UP : मेरठ, बरेली, प्रयागराज और झांसी में खुलेगा लाइट मेट्रो चलने का आसान हुआ रास्ता, अब नए सिरे से होगा सर्वे
छोटे शहरों खासकर मेरठ, झांसी, प्रयागराज और बरेली में हल्की मेट्रो चलाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नए सिरे से तैयारी कर रही है। इसके लिए नए सिरे से सर्वे कराया जाएगा और और इसके क्या लाभ हैं वो देखें जाएंगे।
Updated: Sep 8, 2022, 16:10 IST
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छोटे शहरों खासकर प्रयागराज, मेरठ, झांसी और बरेली में हल्की मेट्रो चलाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नए सिरे से तैयारी कर रही है। इसके लिए नए सिरे से सर्वे किया जाएगा और देखा जाएगा कि यह कितना फायदेमंद होगा। मेट्रो रेल, लाइट मेट्रो या ऐसे बड़े प्रोजेक्ट के लिए फंड की व्यवस्था की जाएगी।Read Also;-भारतीय स्टेट बैंक में 5008 पदों पर भर्ती उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा पद, 490 पद EWS के लिए रिजर्व, SC-ST के लिए फॉर्म फीस नहीं
एक्ट में होगा संशोधन
अधिनियम में मेट्रो रेल या रैपिड रेल जैसी बड़ी मेगा परियोजनाओं के लिए वैल्यू कैप्चर फाइनेंसिंग के माध्यम से वित्त पोषण प्रदान किया जाएगा। वर्तमान में विकास प्राधिकरण अधिनियम में मेगा परियोजनाओं के विकास एवं क्रियान्वयन हेतु वित्तीय व्यवस्था करने का प्रावधान नहीं है। इसके लिए अधिनियम में सुविधाओं, विकास शुल्क को परिभाषित करने का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। आवास विभाग अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव सदन में पेश किया जाएगा।
अधिनियम में मेट्रो रेल या रैपिड रेल जैसी बड़ी मेगा परियोजनाओं के लिए वैल्यू कैप्चर फाइनेंसिंग के माध्यम से वित्त पोषण प्रदान किया जाएगा। वर्तमान में विकास प्राधिकरण अधिनियम में मेगा परियोजनाओं के विकास एवं क्रियान्वयन हेतु वित्तीय व्यवस्था करने का प्रावधान नहीं है। इसके लिए अधिनियम में सुविधाओं, विकास शुल्क को परिभाषित करने का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। आवास विभाग अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव सदन में पेश किया जाएगा।
बेहतर सुविधाओं के लिए रास्ता होगा साफ
केंद्रीय नीति के मुताबिक लाइट मेट्रो, मोनो रेल या रोपवे प्रोजेक्ट शुरू करने का रास्ता साफ होगा। ऐसी परियोजनाओं को शुरू करने से पहले राज्य के लिए सर्वेक्षण करना और अपना हिस्सा साझा करना आसान होगा। लखनऊ, कानपुर और आगरा के अलावा अन्य छोटे शहरों में भी राज्य सरकार लाइट मेट्रो चलाना चाहती है, ताकि लोगों को शहरों में बेहतर परिवहन व्यवस्था मिल सके।
केंद्रीय नीति के मुताबिक लाइट मेट्रो, मोनो रेल या रोपवे प्रोजेक्ट शुरू करने का रास्ता साफ होगा। ऐसी परियोजनाओं को शुरू करने से पहले राज्य के लिए सर्वेक्षण करना और अपना हिस्सा साझा करना आसान होगा। लखनऊ, कानपुर और आगरा के अलावा अन्य छोटे शहरों में भी राज्य सरकार लाइट मेट्रो चलाना चाहती है, ताकि लोगों को शहरों में बेहतर परिवहन व्यवस्था मिल सके।
लखनऊ मेट्रो उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर
- लंबाई 22.878 किमी, मुंशीपुलिया से हवाई अड्डे तक
- 8 मार्च 2019 को लॉन्च किया गया
- दैनिक औसत 72000 कोविड से पहले और उसके बाद 56000 यात्रा कर रहे हैं
कानपुर मेट्रो
- कॉरिडोर- I IIT से नौबस्ता 23.08 किमी
- कॉरिडोर- II सीएसए विश्वविद्यालय से बर्रा 8.06 किमी
- काम शुरू होने की तारीख 15 नवंबर 2019
- समापन तिथि 30 नवंबर 2024
- प्राथमिक खंड आईआईटी से मोती झील तक 9 किमी मेट्रो सेवा का संचालन
आगरा मेट्रो
- कॉरिडोर-ए सिकंदरा से ताज ईस्ट गेट 14 KM
- कॉरिडोर- II आगरा कैंट से कालिंदी विहार 15.05 किमी
- काम शुरू होने की तारीख 7 दिसंबर 2020
- कार्य पूर्ण होने की तिथि 31 दिसम्बर 2025
- भौतिक प्रगति प्राथमिक खण्ड 11.60 प्रतिशत कार्य पूर्ण
यहाँ चलाया जाएगा
- गोरखपुर लाइट मेट्रो
- लखनऊ फेज-II चारबाग से बसंत कुंज तक 11.165 किमी
- प्रयागराज, मेरठ, झांसी और बरेली में लाइट मेट्रो का होगा सर्वे