहाँ गई बिटिया? इस पर भी कुछ नहीं बोले। न ही बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई।

 

ग्रामीणों ने किशोरी की हत्या की आशंका जताई है। क्योंकि, गांव में चर्चा थी कि शाहजहांपुर का एक युवक नोएडा में नौकरी करता है। वह गांव में मौसी के यहां आया करता था। उस युवक और युवती के बीच अफेयर चल रहा था। कुछ दिन पहले भी जब युवक गांव आया था तो परिजनों ने युवक और जिया को बात करते देख लिया था। दोनों को पीटा। ग्रामीणों को कुछ शक था, लेकिन उनकी पुष्टि नहीं हुई।

 

ग्रामीणों ने बताया कि होमगार्ड प्रमोद नशे का आदी था। वह शराब पीकर घर आता था। वह अपनी पत्नी और बेटी के साथ मारपीट करता था। आर्थिक स्थिति भी कमजोर थी। शराब के नशे में वह लोगों से मारपीट करता था। गांव के लोग उससे नाराज थे। इसलिए उससे ज्यादा बात भी नहीं करते थे।
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