केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया भगवान हनुमान जी की 54 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण, क्या है इस मंदिर की मान्यता? देखें Video

यह प्रतिमा अहमदाबाद से करीब 150 किमी दूर सलंगपुर हनुमान मंदिर परिसर में बनाई गई है। मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से लोगों को शनि देव के कोप से मुक्ति मिलती है।
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Jai Hanuman Ji
आज पुरे देश में हनुमान जयंती का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के बोटाद जिले के सलंगपुर मंदिर में भगवान हनुमान की 54 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। इसके अलावा अमित शाह ने सलंगपुर हनुमान मंदिर में श्री कष्टभंजनदेव भोजनालय का उद्घाटन किया। यह रेस्टोरेंट सात एकड़ में बना है।Read Also:-Coronavirus: देश में कोरोना के मामलों में उछाल, 24 घंटे में 5353 केस दर्ज; यह पिछले 195 दिनों में सबसे ज्यादा है

 मंदिर परिसर में 54 फीट ऊंची बजरंग बली की प्रतिमा की पूजा-अर्चना करते हुए गृहमंत्री अमित शाह - Dainik Bhaskar

यह प्रतिमा अहमदाबाद से करीब 150 किमी दूर सलंगपुर हनुमान मंदिर परिसर में बनाई गई है। मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से लोगों को शनि देव के कोप से मुक्ति मिलती है। जानकारी के मुताबिक पंचधातु से बनी 30 हजार किलो वजनी इस मूर्ति को सात किमी की दूरी से देखा जा सकता है। इसके अलावा इस प्रतिमा की कीमत छह करोड़ रुपए है। कष्टभंजन हनुमान मंदिर की स्थापना विक्रम संवत 1905 में हुई थी। इसका निर्माण सद्गुरु गोपालानंद स्वामी ने करवाया था। गुजरात के बोटाद जिले के सलंगपुर में बने काष्ठभंजन हनुमान को यहां हनुमान दादा के नाम से पुकारा जाता है।

 कष्टभंजन हनुमानजी सोने के सिंहासन पर विराजमान हैं।

इस मंदिर की क्या है मान्यता?
ऐसी मान्यता है कि यहां आने से लोगों को शनि देव के कोप से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि बहुत पहले की बात है जब लोगों को शनि देव का कोप झेलना पड़ रहा था तब भक्तों ने हनुमान जी की पूजा की थी। जिसके बाद हनुमानजी ने लोगों को शनिदेव के कोप से मुक्त किया था।

 


माना जाता है कि लोगों पर शनि देव के प्रकोप से हनुमान जी नाराज हो गए थे, जिसके बाद वे शनिदेव से युद्ध करने निकल पड़े, लेकिन जब शनिदेव को इस बात का पता चला तो वे इसका उपाय सोचने लगे। बजरंगबली से बचने के लिए शनिदेव ने स्त्री का रूप धारण किया क्योंकि वे जानते थे कि हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं इसलिए वे कभी किसी स्त्री पर हाथ नहीं उठाते। लेकिन हनुमानजी ने शनिदेव को पहचान लिया। जिसके बाद शनिदेव हनुमान जी के चरणों में गिरकर क्षमा याचना करने लगे तो बजरंगबली ने उन्हें अपने चरणों के नीचे रख लिया। तभी से शनि देव कष्टभंजन हनुमान मंदिर में बजरंगबली के पैरों के नीचे स्त्री रूप में विराजमान हैं और इसी रूप में उनकी पूजा की जाती है।
यहां हनुमानजी को महाराजाधिराज के नाम से भी जाना जाता है।
 
हनुमान जयंती से पहले गृह मंत्रालय ने राज्यों को सख्त हिदायत दी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हनुमान जन्मोत्सव को लेकर राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। मंत्रालय ने सभी राज्यों से कानून व्यवस्था बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि त्योहार शांतिपूर्वक आयोजित हो। गृह मंत्रालय ने राज्यों को ऐसी घटनाओं पर नजर रखने का निर्देश दिया है, जिससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा पैदा हो। गृह मंत्रालय की यह सलाह रामनवमी के त्योहार पर कुछ राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा के मद्देनजर आई है।

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गृह मंत्री के कार्यालय ने ट्वीट किया, "राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों को कानून व्यवस्था बनाए रखने, त्योहार के दौरान शांति बनाए रखने और सभी प्रकार के कारणों या लोगों पर नजर रखने की जरूरत है, जो समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की संभावना रखते हैं।" केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि हनुमान जयंती के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने में राज्य पुलिस की सहायता के लिए पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है।
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