उत्तर प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट नेटवर्क का भंडाफोड़, पाकिस्तान और चीन से लेकर कंबोडिया तक कनेक्शन, UP-STF को मिली बड़ी सफलता

लखनऊ STF ने PGI की महिला टीचर और फिर पंचायती राज विभाग के रिटायर्ड अधिकारी से 19.5 लाख रुपए की ठगी करने वाले डिजिटल अरेस्ट गैंग के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये लोग अब तक देशभर में करोड़ों की ठगी कर चुके हैं। इनके तार चीन, पाकिस्तान और कंबोडिया से जुड़े बताए जा रहे हैं।
 | 
Digital arrest network
लखनऊ में PGI की रिटायर्ड महिला शिक्षिका से डिजिटल गिरफ्तारी के जरिए ठगी के बाद अब पंचायती राज विभाग के रिटायर्ड बुजुर्ग से 19.5 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। 19 लाख रुपये की यह ठगी एक दिन में नहीं हुई, बल्कि जालसाजों ने रिटायर्ड बुजुर्ग को 7 दिनों तक डिजिटल गिरफ्तारी में रखा और अलग-अलग दिन और समय पर उन्हें धमकाकर कुल 19.5 लाख रुपये ठग लिए। बुजुर्ग 7 दिनों तक अपने ही घर में साइबर जालसाजों के जाल में फंसा रहा और बुजुर्ग के परिवार को भी इस बात की भनक नहीं लगी। इतना ही नहीं इन जालसाजों का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन भी सामने आया है।READ ALSO:-गाजियाबाद : मोदीनगर के एक मंदिर में निकाह; हिंदू संगठनों ने किया हंगामा, जानें कैसे खुला मंंदिर के अंदर निकाह का राज?-Video

 

कैसे ठगे गए 19.5 लाख रुपये
ठाकुरगंज के कूचा सतगुरु सहाय में रहने वाले पंचायती राज विभाग के रिटायर्ड बुजुर्ग कमलकांत मिश्रा को 6 नवंबर 2024 को सुबह 10:30 बजे एक कॉल आई, जिसमें दूसरी तरफ से कहा गया कि उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी पाया गया है। कमलकांत मिश्रा को उनका आधार नंबर बताया गया और बताया गया कि उनके आधार पर केनरा बैंक में एक खाता खोला गया है जिसके जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई है, नरेश गोयल नाम के व्यक्ति ने उनके खाते में पैसे जमा किए हैं। कमलकांत मिश्रा ने यह भी कहा कि उनका केनरा बैंक में कोई खाता नहीं है और दूसरी तरफ उनसे कहा गया कि आप जो कह रहे हैं उस पर हम कैसे विश्वास कर सकते हैं...और उन्हें बातों में उलझाकर उनसे उनके सभी बैंक खातों की डिटेल मांगी गई।

 

गिरफ्तारी वारंट की बात कहकर धमकाया
ये सारी बातें कमलकांत से किसी एक व्यक्ति ने नहीं कही, बल्कि कभी किसी ने खुद को मुंबई ऑफिस से जूनियर बताया तो कभी किसी ने खुद को सीनियर बताया...कमलाकांत से कहा गया कि उनके नाम पर गिरफ्तारी वारंट जारी होने वाला है और अगर आप जेल जाने से बचना चाहते हैं तो जैसा कह रहे हैं वैसा करते रहें और इस बारे में किसी को न बताएं, वरना वे आपको जेल जाने से नहीं रोक पाएंगे।

 

कमलाकांत मिश्रा से 17.50 लाख रुपये आरटीजीएस के जरिए उनके बंधन बैंक खाते में ट्रांसफर करने को कहा गया और यह भी कहा गया कि मनी लॉन्ड्रिंग की जांच पूरी होने के बाद उनके पैसे वापस कर दिए जाएंगे। जेल जाने से बुरी तरह डरे कमलकांत ने अपने एसबीआई खाते से 17.5 लाख रुपये उनके बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद जमानत और जांच रुकवाने के बहाने कभी 95 हजार तो कभी कुछ और रकम मांगी गई। और इस तरह 7, 10, 11 और 12 नवंबर को अलग-अलग रकम मांगी गई और कमलकांत से कुल 19.5 लाख रुपये ठग लिए गए।

 

परिवार की सलाह पर पुलिस से संपर्क किया
इसके बाद भी जालसाज लगातार कमलकांत को धमकाते और डराते रहे और और पैसे मांगते रहे, लेकिन जब कमलकांत के खाते में पैसे नहीं बचे तो उन्होंने यह बात अपने परिवार वालों को बताई, जिसके बाद पुलिस में इस धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई।

 

ठगों ने पाक-चीनी नेटवर्क से कंबोडिया में ली थी ट्रेनिंग
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों का भंडाफोड़ करते हुए 7 ठगों को गिरफ्तार किया है, जिनके तार चीन और पाकिस्तान से जुड़े बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन्होंने चीन और पाकिस्तान के नेटवर्क से कंबोडिया में डिजिटल गिरफ्तारी की ट्रेनिंग ली और देशभर में करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया।

 KINATIC

गुरुग्राम के एक होटल से चलाया जाता था डिजिटल गिरफ्तारी का खेल
लखनऊ STF ने VPN से इन ठगों को ट्रैक किया। गिरोह का मास्टरमाइंड पंकज सुरेला बताया जा रहा है, जो मार्च 2024 में कंबोडिया गया था। और यहां उसने अपने पाकिस्तानी साथी के साथ मिलकर चीनी साइबर एक्सपर्ट से डिजिटल गिरफ्तारी का खेल सीखा। पंकज सुरेला मई में भारत लौटा और फिर गिरोह बनाकर डिजिटल गिरफ्तारी का खेल खेलने लगा। ये लोग अपना पूरा रैकेट हरियाणा के गुरुग्राम के एक होटल से ऑपरेट करते थे।
SONU

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।