आसमान में दिखेंगे दो चांद! महाभारत से जुड़ा है 'मिनी मून' का रहस्य, पहले भी दिखा था मिनी मून, ISRO ने किया बड़ा खुलासा

 चांद को जल्द ही आसमान में एक साथी मिल जाएगा, लेकिन नया मिनी मून नहीं दिखेगा। इस बारे में इसरो (ISRO) ने बड़ा खुलासा किया है। इस मिनी मून का रहस्य महाभारत से जुड़ा है। आइए जानते हैं ISRO का क्या है ये नया खुलासा?
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mystery of 'mini moon' is related to Mahabharata
अब आसमान में एक नहीं बल्कि दो चांद दिखाई देंगे। नया मिनी मून पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। यह परिक्रमा 53 दिनों तक चलेगी। नए चांद का नाम 2024 पीटी5 (PT5) है, जिसका व्यास मात्र 10 मीटर है। यह सामान्य चांद से करीब 350,000 गुना छोटा है, जिसका व्यास 3,476 किलोमीटर है, इसलिए लोग इस चांद को अपनी आंखों से नहीं देख पाएंगे। इसरो (ISRO) के नेटवर्क फॉर स्पेस ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग एंड एनालिसिस (NETRA) के प्रमुख डॉ. एके अनिल कुमार ने इसकी पुष्टि की है। READ ALSO:-अंतरिक्ष में 'चहलकदमी' कर धरती पर लौटा यह अरबपति, 740 KM की ऊंचाई पर चलकर बनाया रिकॉर्ड, दुनिया की पहली प्राइवेट स्पेसवॉक

 

इसरो मिनी मून की गतिविधियों पर करीब से नजर रख रहा है। अंतरिक्ष एजेंसी ने यह भी साफ किया कि यह क्षुद्रग्रह पृथ्वी से नहीं टकराएगा। मिनी मून 29 सितंबर से 25 नवंबर तक करीब दो महीने तक पृथ्वी की परिक्रमा करेगा और यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल से अलग होकर फिर सूर्य की परिक्रमा शुरू कर देगा। 

 

महाभारत से जुड़ा मिनी मून
नासा के एस्टेरॉयड टेरेस्ट्रियल-इम्पैक्ट लास्ट वार्निंग सिस्टम (ATLAS) द्वारा खोजे गए इस एस्टेरॉयड का संबंध हिंदू महाकाव्य महाभारत से भी है। अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी (RNAAS) के रिसर्च नोट्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में खगोलविदों का कहना है कि 2024 PT5 के कक्षीय गुण अर्जुन एस्टेरॉयड बेल्ट से आने वाले एस्टेरॉयड से मिलते जुलते हैं। NETRA के डॉ. अनिल कुमार भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि 2024 PT5 अर्जुन एस्टेरॉयड समूह का हिस्सा है।

 

'अर्जुन' सौरमंडल में क्षुद्रग्रहों का एक अनूठा समूह है
'अर्जुन' सौरमंडल में क्षुद्रग्रहों का एक अनूठा समूह है। इस एस्टेरॉयड समूह का नाम 1991 में रखा गया था, जब खगोलशास्त्री रॉबर्ट एच. मैकनॉट ने उसी साल 1 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के साइडिंग स्प्रिंग ऑब्जर्वेटरी में '1991 VG' नामक एक एस्टेरॉयड की खोज की थी। उन्होंने हिंदू महाकाव्य महाभारत के चरित्र से प्रेरित होकर 'अर्जुन' नाम चुना था। इसे आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) द्वारा अनुमोदित किया गया था।

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पहले भी देखा गया था मिनी मून
आपको बता दें कि हिंदू पौराणिक कथाओं में अर्जुन को उनकी बहादुरी, अद्वितीय तीरंदाजी कौशल और बुद्धिमत्ता के लिए जाना जाता है। यह नाम क्षुद्रग्रह के सौर मंडल से तेजी से गुजरने, अर्जुन के तीखे बाणों की तरह और इसकी अप्रत्याशित प्रकृति को दर्शाता है। RNAS रिपोर्ट के लेखक खगोलविद कार्लोस डे ला फुएंते मार्कोस और राउल डे ला फुएंते मार्कोस ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब पृथ्वी के चारों ओर एक मिनी मून देखा जाएगा। इससे पहले 1997, 2013 और 2018 में भी ऐसी ही घटनाएं हो चुकी हैं।
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