ज्ञानवापी का ASI सर्वे होगा, मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज की, तत्काल सर्वे शुरू करने का हाईकोर्ट का आदेश
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ASI ई सर्वे को ज्ञानवापी मस्जिद में जारी रखने का आदेश दिया है। मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि वे इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले लेंगे। दूसरी ओर, इस मामले में, जानकार परिसर में मुसलमानों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध की मांग की गई है।
Updated: Aug 3, 2023, 11:52 IST
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ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए आदेश दिया है कि ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे तुरंत शुरू किया जाए। इस आदेश से मस्जिद कमेटी को बड़ा झटका लगा है क्योंकि उनकी ओर से सर्वे पर रोक लगाने की मांग की गई थी। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। वहीं इस फैसले के आने के बाद ज्ञानवापी परिसर में मुसलमानों के प्रवेश को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। Read Also:-LPG Gas Connection : अगर आप LPG गैस कनेक्शन लेना चाहते हैं तो रखे इन बातो का ध्यान! इन डाक्यूमेंट्स के बिना नहीं मिलेगा कनेक्शन
ASI सर्वे से जुड़ी याचिका पर गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आया। इसके अलावा बुधवार (2 अगस्त) को एक और याचिका वाराणसी जिला अदालत में दायर की गई है। याचिका में मांग की गई है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद हिंदू प्रतीकों को नष्ट किया जा सकता है, इसलिए उनकी सुरक्षा की जाए।
याचिका में यह तर्क देते हुए कहा गया है कि मस्जिद के अंदर मुस्लिम पक्ष द्वारा हिंदू प्रतीकों और प्रतीकों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, इसलिए उन्हें बचाने के लिए परिसर में मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
STORY | Allahabad HC allows ASI survey at Gyanvapi mosque
— Press Trust of India (@PTI_News) August 3, 2023
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बुधवार (2 अगस्त) को वाराणसी जिला अदालत में दायर याचिका में दावा किया गया कि परिसर में मौजूद हिंदू प्रतीकों को मुस्लिम पक्ष के लोगों द्वारा नुकसान पहुंचाया जा रहा है, इसलिए उन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए।
क्या मुसलमानों के प्रवेश पर लगेगी रोक?
विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जीतेंद्र सिंह बिसेन ने बताया कि याचिका में राखी सिंह ने मांग की है कि ज्ञानवापी में मुसलमानों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए ताकि ASI सर्वेक्षण बिना किसी बाधा के हो सके। इस याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को प्रभावित किए बिना राज्य सरकार और जिला प्रशासन को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को पूरी तरह से सील करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जीतेंद्र सिंह बिसेन ने बताया कि याचिका में राखी सिंह ने मांग की है कि ज्ञानवापी में मुसलमानों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए ताकि ASI सर्वेक्षण बिना किसी बाधा के हो सके। इस याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को प्रभावित किए बिना राज्य सरकार और जिला प्रशासन को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को पूरी तरह से सील करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
राखी सिंह की इस याचिका पर वाराणसी जिला अदालत 4 अगस्त को सुनवाई करेगी. अब देखना होगा कि इस मामले में वाराणसी कोर्ट से कोई आदेश आता है या नहीं.
क्या है ज्ञानवापी का पूरा मामला?
दावा किया जाता है कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण मंदिर को तोड़कर किया गया था और मस्जिद के अंदर इससे जुड़े सबूत मौजूद हैं। इसी मांग पर ASI सर्वे करा रहा है। इस मामले में वाराणसी की जिला अदालत ने ASI को वजू खाने के अलावा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। ASI ने अपना सर्वे शुरू कर दिया था लेकिन मुस्लिम पक्ष की ओर से इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने को कहा था। जिसके बाद 27 जुलाई को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुनवाई की और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। 3 अगस्त को कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की सभी दलीलों को खारिज करते हुए अपना फैसला सुनाया और निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए ASI सर्वे को मंजूरी दे दी।
दावा किया जाता है कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण मंदिर को तोड़कर किया गया था और मस्जिद के अंदर इससे जुड़े सबूत मौजूद हैं। इसी मांग पर ASI सर्वे करा रहा है। इस मामले में वाराणसी की जिला अदालत ने ASI को वजू खाने के अलावा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। ASI ने अपना सर्वे शुरू कर दिया था लेकिन मुस्लिम पक्ष की ओर से इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने को कहा था। जिसके बाद 27 जुलाई को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुनवाई की और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। 3 अगस्त को कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की सभी दलीलों को खारिज करते हुए अपना फैसला सुनाया और निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए ASI सर्वे को मंजूरी दे दी।
