Free Ration : उत्तर प्रदेश में नई व्यवस्था हुई लागू, अब समय पर मिलेंगे गेहूं और चावल, नहीं होगी घटतौली की समस्या
उत्तर प्रदेश में राशन वितरण प्रणाली में और सुधार किया जा रहा है। योगी सरकार ने लोगों तक समय पर पहुंचने के लिए एफसीआई से कोटेदार तक गेहूं-राशन पहुंचाने की व्यवस्था की है। वाहनों पर भी नजर रखी जाएगी।
Thu, 23 Jun 2022
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उत्तर प्रदेश में करोड़ों लोगों को हर महीने सरकार की ओर से मुफ्त राशन बांटा जाता है। लोगों को समय पर और सही राशन मिले इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। नई व्यवस्था के तहत एफसीआई के गोदाम से सीधे कोटदारों को गेहूं और चावल दिए जाएंगे। जिन वाहनों को गेहूं और चावल भेजा जाएगा, उनकी भी निगरानी की जाएगी। वाहनों में जीपीएस लगाया गया है, जिससे वाहन के कभी भी कहीं भी इधर उधर जाने पर पता चल सके। नई व्यवस्था को सिंगल स्टेज सिस्टम ऑफ राशन नाम दिया गया है।
राजधानी लखनऊ में गुरुवार से सिंगल स्टेज राशन की व्यवस्था लागू कर दी गई है। संभागायुक्त रंजन कुमार व जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने अगले माह वितरित होने वाले गेहूं व चावल से भरे ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। नई व्यवस्था के तहत एफसीआई के गोदाम से सीधे कोटादारों तक गेहूं और चावल पहुंचेंगे। इससे राशन वितरण में देरी और कमी पर रोक लगेगी।
डीएसओ सुनील कुमार सिंह ने कहा कि राजधानी में संचालित 1243 कोटा दुकानों (ग्रामीण 605 और शहरी 638) पर भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदाम से सीधे तालकटोरा में राशन पहुंचाया जाएगा। इस अवसर पर संभागीय खाद्य नियंत्रक एवं संयुक्त आयुक्त खाद्य उपस्थित थे। सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश सिंह ने सिंगल स्टेज सिस्टम का स्वागत किया है।
राशन ले जाने वाले वाहनों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम
डीएसओ ने कहा कि कोटेदारों की दुकानों पर राशन ले जाने वाले वाहनों में जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस लगे हैं। इससे गाड़ियों के गोदाम से निकलकर कोटेदार की दुकान तक पहुंचाने पर नजर रखी जाएगी। अगर गाड़ी इधर-उधर चलती है तो उस पर नजर रखी जाएगी। इस योजना के लागू होने से कोटदारों को अब अपने साधन से राशन नहीं ले जाना पड़ेगा।
अब तक इसमें दुगना मेहनत और खर्चा लगता था।
अब तक गेहूं-चावल कोटेदार तक पहुंचाने में दुगनी मेहनत और दुगना खर्चा लगता था। यानी एक चरण में राशन एफसीआई से उठकर विपणन शाखा के गोदाम में जाता था। दूसरे चरण में वह विपणन शाखा के गोदाम से राशन की दुकानों पर जाते थे। ठेकेदार दो तरह के होते हैं। अब इन दोनों चरणों को समाप्त कर एकल चरण प्रणाली लागू की गई है।