मेरठ : लखनऊ अलाया अपार्टमेंट हादसा, पांच मंजिला इमारत में पूर्व मंत्री के दो फ्लैट, हिरासत में सपा विधायक शाहिद मंजूर का बेटा,

राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट गिरने की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। यह पांच मंजिला इमारत ढह गई है, इसमें शाहिद मंजूर के दो फ्लैट हैं। 
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लखनऊ में मंगलवार को पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट ढहने के लिए समाजवादी पार्टी के विधायक शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश और समाजवादी पार्टी सरकार में श्रम एवं रोजगार मंत्री तारिक को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। पुलिस मंत्री के बेटे नवाजिश को देर रात मेरठ से हिरासत में लेकर लखनऊ ले गई। Read Also:-26 January 2023 Wishes: भारत के 74 वें गणतंत्र दिवस पर दें यह शुभकामनाए

 

जो इमारत गिरी है उसका नाम नवाजिश के नाम पर रखा जा रहा है। बिल्डिंग में शाहिद मंजूर के 2 फ्लैट थे और नीचे ऑफिस भी था। नवाजिश पहले भी अपनी राजनीति और प्रॉपर्टी के काम से सुर्खियों में रहे हैं। नवाजिश का नाम अवैध निर्माण और जमीन कब्जाने के मामले में सामने आया है।

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मंत्री और बेटे नवाजिश बार-बार सुर्खियों में रहे

 

  • ताजा मामला लखनऊ का है कि 2003 में नवाजिश और तारिक के नाम पर चार सौ गज जमीन खरीदी गई। जिसमें 100 गज में सड़क व शेष 300 गज जमीन में अपार्टमेंट बनाया गया था। इस अपार्टमेंट में कुल 12 फ्लैट हैं। 2005 में फ्लैट तैयार कर 10 लोगों को बेचे, दो फ्लैट पूर्व मंत्री के परिवार के पास थे
  • मेरठ के बेगमपुल पर बने एक कॉम्प्लेक्स में अवैध निर्माण को लेकर 2017 में शाहिद मंजूर का नाम सामने आया था। विकास प्राधिकरण ने इस पर कार्रवाई कर परिसर को सील भी कर दिया था। इस परिसर को शाहिद मंजूर और बेटे नवाजिश ने अवैध तरीके से बनवाया था।
  • अक्टूबर 2022 में मंत्री शाहिद मंजूर के बड़े भाई ने प्रधान के बेटे पर उनके गांव राधना, किठौर में नाहर कोठी समेत करीब डेढ़ हेक्टेयर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया था। डीएम के आदेश पर जांच के लिए पहुंची राजस्व टीम ने एक बीघा जमीन पर अवैध कब्जा पाया और उसे खाली करा लिया। 

 मंत्री शाहिद मंजूर के घर देर रात पहुंची थी पुलिस

समाजवादी पार्टी में शाहिद मंजूर कद्दावर नेता माने जाते हैं। उनकी गिनती हमेशा मुलायम सिंह यादव के करीबी दोस्तों में होती रही है। मेरठ के इस स्वीकृत परिवार किठौर का राजनीति में काफी दबदबा है। शाहिद मंजूर के पिता मंजूर अहमद किठौर विधानसभा से विधायक थे। 1967 में संयुक्ता सोशलिस्ट पार्टी से मंजूर अहमद ने किठौर से चुनाव लड़ा। हालांकि, सरकार दो साल के भीतर गिर गई। उन्होंने 1969 में फिर से चुनाव लड़ा और जीते।

 


शाहिद मंजूर खुद किठौर विधानसभा से समाजवादी पार्टी की सीट पर चौथी बार विधायक बने हैं। इससे पहले शाहिद मंजूर 2002, 2007 और 2012 में भी विधायक रह चुके हैं। हालांकि 2017 में वह चुनाव हार गए थे और बीजेपी के सत्यवीर त्यागी ने जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार समाजवादी पार्टी और रालोद गठबंधन के कारण नवाजिश के पिता शाहिद मंजूर फिर से विधानसभा पहुंचने में कामयाब हो गए हैं। शाहिद मंजूर 2012 से 2017 के बीच अखिलेश यादव सरकार में श्रम एवं रोजगार विभाग में कैबिनेट मंत्री थे। वे समाजवादी पार्टी के टिकट पर दो बार लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं।

 

शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। तब नवाजिश जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन बाद में आखिरी समय में अतुल प्रधान की पत्नी के पक्ष में वोट कर दिया, जो वर्तमान में सपा की सरधना विधायक हैं। 
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