कोरोना पर सीएम योगी की हाई लेवल मीटिंग, सीएम का आदेश- आईसीयू, वेंटिलेटर तैयार रखें; 1 पॉजिटिव केस आने पर 50 का कोरोना टेस्ट कराएं

एक बार फिर से कोरोना का खौफ लौट रहा है। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार भी सतर्क हो गई है। गुरुवार को करीब 8 महीने बाद मुख्यमंत्री योगी ने टीम-9 के साथ हाईलेवल मीटिंग की। 
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एक बार फिर से कोरोना का खौफ लौट रहा है। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार भी सतर्क हो गई है। गुरुवार को करीब 8 महीने बाद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने टीम-9 के साथ हाईलेवल मीटिंग की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि 1 पॉजिटिव केस कॉन्ट्रक्ट में आये तो कम से कम 50 लोगों कोरोना की जांच की जाए। हर पॉजिटिव केस की जीनोम सीक्वेंसिंग की जाए। कोविड टेस्टिंग और वैक्सीन की एहतियाती डोज बढ़ाएं। सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की मरम्मत की जाए।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार नए वेरिएंट पर नजर बनाए हुए है। एयरपोर्ट पर चौकसी बढ़ा दी गई है। जापान, अमेरिका, कोरिया, ब्राजील और चीन सहित अन्य कोविड प्रभावित देशों से लौटने वालों की स्क्रीनिंग की जा रही है।

 


24 घंटे में 27 हजार की जांच, एक भी कोरोना का नया केस नहीं
बैठक में चर्चा की गई कि पिछले एक सप्ताह से तमाम देशों में कोविड के नए मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। लेकिन, उत्तर प्रदेश में स्थिति सामान्य है। दिसंबर में उत्तर प्रदेश का कोविड पॉजिटिविटी रेट 0.01% रहा है। वर्तमान में 62 सक्रिय मामले हैं। पिछले 24 घंटों में 27,208 टेस्ट किए गए। एक भी नए मरीज की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं, 33 लोग ठीक होकर घर चले गए।

 

'जहां बीमार हों, वहां इलाज पर काम करें'
कोविड प्रबंधन में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को फिर से सक्रिय किया जाए। पीएम नरेंद्र मोदी के मंत्र 'जहां बीमार - वहां इलाज' की तर्ज पर ग्राम प्रधान, एएनएम, आशा बहन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया जाए। इन लोगों ने अब तक कोविड के खिलाफ लड़ाई में बड़ी भूमिका निभाई है। 

 


'आईसीयू, वेंटिलेटर, विशेषज्ञ-डॉक्टर की जल्द करें तैनाती'
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के बीच अस्पतालों के अधोसंरचना विकास के लिए बड़े पैमाने पर काम किया गया। हर शहर में आईसीयू, वेंटिलेटर, विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात थे। सभी अस्पतालों में चिकित्सा उपकरण, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करें। शहर की तरह गांव में भी चिकित्सा के पुख्ता इंतजाम हों।

 

'दवाएं कम कीमत पर उपलब्ध'
मुख्यमंत्री ने कहा कि दवाएं कम कीमत पर उपलब्ध हों। जीवन रक्षक दवाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज के तहत 6 शहरों में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाने हैं। इसके लिए 42 कंपनियां आगे आई हैं। 39.06 करोड़ टीकाकरण खुराक के साथ उत्तर प्रदेश सबसे अधिक टीकाकरण वाला राज्य है। प्रदेश में 4.48 करोड़ एहतियाती डोज भी लगाई गई हैं।

 

''यह सतर्क रहने का समय है' - डिप्टी सीएम
स्वास्थ्य मंत्री व डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह घबराने का नहीं, बल्कि सतर्क रहने का समय है। कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा। अस्पताल, बस, रेलवे स्टेशन, बाजार जैसे भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को फेस मास्क पहनने के लिए जागरूक किया जा रहा है। पब्लिक एड्रेस सिस्टम को सक्रिय करना। आगे की नीति राज्य स्तरीय स्वास्थ्य सलाहकार समिति के परामर्श से तय की जाएगी।

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