उत्तर प्रदेश के सभी स्कूल लौटाएंगे कोरोना काल में ली गई 15% स्कूल फीस, इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
अभिभावकों द्वारा स्कूल फीस को लेकर दायर याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। वर्ष 2020-21 में ली जाने वाली फीस का 15% माफ किया जाएगा।
Jan 16, 2023, 19:57 IST
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उत्तर प्रदेश के सभी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक बहुत बड़ी राहत की खबर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि प्रदेश के सभी स्कूलों में कोरोना काल में ली जाने वाली फीस पर 15 फीसदी की छूट दी जाएगी। ऐसे में प्रदेश के सभी स्कूलों में साल 2020-21 में ली जाने वाली फीस पर यह फैसला लिया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला अभिभावकों द्वारा स्कूल फीस को लेकर दायर याचिकाओं पर दिया है। यह फैसला इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जेजे मुनीर ने दिया। Read Also:-सीबीएसई (CBSE) 10वीं और 12वीं क्लास के छात्र ध्यान दें...बोर्ड परीक्षा से पहले आई जरूरी सूचना
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के सभी स्कूलों को साल 2020-21 के दौरान ली गई फीस का 15 फीसदी वापस करना होगा। कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस के अलावा एक रुपया भी लेना मुनाफाखोरी है।
Allahabad high court ordered private schools to pay back the extra money that was charged to students during the covid pandemic violating the Supreme Court order to adjust the money in the future fee payment.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 16, 2023
जोधपुर बनाम राजस्थान राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला अदालत में याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस करते हुए दिया गया था। इसमें कहा गया है कि निजी स्कूलों द्वारा बिना कोई सेवा प्रदान किये फीस की मांग करना शिक्षा का व्यावसायीकरण है। इसे शिक्षण संस्थान की मुनाफाखोरी बताया गया है।
फीस कैसे वापस होगी?
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार वर्ष 2020-21 में लिए जाने वाले शुल्क का 15 प्रतिशत अगले सत्र में पूर्ण शुल्क के साथ समायोजित करना होगा। वहीं, स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की फीस वापस की जाएगी। यह फैसला हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और जस्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ ने दिया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार वर्ष 2020-21 में लिए जाने वाले शुल्क का 15 प्रतिशत अगले सत्र में पूर्ण शुल्क के साथ समायोजित करना होगा। वहीं, स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की फीस वापस की जाएगी। यह फैसला हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और जस्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ ने दिया है।
यह फैसला आज 16 जनवरी 2023 को आया है। इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई 06 जनवरी 2023 को हुई। राज्य के सभी स्कूलों को कोर्ट ने इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 2 महीने का समय दिया है।
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