UP : ज्ञानवापी केस में बड़ा फैसला, हिंदू पक्ष को मिला तहखाने में पूजा का अधिकार, कोर्ट ने दिया आदेश
बुधवार को कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा की इजाजत को लेकर आदेश जारी कर दिया है। पूजा करने की इजाजत दे दी गई है। मंगलवार को जिला जज की अदालत में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गयी। तहखाने के रिसीवर डीएम हैं।
Jan 31, 2024, 15:46 IST
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ज्ञानवापी मामले में बुधवार को बड़ा फैसला आया. ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा का अधिकार मिल गया। वाराणसी कोर्ट ने ये फैसला सुनाया. वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में मंगलवार को हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई। ज्ञानवापी मस्जिद में एक तहखाना है, जिसमें सोमनाथ व्यास एक देवता की मूर्ति की पूजा करते थे।READ ALSO:-उत्तर प्रदेश सरकार का कांवड़ कॉरिडोर क्या है? जिसके लिए काटा जाएगा 1 लाख पेड़ों को?
जिला जज ने अपने आदेश में कहा है कि पूजा विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों द्वारा करायी जाये और बैरिकेडिंग हटाने की व्यवस्था की जाये। याचिका में सोमनाथ व्यास जी के पोते शैलेन्द्र पाठक ने बेसमेंट में पूजा करने की इजाजत मांगी थी। 17 जनवरी को कोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन ने व्यास जी के तहखाने को अपने कब्जे में ले लिया था। एएसआई (ASI) के सर्वे ऑपरेशन के दौरान बेसमेंट की सफाई की गई थी।
कोर्ट ने आदेश में क्या कहा?
वाराणसी की जिला अदालत के जज ने कहा है कि व्यास जी के तहखाने के संरक्षक अब वाराणसी के जिलाधिकारी बन गए हैं, इसलिए विश्वनाथ मंदिर के पुजारी उस तहखाने की सफाई कराएंगे। वहां लगी बैरिकेडिंग हटा दी जाएगी और फिर वाराणसी मंदिर के पुजारी ब्यास बेसमेंट के अंदर नियमित रूप से पूजा करेंगे।
वाराणसी कोर्ट पहले ही इंतजामिया कमेटी के हिंदू पक्ष और मस्जिद पक्ष की दलीलें सुन चुका था। आज दोपहर कोर्ट बैठते ही सबसे पहले फैसला सुनाया कि ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में 1993 तक चली आ रही पूजा का अधिकार हिंदू पक्ष को दे दिया गया है।
सोमनाथ व्यास के परिवार को कोर्ट ने दिया पूजा का अधिकार
वाराणसी कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि वह सोमनाथ व्यास के परिवार को पूजा का अधिकार देती है। इस मामले में सोमनाथ के पोते शैलेन्द्र पाठक ने अपील की थी और इस पर फैसला आ गया है यानी व्यास परिवार को पूजा का अधिकार मिल गया है।
वाराणसी कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि वह सोमनाथ व्यास के परिवार को पूजा का अधिकार देती है। इस मामले में सोमनाथ के पोते शैलेन्द्र पाठक ने अपील की थी और इस पर फैसला आ गया है यानी व्यास परिवार को पूजा का अधिकार मिल गया है।
हाईकोर्ट जाएंगे-अंजुमन इंतजामिया कमेटी
अंजुमन इंतजामिया कमेटी की ओर से वकील ने कहा कि हमने विरोध किया था कि यह वक्फ संपत्ति है, इस मामले की सुनवाई ही नहीं हो सकती। फैसले की कॉपी पढ़ने के बाद वह ऊपरी अदालत यानी हाई कोर्ट जाएंगे।
अंजुमन इंतजामिया कमेटी की ओर से वकील ने कहा कि हमने विरोध किया था कि यह वक्फ संपत्ति है, इस मामले की सुनवाई ही नहीं हो सकती। फैसले की कॉपी पढ़ने के बाद वह ऊपरी अदालत यानी हाई कोर्ट जाएंगे।
तहखाने में 1993 में पूजा बंद कर दी गई थी
ज्ञानवापी मस्जिद में एक तहखाना है, जिसमें सोमनाथ व्यास एक देवता की मूर्ति की पूजा करते थे। दिसंबर 1993 में प्रदेश की मुलायम सिंह यादव सरकार के मौखिक आदेश पर तहखाने में पूजा-पाठ पर रोक लगाते हुए बेसमेंट को सील कर दिया गया था। बाद में इसकी भी बैरिकेडिंग कर दी गई। व्यास जी यानी सोमनाथ व्यास ने अपने दो सहयोगियों रामरंग शर्मा और हरिहर पांडे के साथ ज्ञानवापी परिसर में क्षेत्र संख्या 9130, 1931 और 1932 के स्वामित्व को लेकर याचिका दायर की थी।
ज्ञानवापी मस्जिद में एक तहखाना है, जिसमें सोमनाथ व्यास एक देवता की मूर्ति की पूजा करते थे। दिसंबर 1993 में प्रदेश की मुलायम सिंह यादव सरकार के मौखिक आदेश पर तहखाने में पूजा-पाठ पर रोक लगाते हुए बेसमेंट को सील कर दिया गया था। बाद में इसकी भी बैरिकेडिंग कर दी गई। व्यास जी यानी सोमनाथ व्यास ने अपने दो सहयोगियों रामरंग शर्मा और हरिहर पांडे के साथ ज्ञानवापी परिसर में क्षेत्र संख्या 9130, 1931 और 1932 के स्वामित्व को लेकर याचिका दायर की थी।