15 साल पुराने वाहन होंगे कबाड़, उत्तर प्रदेश में 50 फीसदी टैक्स छूट, स्क्रैप (Scrap) नीति को मंजूरी....

उत्तर प्रदेश स्क्रैप पॉलिसी: राज्य के परिवहन मंत्री ने कहा कि 15 साल पुराने वाहन को स्क्रैप करने पर राज्य सरकार 50 फीसदी टैक्स छूट देगी। उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने नई वाहन स्क्रेप नीति को मंजूरी दे दी है।
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UP Scrap Policy 2023: उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। राज्य के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि 15 साल पुराने वाहन को स्क्रैप करने पर राज्य सरकार टैक्स में 50 फीसदी की छूट देगी। इसके अलावा 20 साल पुराने वाहन पर टैक्स और पेनाल्टी में 75 फीसदी की छूट दी जाएगी। नई कबाड़ नीति की मंजूरी से राज्य में प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिलेगी और लोगों को अपने पुराने वाहनों को कबाड़ करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।Read Also:-H3N2 Virus : दिल्ली-एनसीआर में 40 फीसदी बढ़े खांसी-जुकाम के मरीज, जानिए H3N2 के लक्षण

 

राज्य सरकार के मंत्री के मुताबिक नई स्क्रैप पॉलिसी के लिए केंद्र सरकार 300 करोड़ रुपए देगी। इससे पहले फरवरी में केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके तहत केंद्र व राज्य सरकार के 15 साल पुराने वाहनों को कबाड़ बनाना है। नया नियम परिवहन विभाग और रोडवेज बसों और अन्य वाहनों पर भी लागू होगा।

 

सरकारी वाहनों की स्क्रैपिंग
सड़क परिवहन मंत्रालय के मुताबिक राज्य सरकार 15 साल पुराने निजी वाहनों के साथ ही विभाग में इस्तेमाल होने वाले पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग बढ़ा रही है। पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग फैसिलिटी (RVSF) में 15 वर्ष या उससे अधिक के सरकारी एवं अर्धसरकारी वाहनों को स्क्रैप करने के संबंध में पत्र 23 जनवरी को जारी किया गया था। इसके साथ ही ट्वाहनों की जानकारी वाली एक गूगल शीट भी थी।

 

केंद्र सरकार ने 2,000 करोड़ का फंड बनाया
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 28 नवंबर, 2022 को निजी वाहनों के लिए रोड टैक्स में 15 प्रतिशत की छूट और आठ साल से कमर्शियल वाहनों के लिए कुल टैक्स में 10 प्रतिशत की छूट की अधिसूचना भी जारी की गई थी। इसके अलावा केंद्र सरकार ने इस अभियान को बढ़ावा देने के लिए 2,000 करोड़ रुपए का फंड तैयार किया है।

 

इस तरह मिलेगा लाभ
इस कोष का लाभ 'पहले आओ पहले पाओ' की तर्ज पर मिलेगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए राज्य सरकार को माइलस्टोन-1 से माइलस्टोन-2 तक का सफर करना होगा। माइलस्टोन-2 का लक्ष्य हासिल करने के बाद सड़क परिवहन मंत्रालय राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपये देगा। 

 

  • माइलस्टोन-1 के तहत 15 साल से पुराने सभी सरकारी वाहनों को आरवीएसएफ (RVSF) में कबाड़ करने के लिए शासनादेश जारी करना अनिवार्य होगा। यह आदेश राज्य सरकार के सक्षम विभाग द्वारा जारी किया जाना चाहिए।

 

  • माइलस्टोन-2 के तहत 15 साल से अधिक पुराने सभी सरकारी वाहनों को चयनित मापदंड के अनुसार स्क्रैप किया जाएगा। स्क्रैप किए गए वाहनों की कुल संख्या कम से कम राज्य सरकार द्वारा जारी सरकारी आदेश में पंजीकृत वाहनों की संख्या के बराबर होनी चाहिए। सभी वाहनों को आरवीएसएफ (RVSF) में ही स्क्रैप किया जाना चाहिए।

 

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