राशन कार्ड : राशन कार्ड धारकों के लिए बड़ा झटका, सूची से नाम काट रही सरकार! जानिए कारण

राशन योजना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार एक बार फिर सख्त हो गई है। सरकार ने अब राशन कार्ड रद्द करने का कार्यक्रम शुरू कर दिया है। यह कार्यक्रम कई जिलों में चल रहा है। इसके तहत अपात्रों के नाम काटकर नए लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं।
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उत्तर प्रदेश सरकार राशन कार्ड को लेकर लगातार चर्चा में है। इससे पहले सरकार राशन कार्ड सरेंडर करने को लेकर चर्चा में थी, जिसके बाद सरकार ने जवाब दिया कि सरकार सिर्फ जांच कर रही है, सरेंडर और वसूली जैसी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. अब यूपी सरकार राज्य में सर्वे करने जा रही है कि आप कितना राशन ले रहे हैं और आप पात्र हैं या नहीं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में साल 2011 से जनगणना नहीं हुई है, यानी कई पात्र सरकार की इस मुफ्त योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। ऐसे में सरकार कई लोगों के नाम भी काट रही है। दरअसल, अब उत्तर प्रदेश सरकार जरूरतमंदों को दिए जा रहे मुफ्त राशन पर सख्त हो गई है।Read Also:-काम की खबर : आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ा जाएगा, 1 अगस्त से शुरू होगा अभियान, इस अभियान की शुरुआत महाराष्ट्र से होगी

 

सरकार को देनी होगी जानकारी
एक तरफ सरकार सर्वे कर रही है कि कोटे की दुकान पर आप कितना और क्यों मुफ्त राशन ले रहे हैं। आपको यह जानकारी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा शुरू किए जा रहे घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण में देनी होगी। अगर इसमें कोई गलती पाई जाती है तो आपका कार्ड रद्द कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं इसके तहत एक सर्वे भी किया जा रहा है कि तीन साल से ऊपर के कितने बच्चे घर में इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं और आयुष्मान से आपको कितना फायदा हो रहा है?

 

मुफ्त राशन पर सरकार सख्त
उधर, राज्य में सरकार की ओर से राशन कार्ड रद्द करने का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश भी जारी कर दिया है। आदेश के अनुसार अपात्र लोगों के नाम राशन कार्डों की सूची से काट दिए जाएंगे और केवल जरूरतमंदों को ही मुफ्त राशन का लाभ मिलेगा। आपको बता दें कि राज्य के अलग-अलग जिलों में इसकी शुरुआत हो चुकी है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में राशन कार्ड बनाने का सरकार का लक्ष्य 2011 की जनगणना के हिसाब से पूरा कर लिया गया है, इसलिए नया राशन कार्ड नहीं बनाया जा सकता, लेकिन जो इसके लिए पात्र नहीं हैं, उन्हें रद्द कर पात्र लोगो मौका दिया जा सकता है।

 

ऐसे जुड़ रहे हैं नए नाम
अब सरकार ऐसे अपात्र लोगों के नाम काटकर नए लोगों के नाम जोड़ रही है। यानी 2011 की जनगणना के अनुसार जोड़े गए नामों में से अपात्रों के नाम काटे जा रहे हैं। और रद्द किए गए अपात्र लोगों के स्थान पर नए जरूरतमंद पात्र जोड़े जा रहे हैं। यानी वर्ष 2011 के जनसंख्या अनुपात के आधार पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में भी नए नाम जुड़ रहे हैं।
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