उत्तर प्रदेश में खुलेंगे इतने नए हाईटेक विश्वविद्यालय, लखनऊ-अयोध्या से लेकर गोरखपुर-झांसी तक को मिलेगा लाभ....
उत्तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम लिखने को तैयार है। अब छात्र प्री-प्राइमरी से लेकर यूनिवर्सिटी तक की पढ़ाई एक ही जगह पर कर सकेंगे। स्पेशल एजुकेशन जोन के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है।
Oct 27, 2024, 11:29 IST
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उत्तर प्रदेश में शिक्षा ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। ऐसे में यहां शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब राजधानी लखनऊ समेत छह जिलों में स्पेशल एजुकेशन जोन (SEZ) बनाए जाएंगे। इससे छात्र एक ही जगह प्री-प्राइमरी से लेकर यूनिवर्सिटी तक की पढ़ाई कर सकेंगे। Read also:-बुलंदशहर : छात्रा से टीचर ने कहा-आखिरी बार पूछ रहा हूं...मुझसे शादी करोगी या नहीं? एक तरफा प्यार में खुद को मारी गोली....
हर एसईजेड (SEZ) में आठ निजी विश्वविद्यालय और अन्य संस्थान खुलेंगे। इस तरह यूपी में कुल 40 नए विश्वविद्यालय खुलेंगे। छात्रों को प्रदेश में ही उच्च शिक्षा मुहैया कराने के लिए यह पहल की जा रही है। अभी 47 ऐसे जिले हैं, जहां एक भी सरकारी और निजी विश्वविद्यालय नहीं है।
स्पेशल एजुकेशन जोन के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। हर मंडल में एक विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। इसके बाद एक जिला एक विश्वविद्यालय का लक्ष्य रखा गया है। कहां होगी स्थापना? राजधानी लखनऊ की तर्ज पर जिन जिलों में एसईजेड स्थापित करने का फैसला लिया गया है, उनमें अयोध्या, गोरखपुर, आगरा, गौतमबुद्ध नगर शामिल हैं।
इसके साथ ही बुंदेलखंड के किसी एक जिले में इसकी स्थापना की जाएगी। इतना ही नहीं झांसी या चित्रकूट में से भी एक जिले का इसमें चयन किया जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के मुताबिक उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति-2024 में कई तरह के प्रोत्साहनों का प्रावधान है। इस नीति के तहत निजी और विदेशी संस्थानों को प्रदेश में अपना कैंपस खोलने पर कई तरह की रियायतें दी जाएंगी।
यहां शुरू हुआ काम
लखनऊ में मोहान रोड पर 785 एकड़ में इसकी स्थापना की जाएगी। यहां 173 एकड़ जमीन पर काम भी शुरू हो गया है। वहीं, अयोध्या में आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की जमीन कृषि विभाग देगा। आगरा में आरबीएस कॉलेज की खाली जमीन का इस्तेमाल एसईजेड स्थापित करने में किया जाएगा।
लखनऊ में मोहान रोड पर 785 एकड़ में इसकी स्थापना की जाएगी। यहां 173 एकड़ जमीन पर काम भी शुरू हो गया है। वहीं, अयोध्या में आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की जमीन कृषि विभाग देगा। आगरा में आरबीएस कॉलेज की खाली जमीन का इस्तेमाल एसईजेड स्थापित करने में किया जाएगा।
गौतमबुद्ध नगर की बात करें तो गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय की जमीन का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा गोरखपुर और बुंदेलखंड में एसईजेड के लिए जमीन चिह्नित करने का काम चल रहा है। बुंदेलखंड के झांसी या बांदा में से किसी एक जिले में इसकी स्थापना की जाएगी। इससे खासकर आकांक्षी जिलों में बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।
कैंपस कौन खोलेगा?
रिपोर्ट्स की मानें तो नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) रैंकिंग की टॉप 50 यूनिवर्सिटी और विदेशी यूनिवर्सिटी यूपी में अपने कैंपस खोलेंगी। उन्हें जमीन और स्टांप ड्यूटी में छूट मिलेगी। साथ ही कई अन्य तरह की छूट भी मिलेंगी। इससे राज्य के छात्रों को यहां बेहतर शिक्षा मिलेगी। उन्हें मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग के साथ-साथ अन्य प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई का भी मौका मिलेगा।
रिपोर्ट्स की मानें तो नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) रैंकिंग की टॉप 50 यूनिवर्सिटी और विदेशी यूनिवर्सिटी यूपी में अपने कैंपस खोलेंगी। उन्हें जमीन और स्टांप ड्यूटी में छूट मिलेगी। साथ ही कई अन्य तरह की छूट भी मिलेंगी। इससे राज्य के छात्रों को यहां बेहतर शिक्षा मिलेगी। उन्हें मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग के साथ-साथ अन्य प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई का भी मौका मिलेगा।