उत्तर प्रदेश में हर महीने बच्चों को मिलेगा 'इनाम', मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी ने किया मेधावी पुरस्कार का ऐलान.....

 उत्तर प्रदेश में कक्षा एक और तीन के वे बच्चे मेधावी छात्र सम्मान के पात्र होंगे, जो अपनी कक्षा के हिन्दी एवं गणित विषयों में दक्ष लक्ष्य प्राप्त करेंगे।
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों के तहत मेधावी छात्रों को सम्मानित करने के लिए हर महीने निपुण सम्मान समारोह आयोजित करने का निर्देश दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि इन मेधावी छात्रों को बाकी छात्रों के लिए मिसाल के तौर पर पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने स्किल इंडिया मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विभिन्न गतिविधियों में तेजी लाने के निर्देश दिए। Read Also:-उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के लिए ख़ुशी की खबर, विमान की उड़ान का रास्ता साफ, केंद्र सरकार से मिली मंजूरी

 

एक सरकारी बयान के अनुसार, महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को इस संबंध में प्राचार्यों और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया गया है। आदेश के अनुसार कक्षा 1-3 के वे बच्चे मेधावी छात्र सम्मान के पात्र होंगे, जो अपनी कक्षा के हिन्दी एवं गणित विषयों में दक्ष लक्ष्य प्राप्त करेंगे। ऐसे बच्चों को स्कूल स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।

 

ऐप के जरिए बच्चों का आकलन किया जाएगा
बयान के अनुसार इसी क्रम में निपुण लक्ष्य एप के माध्यम से बच्चों की कुशल दक्षता का आंकलन करने का निर्णय लिया गया है। बयान के अनुसार जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) के प्राचार्य के नेतृत्व में यह मूल्यांकन किया जाएगा। बयान के अनुसार, समारोह में बच्चों के माता-पिता और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को भी आमंत्रित किया जाएगा और मेधावी छात्र को बैज प्रदान किया जाएगा।

 

कैसे होगा बच्चों का चयन?
बयान के अनुसार डायट के प्राचार्य के निर्देशन में चालू सत्र (January to March 2023) के लिए रोस्टर तैयार किया जाएगा जिसमें सभी डीएलएड प्रशिक्षार्थियों को विद्यालय आवंटित किए जाएंगे। इसके अनुसार रोस्टर इस प्रकार बनाने के निर्देश दिये गये हैं कि जनवरी से मार्च माह तक जिले के सभी विद्यालयों में एक बार कौशल लक्ष्य एप पर बच्चों का मूल्यांकन पूर्ण हो जाये। 

 

कहा गया है कि मूल्यांकन के दिन ये प्रशिक्षु आवंटित विद्यालयों का दौरा करेंगे। कहा गया है कि शिक्षक और डी.एल.एड प्रशिक्षु यह सुनिश्चित करेंगे कि मूल्यांकन के दौरान बच्चों को उत्तर देने में मदद नहीं की जाए। जवाब डालने के बाद रिजल्ट अपने आप एप पर दिखने लगेगा। सरकार ने कहा कि मूल्यांकन के परिणाम स्कूल के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के साथ साझा किए जाएंगे और संकलित मासिक प्रगति की जानकारी जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजी जाएगी।
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